परमेश्‍वर का राज हुकूमत कर रहा है!

परमेश्‍वर का राज सबसे उम्दा सरकार है और उसी की हुकूमत में लाखों लोग एक सुरक्षित और खुशहाल ज़िंदगी जी रहे हैं। क्या आप उस राज के एक नागरिक बनना चाहते हैं?

शासी निकाय का खत

2 अक्टूबर, 1914 को भाई रसल ने जिस बात की रोमांचक घोषणा की, वह कैसे सच साबित हुई है?

अध्याय 1

“तेरा राज आए”

यीशु ने किसी और विषय से ज़्यादा परमेश्‍वर के राज के बारे में सिखाया। यह राज कब और किस मायने में आएगा?

अध्याय 2

स्वर्ग में राज की शुरूआत

किसने धरती पर मसीह के लोगों को राज के लिए तैयार होने में मदद दी? कौन-सी बातें दिखाती हैं कि यह राज एक असल सरकार है?

अध्याय 3

यहोवा अपने मकसद के बारे में समझ देता है

क्या शुरू से ही परमेश्‍वर का मकसद था कि वह एक राज कायम करेगा? यीशु ने राज के बारे में कैसे ज़्यादा समझ दी?

अध्याय 4

यहोवा अपने नाम को ऊँचा करता है

परमेश्‍वर के राज ने उसके नाम के बारे में क्या हासिल किया है? आप परमेश्‍वर का नाम पवित्र करने के लिए क्या कर सकते हैं?

अध्याय 5

राजा राज की सच्चाइयों को रौशन करता है

परमेश्‍वर के राज, राज के शासकों और उसकी प्रजा के बारे में और राज के वफादार रहने के लिए क्या करना ज़रूरी है, इस बारे में सही समझ पाइए।

अध्याय 6

प्रचार करनेवाले लोग​—अपनी इच्छा से खुद को पेश करते हैं

यीशु को क्यों भरोसा था कि आखिरी दिनों में अपनी इच्छा से प्रचार करनेवालों की एक सेना ज़रूर होगी? आप किस तरह पहले राज की खोज कर सकते हैं?

अध्याय 7

प्रचार करने के तरीके​—लोगों तक संदेश पहुँचाने के अलग-अलग तरीके

जानिए कि परमेश्‍वर के लोगों ने अंत आने से पहले ज़्यादा-से-ज़्यादा लोगों तक खुशखबरी पहुँचाने के लिए कौन-से नए-नए तरीके अपनाए।

अध्याय 8

प्रचार के साधन​—पूरी दुनिया के लोगों के लिए प्रकाशन

हमारे अनुवाद काम से कैसे साबित होता है कि यीशु हमारे साथ है? हमारे प्रकाशनों से जुड़ी कौन-सी बातें आपको यकीन दिलाती हैं कि राज एक असली सरकार है?

अध्याय 9

प्रचार काम के नतीजे​—‘खेत कटाई के लिए पक चुके हैं’

यीशु ने लोगों को इकट्ठा करने के महान काम के बारे में अपने चेलों को दो अहम बातें बतायीं। आज हम पर भी ये बातें कैसे लागू होती हैं?

अध्याय 10

राजा अपने लोगों को उपासना के मामले में शुद्ध करता है

क्रिसमस और क्रूस में क्या बात मिलती-जुलती है?

अध्याय 11

नैतिक मामलों में शुद्ध किया गया​—परमेश्‍वर की तरह पवित्र

सन्‌ 1914 से परमेश्‍वर के लोगों के लिए, यहेजकेल के दर्शन के मंदिर में दिखाए दरवाज़ों और पहरेदारों के खानों के खास मायने रहे हैं।

अध्याय 12

‘शांति के परमेश्‍वर’ की सेवा करने के लिए व्यवस्थित

बाइबल में गड़बड़ी के विपरीत शब्द के तौर पर शांति का ज़िक्र किया गया है, न कि कायदे का। क्यों? इसका जवाब जानना आज हम मसीहियों के लिए क्यों ज़रूरी है?

अध्याय 13

राज के प्रचारक अदालत का दरवाज़ा खटखटाते हैं

आज के कुछ हाई कोर्ट के जज भी साक्षियों के बारे में गमलीएल के जैसा नज़रिया रखते हैं, जो पुराने ज़माने में कानून का शिक्षक था।

अध्याय 14

परमेश्‍वर के लोग सिर्फ उसके राज के वफादार रहते हैं

राजनैतिक मामलों में निष्पक्ष रहने की वजह से यहोवा के साक्षियों पर विरोध की नदी उमड़ आयी, मगर अचानक किसी ने उस नदी का पानी निगल लिया।

अध्याय 15

उपासना करने की आज़ादी के लिए लड़ाई

परमेश्‍वर के लोगों ने परमेश्‍वर के राज के नियमों को मानने के अधिकार के लिए मुकदमे लड़े हैं।

अध्याय 16

उपासना के लिए इकट्ठा होने का इंतज़ाम

यहोवा की उपासना करने के लिए रखी जानेवाली सभाओं से पूरा फायदा पाने के लिए हम क्या कर सकते हैं?

अध्याय 17

राज के सेवकों का प्रशिक्षण

परमेश्‍वर के संगठन के स्कूलों में राज के सेवकों को कैसे अपनी ज़िम्मेदारियाँ निभाना सिखाया जाता है?

अध्याय 18

राज के कामों का खर्चा कैसे पूरा होता है

पैसा कहाँ से आता है? इसका इस्तेमाल कैसे किया जाता है?

अध्याय 19

निर्माण काम से यहोवा की महिमा होती है

उपासना के लिए बनायी गयी इमारतों से परमेश्‍वर की महिमा होती है, फिर भी वह इनसे ज़्यादा किसी और बात को अनमोल समझता है।

अध्याय 20

राहत सेवा

हम कैसे जानते हैं कि राहत काम हमारी पवित्र सेवा का एक हिस्सा है?

अध्याय 21

परमेश्‍वर का राज अपने दुश्‍मनों को मिटा देगा

हर-मगिदोन के युद्ध के लिए आप अभी से तैयारी कर सकते हैं।

अध्याय 22

परमेश्‍वर का राज धरती पर उसकी मरज़ी पूरी करेगा

आप क्यों यकीन रख सकते हैं कि यहोवा के वादे पूरे होंगे?