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“हे यहोवा, . . . मुझे तुझ पर भरोसा है”

“हे यहोवा, . . . मुझे तुझ पर भरोसा है”

देखिए कि किस तरह हिजकियाह ने चारों तरफ से दबाव आने पर भी विश्वास और वफादारी का सबूत देते हुए सही फैसले किए और इस तरह अपने पूरे राष्ट्र और आज यहोवा के सेवकों के लिए एक बढ़िया मिसाल रखी।