2 थिस्सलुनीकियों की किताब पर एक नज़र
अगर परमेश्वर से बगावत करनेवाले हमारी सोच को उनके जैसा ढालने की कोशिश करें, तो ऐसे में हम कैसे परमेश्वर के वफादार बने रह सकते हैं?
अगर परमेश्वर से बगावत करनेवाले हमारी सोच को उनके जैसा ढालने की कोशिश करें, तो ऐसे में हम कैसे परमेश्वर के वफादार बने रह सकते हैं?