हिम्मत से काम ले
1. अँधेरा है
पर जागके वो
दुआ करती मन में,
‘याह सँभालना तू
मेरे बच्चों को,
रहें वफादार तेरे।’
जब बोझ बन जाते भारी
वो आशा ना हारती कभी।
हरदम करती है प्यार और वो गीत
ये रखती याद सदा,
(कोरस)
ना कभी डरना
दूँगा बल तुझे।
साथ चलूँगा मैं
हाथ तेरा थामे।
तू हिम्मत से काम ले
उसे गीत पसंद ये।
मज़बूत करेगा याह
ताकत देके तुझे।
(खास पंक्तियाँ)
बस गुज़ारा मिले
उतना ही चाहे।
जाने ना क्या हो आगे
चिंता क्यों करे
सच्चे दोस्त हैं उसके
प्यार सब करते जो उससे।
2. उठेगी फिर
उड़ने ऊँचा
है मानो वो उकाब।
उसके काम कितने
पर घंटे ना इतने
सो करती वो दुआ दिल में।
थकी-हारी है फिर भी
पूरी कोशिश करती रहती,
पर उसको बल मिलता उस गीत से
जो रखती याद सदा,
(कोरस)
ना कभी डरना
दूँगा बल तुझे।
साथ चलूँगा मैं
हाथ तेरा थामे।
तू हिम्मत से काम ले
उसे गीत पसंद ये।
मज़बूत करेगा याह
ताकत देके तुझे।
मज़बूत करेगा याह
ताकत देके तुझे।