“हों खुश सदा”
1. याह की सृष्टि है विशाल,
ज़िंदगी, भी कमाल।
आशीषें बरसायीं याह ने हम पे कि हों खुशहाल।
पर सबसे है अनमोल यहोवा का प्यार, संजोएँ हर हाल।
(कोरस)
तारीफ करें हम यहोवा की,
उसकी करें सेवा।
जितना भी मुश्किल हो ये चाहे,
फिर भी मिलें खुशियाँ!
याह ने जोड़ा प्यार का रिश्ता!
मानें एहसाँ! हों खुश सदा!
2. बोल अलग, पर एक ही गीत
प्यार लिखे ये संगीत।
एकता की धुन गाके बेहद खुशी मिलती हमें।
खामोश करे कोई, खुशी ये हमसे छीन ना सके।
(कोरस)
तारीफ करें हम यहोवा की,
उसकी करें सेवा।
जितना भी मुश्किल हो ये चाहे,
फिर भी मिलें खुशियाँ!
याह ने जोड़ा प्यार का रिश्ता!
मानें एहसाँ! हों खुश सदा!
(खास पंक्तियाँ)
होगी ये जमीं फिरदौस हमेशा के लिए,
यीशु की कुरबानी से रिहा हम होंगे।
(कोरस)
तारीफ करें हम यहोवा की,
उसकी करें सेवा।
जितना भी मुश्किल हो ये चाहे,
फिर भी मिलें खुशियाँ!
खुश रहने की लाखों वजह!
हम सब मानें शुक्र याह का!
हमको मिली सच्ची आशा!
है लाजवाब ये भी तोहफा!
याह ने जोड़ा प्यार का रिश्ता!
मानें एहसाँ! हों खुश सदा!
हों खुश सदा!