मज़बूती से जुड़े
(शुरुआत)
हो तैयार ऐ भाई-बहनो!
हम सभी मिलके गाएँ!
1. हमारा ईमान है एक।
होके एक हम इबादत करते।
तारीफ करते हम याह की,
ये गीत सुरीला खुश होके गाते।
(प्री-कोरस)
सहें हम जो भी,
तनहा हम नहीं,
संग हैं अपने भाई सभी।
(कोरस)
मुहब्बत की डोर से इक साथ हैं हम बँधे।
एक-दिल हैं, एक-मन हैं, मज़बूती से जुड़े।
बढ़ते हैं हम आगे, हाथों में हाथ लिए।
संग-संग एक दूसरे के हम चलेंगे,
मज़बूती से जुड़े।
2. लकीरें खींचीं जग ने,
ना खींच पाए हमारे दिल में।
वैसे तो हम हैं जुदा,
पर याह की खातिर हम सब एक हुए।
(प्री-कोरस)
कहीं भी जाएँ,
लोग याह के मिलते,
ना हम में कोई सरहदें।
(कोरस)
मुहब्बत की डोर से इक साथ हैं हम बँधे।
एक-दिल हैं, एक-मन हैं, मज़बूती से जुड़े।
बढ़ते हैं हम आगे, हाथों में हाथ लिए।
संग-संग एक दूसरे के हम चलेंगे,
मज़बूती से जुड़े।
हम एक हैं, संग-संग हैं, जुड़े हैं!
(कोरस)
मुहब्बत की डोर से इक साथ हैं हम बँधे।
एक-दिल हैं, एक-मन हैं, मज़बूती से जुड़े।
बढ़ते हैं हम आगे, हाथों में हाथ लिए।
संग-संग एक दूसरे के हम चलेंगे,
मज़बूती से जुड़े।
मज़बूती से जुड़े।
मज़बूती से जुड़े।