यहोवा है संग मेरे
1. यहोवा, है दुआ वफादार रहूँ।
हर दम तेरे वादे संजोए रखूँ।
मेरा बादशाह तू ही, मानूँ हर फरमान।
इंसाँ के आगे, मैं झुकूँ ना।
(कोरस)
याह को परवाह मेरी, देता पनाह तो अब शांत हूँ मैं।
जानूँ यहोवा है संग, तो क्यों डरूँ मैं?
जानूँ यहोवा है संग, तो क्यों डरूँ मैं?
2. उम्मीद है आज तू खुश हुआ है मुझसे।
सच्चाई का बीज है बोया मैंने।
मैं उस बीज को सींच पाऊँ, दुआ है ये,
सो आँगन में वो भी फलता ही रहे।
(कोरस)
याह को परवाह मेरी, देता पनाह तो अब शांत हूँ मैं।
जानूँ यहोवा है संग, तो क्यों डरूँ मैं?
जानूँ यहोवा है संग, तो क्यों डरूँ मैं?
(खास पंक्तियाँ)
मेरा प्यार यहोवा तेरे लिए
आग जैसा जलता दिल में मेरे।
होंठों का फल चढ़ाऊँ मैं भी,
इरादा है मेरा, रुकूँ ना कभी।
तेरी मदद से निडर मैं बनूँ;
ईमान का शोला बुझने ना दूँ।
मज़बूत करे तू, कुछ भी सहूँ मैं।
लाए फिरदौस तू, ये जानूँ मैं।
3. तूने रखा महफूज़, यकीं मुझे।
एहसाँ मैं मानूँ, अब दुआ करके।
कल क्या सहना पड़े, मैं जानूँ ना;
मेरे साथ है तू याह, ना हूँ तनहा।
(कोरस)
याह को परवाह मेरी, देता पनाह तो अब शांत हूँ मैं।
जानूँ यहोवा है संग, तो क्यों डरूँ मैं?
जानूँ यहोवा है संग, तो ना डरूँ मैं!