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क्या धरती आनेवाली पीढ़ियों की ज़रूरतें पूरी कर पाएगी?

क्या धरती आनेवाली पीढ़ियों की ज़रूरतें पूरी कर पाएगी?

क्या धरती आनेवाली पीढ़ियों की ज़रूरतें पूरी कर पाएगी?

कनाडा में सजग होइए! लेखक द्वारा

◼ ‘मिलेनियम इकोसिस्टम असेसमेंट’ [MA], पृथ्वी की कुछ खास जगहों के पर्यावरण पर किया गया एक अध्ययन है, जिसमें विद्वानों और पर्यावरण की रक्षा करनेवालों ने चार साल तक जाँच करके अपनी पहली रिपोर्ट पेश की। उनके कुछ नतीजों पर गौर कीजिए: पिछले 50 सालों में खाद्य पदार्थों, पीने के पानी, लकड़ी, कपास और ईंधन की बढ़ती माँगों की वजह से पर्यावरण पर बहुत बुरी मार पड़ी है। इसका नतीजा यह हुआ है कि धरती अब आनेवाली पीढ़ियों की ज़रूरतें पूरी नहीं कर सकेगी। पेड़-पौधों के परागण करने, जंगली पौधों से ताज़ी हवा और महासागरों से पौष्टिक तत्व देने की धरती की जो क्षमता है, वह दिन-ब-दिन कम होती जा रही है। यही नहीं, धरती से कई जीव-जंतुओं की प्रजातियों के लुप्त होने का भी खतरा है।

कनाडा के एक अखबार ग्लोब एण्ड मेल में लिखा था: “इंसान धरती को इतना नुकसान पहुँचा रहा है कि प्राकृतिक संतुलन गड़बड़ा सकता है। इसका अंजाम यह होगा कि बीमारियाँ फैलेंगी, जंगल-के-जंगल खत्म जाएँगे या समुद्र की कुछ जगहों में से जीवों का सफाया हो जाएगा।” अखबार में यह भी लिखा है: “ऐसी तराई, जंगल, घास के मैदान और नदमुख, साथ ही उन समुद्र-तटों को, जहाँ से खूब मछलियाँ पकड़ी जाती हैं और दूसरी जगहों को, जो सारे जीव-जंतुओं को साफ हवा, पानी और पौष्टिक तत्व देते हैं, इतना ज़्यादा नुकसान पहुँचाया जा रहा है कि उसकी भरपाई करना मुश्‍किल है।” MA के निर्देशक मंडल के सभी सदस्य इस बात पर एकमत हैं कि पर्यावरण पर आयी मुश्‍किलों को दूर करना इंसानों के हाथ में है। वे कहते हैं कि इसके लिए “ज़रूरी है कि हम प्रकृति के साथ जिस तरह से पेश आते हैं, उसमें भारी बदलाव लाएँ।”

क्या धरती को बचाया जा सकता है? जी हाँ, बिलकुल! इस धरती की देखभाल करनेवालों के तौर पर, हमें पर्यावरण का पूरा-पूरा खयाल रखने की ज़रूरत होगी। (भजन 115:16) लेकिन पर्यावरण को पूरी तरह ठीक करने की काबिलीयत सिर्फ परमेश्‍वर में है। हमारा “सृजनेवाला” वादा करता है कि वह धरती की सुधि लेगा और उसे “बहुत फलदायक” बनाएगा। (अय्यूब 35:10; भजन 65:9-13) इसमें सागर और उसमें की सारी चीज़ें शामिल हैं, क्योंकि सिरजनहार होने के नाते यहोवा परमेश्‍वर के पास सागरों पर भी अधिकार है। (भजन 95:5; 104:24-31) उसका वादा यकीनन पूरा होगा क्योंकि परमेश्‍वर कभी “झूठ बोल नहीं सकता।”—तीतुस 1:2.

हमें यह जानकर कितनी तसल्ली मिलती है कि यह धरती आनेवाली पीढ़ियों की ज़रूरतें पूरी कर सकेगी! इसीलिए परमेश्‍वर का भय माननेवाले उसकी अपार बुद्धि, शक्‍ति और भलाई के लिए उसकी महिमा करते हैं। और अपनी सारी सृष्टि से उसके बेइंतहा प्यार के लिए उसकी जयजयकार किए बिना नहीं रह पाते।—भजन 150:1-6. (g 7/08)

[पेज 10 पर चित्र का श्रेय]

पृथ्वी: NASA photo