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तनाव से घिरे विद्यार्थी

तनाव से घिरे विद्यार्थी

तनाव से घिरे विद्यार्थी

सत्रह साल की जैनीफर अपनी क्लास में हमेशा अव्वल आती थी। वह स्कूल के दूसरे कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेती थी। उसके टीचर और सलाहकार उसकी बड़ी इज़्ज़त करते थे। लेकिन ग्रेजुएशन से एक साल पहले उसे तेज़ सिरदर्द रहने लगा और कभी-कभी उसका जी भी मिचलाता था। उसे लगा, वह स्कूल का काम करने के लिए घंटों बैठकर जो पढ़ाई करती है और भरपूर नींद नहीं लेती, शायद इसी वजह से उसे यह बीमारी लगी है।

यह हाल सिर्फ जैनीफर का नहीं है। ऐसे विद्यार्थियों की गिनती दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है, जो स्कूल या कॉलेज में भारी तनाव का सामना कर रहे हैं। कई बच्चों को तो मानसिक चिकित्सकों की मदद लेनी पड़ रही है। यही वजह है कि अमरीका के कुछ शिक्षकों ने एक ऐसा कार्यक्रम चलाया, जिससे स्कूल में होनेवाले तनाव को कम किया जा सकता है। इस कार्यक्रम को ‘कामयाबी की चुनौती’ कहा जाता है।

अगर आप एक विद्यार्थी हैं तो शायद आप भी जैनीफर की तरह तनाव का सामना कर रहे हों। या अगर आप माता या पिता हैं तो आप देख रहे होंगे कि आपका बच्चा किस तरह स्कूल में कामयाब होने के लिए संघर्ष कर रहा है। क्या ऐसा कोई ज़रिया है, जिससे विद्यार्थियों और माता-पिताओं को भरोसेमंद मार्गदर्शन मिल सकता है? (g 4/09)