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“हम आपको नौकरी से निकाल रहे हैं”

“हम आपको नौकरी से निकाल रहे हैं”

“हम आपको नौकरी से निकाल रहे हैं”

कंपनी के अधिकारी उसे कमाल का कपिल * कहते थे। वह पिछले छ: साल से वहाँ काम कर रहा था और उसके सुझावों से कंपनी को काफी फायदा हुआ था। इसलिए जब एक दिन एक अधिकारी ने उसे अपने ऑफिस में बुलाया तो उसे लगा कि शायद उसकी तनख्वाह बढ़नेवाली है या उसकी तरक्की होनेवाली है। मगर दोनों में से कुछ भी नहीं हुआ। इसके बजाय अधिकारी ने कहा, “हम आपको नौकरी से निकाल रहे हैं।”

कपिल को अपने कानों पर यकीन नहीं हुआ। वह कहता है, “मैं अच्छे ओहदे पर था और अपने काम से खुश भी था, मगर एक ही पल में मेरी दुनिया उजड़ गयी।” बाद में जब कपिल ने अपनी पत्नी आकांक्षा को इस बारे में बताया, तो वह भी सन्‍न रह गयी! उस वक्‍त के बारे में वह कहती है, “मुझे ऐसा लग रहा था मानो मेरे शरीर में जान ही नहीं रह गयी। मैं सोचने लगी, ‘अब हम क्या करेंगे?’”

कपिल के साथ जो हुआ वह दुनिया के लाखों लोगों के साथ हुआ है, जैसा कि नीचे दिया ग्राफ दिखाता है। लेकिन आँकड़ों से यह नहीं पता चलता कि नौकरी छूट जाने पर लोगों के दिल पर क्या बीतती है। राऊल को ही लीजिए, जो अपने देश पेरू से न्यू यॉर्क काम करने आया था, लेकिन 18 साल एक बड़े होटल में काम करने के बाद उसे नौकरी से निकाल दिया गया। उसने दूसरी नौकरी ढूँढ़ने की बहुत कोशिश की मगर हर जगह असफलता ही हाथ लगी। वह कहता है, “पिछले करीब 30 सालों से मैं अपने परिवार की ज़िम्मेदारी बखूबी निभा रहा था, लेकिन अब मुझे लगने लगा कि मैं नाकामयाब हूँ।”

राऊल के अनुभव से यह सच्चाई पता चलती है कि नौकरी चले जाने से हमें न सिर्फ पैसे की तंगी का सामना करना पड़ता है, बल्कि यह हमें अंदर से भी पूरी तरह तोड़ देती है। रीना जिसके पति मोहित को तीन साल से ज़्यादा समय तक कोई नौकरी नहीं मिली, कहती है: “मैं खुद को नकारा महसूस करने लगी थी। जब आपके पास कुछ नहीं होता तो लोग भी आपके साथ ऐसे व्यवहार करते हैं मानो आप किसी काम के नहीं और जल्द ही आप खुद को उनकी नज़र से देखने लगते हैं।”

बेरोज़गार व्यक्‍ति को मानसिक तनाव से तो गुज़रना ही पड़ता है, साथ ही उसे एक और चुनौती का सामना करना पड़ता है, कम पैसे में घर का खर्च चलाना। कपिल कहता है, “जब हमारे पास नौकरी और पैसा था, तो हमने कभी भी अपने खर्चों में कटौती करने की नहीं सोची। पर अब जब नौकरी नहीं रही, तो हमारे पास अपनी ज़िंदगी को सादा करने के अलावा कोई चारा नहीं बचा।”

दूसरी नौकरी ढूँढ़ने के साथ-साथ आपको इस एहसास से भी जूझना पड़ता है कि आप बेरोज़गार हैं और यह बात आपके दिलो-दिमाग पर बुरा असर छोड़ती है। इसके अलावा आपको शायद कम पैसे में अपना गुज़ारा करना पड़े। आइए सबसे पहले देखें कि आप अपनी चिंताओं का सामना करने के लिए कौन-से दो कारगर कदम उठा सकते हैं। (g10-E 07)

[फुटनोट]

^ पैरा. 2 लेखों की इस श्रृंखला में कुछ नाम बदल दिए गए हैं।

[पेज 3 पर तसवीर]

(भाग को असल रूप में देखने के लिए प्रकाशन देखिए)

सन्‌ 2008 में सिर्फ तीन देशों के बेरोज़गार लोगों की गिनती

जापान 26,50,000

स्पेन 25,90,000

अमरीका 89,24,000