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परिवार के लिए मदद | शादी का बंधन

कैसे रोकें फिज़ूल खर्च?

कैसे रोकें फिज़ूल खर्च?

चुनौती

पासबुक और बिल पर नज़र पड़ते ही, आपकी आँखें खुली की खुली रह जाती हैं। आपका पैसा आपकी मुट्ठी से बालू की तरह फिसलता जा रहा है। आपकी शादी को अभी कुछ ही समय हुआ है मगर खर्च इतने बढ़ गए मानो लगाम आपके हाथ में नहीं है। क्या इसके लिए आपका साथी ज़िम्मेदार है? इतनी जल्दी साथी पर दोष मत लगाइए! एक टीम की तरह काम कीजिए, सोचिए कि किन बातों की वजह से आप दोनों इस दलदल में जा फँसे हैं। *

ऐसा क्यों होता है

बदलाव। अगर आप शादी से पहले अपने माता-पिता के साथ रहते थे तो बिल भरना या घर के खर्च सँभालना शायद आपके माता-पिता करते होंगे। लेकिन अब शादी के बाद यह ज़िम्मेदारी सँभालना आपके लिए एक नयी बात होगी। और हो सकता है पैसों के मामले में आप दोनों का नज़रिया अलग-अलग हो। शायद एक बेरोक-टोक खर्च करता हो तो दूसरा बचत करने पर ज़्यादा ध्यान देता हो। इसलिए सब्र से काम लीजिए क्योंकि एक जोड़े को एक-दूसरे के साथ तालमेल बिठाने और पैसों के मामले में एक जैसा नज़रिया पैदा करने में वक्‍त लगता है।

कर्ज़ बगीचे में उगनेवाले जंगली पौधे की तरह है, अगर उसे नज़रअंदाज़ किया गया तो वह बस बढ़ता ही जाएगा

टाल-मटोल करना। जिम, जो आज एक कामयाब बिज़नेसमैन है, उसका कहना है कि जब उसकी नयी-नयी शादी हुई थी तो वह अपने काम-काज समय पर नहीं कर पाता था, नतीजा उसे भारी नुकसान उठाना पड़ा। वह कहता है, “मैं बिल भरने में टाल-मटोल करता रहता था, इस वजह से हम दोनों को हज़ारों डॉलर जुर्माना भरना पड़ता था। हमारा तो दिवाला पिट गया था!”

“प्लास्टिक पैसों” का फंदा। जब आपको पता नहीं चलता कि आपके बटुए या पर्स से कितना पैसा जा रहा है, तब फिज़ूल खर्च की गुंजाइश ज़्यादा होती है। यह अकसर तब होता है जब आप अपनी ज़्यादातर खरीदारी “प्लास्टिक पैसों” यानी क्रेडिट या डेबिट कार्ड के ज़रिए, या फिर इंटरनेट पर करते हैं। इन तरीकों से खरीदारी करना आसान तो होता है, मगर इनकी वजह से नए जोड़े बड़ी आसानी से फिज़ूल खर्ची बन सकते हैं।

वजह चाहे जो भी हो, पैसे का मसला पति-पत्नी के बीच दीवार बन सकता है। एक अँग्रेज़ी किताब अपनी शादी को बचाने का संघर्ष कहती है: “ज़्यादातर जोड़ों का कहना है कि पैसा उनकी सबसे बड़ी समस्या है, फिर चाहे उनके पास कितना भी पैसा हो। यह एक ऐसा मुद्दा है जिसकी वजह से अकसर बहस छिड़ जाती है।”

आप क्या कर सकते हैं

सहयोग देने की ठान लीजिए। एक-दूसरे पर दोष लगाने के बजाय, एक टीम की तरह सोचिए और साथ मिलकर फिज़ूल खर्च रोकने की कोशिश कीजिए। इस मुद्दे पर बातचीत की शुरूआत में ही ठान लीजिए कि आप इसे अपने रिश्ते में ज़हर नहीं घोलने देंगे।—बाइबल सिद्धांत: इफिसियों 4:32.

बजट बनाइए। आप जो खर्च करते हैं उन सबका रिकॉर्ड रखिए फिर चाहे वे मामूली क्यों न हों। ऐसा एक महीने तक कीजिए। इससे आपको पता चलेगा कि आपका पैसा कहाँ जा रहा है और किसमें फिज़ूल खर्च हो रहा है। जिम जिसका पहले ज़िक्र किया गया था, कहता है कि आपको फिज़ूल खर्च करने से खुद को रोकना ही होगा।

ज़रूरी चीज़ों की एक लिस्ट बनाइए, जैसे खाना, कपड़ा, किराया, लोन या गाड़ी का खर्च। फिर हर चीज़ के लिए खर्च की लिस्ट में उतने पैसे लिखिए, जितने आपको लगता है कि एक महीने में खर्च हो सकते हैं।—बाइबल सिद्धांत: लूका 14:28.

“उधार लेनेवाला उधार देनेवाले का दास होता है।”—नीतिवचन 22:7

हर महीने अलग-अलग खर्चों के लिए पैसे अलग निकालकर रखिए। (जैसे खाना, किराया, पेट्रोल या गैस।) कुछ लोग हर तरह के खर्च के लिए पैसे अलग-अलग लिफाफों में रखते हैं। * अगर किसी लिफाफे में पैसा खत्म हो जाता है तो वे उस चीज़ पर खर्च करना बंद कर देते हैं या फिर दूसरे लिफाफे में से पैसा निकालकर उसमें डाल देते हैं।

सोचिए आप अपनी चीज़ों के प्रति कैसा नज़रिया रखते हैं। आपकी खुशी इस बात पर निर्भर नहीं करती कि आपके पास कौन-सी नयी-नयी चीज़ें हैं। ध्यान दीजिए यीशु ने क्या कहा था: “चाहे इंसान के पास बहुत कुछ हो, तो भी उसकी ज़िंदगी उसकी संपत्ति की बदौलत नहीं होती।” (लूका 12:15) आप जिस तरह खर्च करते हैं अकसर उससे ज़ाहिर होता है कि आपको यीशु की कही बात पर यकीन है या नहीं।—बाइबल सिद्धांत: 1 तीमुथियुस 6:8.

फेरबदल कीजिए। एरन जिसकी शादी को दो साल हुए हैं कहता है, “कुछ बातें शुरू-शुरू में शायद मामूली लगें, जैसे केबल या डिश लगवाना, होटल में जाकर खाना खाना। लेकिन अगर यह सिलसिला लंबे समय तक चलता रहा तो एक दिन यह हमें ले डूबेगा। इसीलिए हमने कुछ बातों को ना कहना सीखा ताकि अपनी आमदनी के मुताबिक खर्च कर सकें।” ▪ (g14-E 06)

^ पैरा. 4 हालाँकि यह लेख नए शादीशुदा जोड़ों को ध्यान में रखकर लिखा गया है, मगर इसमें दिए सिद्धांत सभी शादीशुदा जोड़ों पर लागू होते हैं।

^ पैरा. 14 अगर आप इंटरनेट या क्रेडिट कार्ड के ज़रिए खरीदारी या भुगतान करते हैं तो लिफाफों में पैसा रखने के बजाय, अपना बजट पेपर पर लिखकर हर लिफाफे में डाल दीजिए।