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भाग 2

पूरी धरती पर आयी बाढ़ से लेकर मिस्र से छुटकारे तक

पूरी धरती पर आयी बाढ़ से लेकर मिस्र से छुटकारे तक

पूरी धरती पर आयी बाढ़ में सिर्फ आठ लोग ही बचे। लेकिन फिर उनके बच्चे पैदा हुए और धरती पर इंसानों की गिनती बढ़कर कई हज़ार हो गयी। बाढ़ के 352 साल बाद इब्राहीम पैदा हुआ। इस भाग में हम देखेंगे कि यहोवा ने इब्राहीम से किया अपना वादा निभाया और उसे एक बेटा दिया। इब्राहीम के बेटे का नाम इसहाक था। फिर इसहाक के दो बेटे हुए, जिनमें से परमेश्‍वर ने याकूब को चुना।

याकूब का परिवार बहुत बड़ा था। उसके 12 बेटे और कई बेटियाँ थीं। याकूब के 10 बड़े बेटे अपने छोटे भाई यूसुफ से नफरत करते थे। इसलिए उन्होंने यूसुफ को मिस्र के लोगों के हाथों बेच दिया। आगे चलकर, यूसुफ मिस्र का बहुत बड़ा आदमी बन गया। फिर एक बार जब खाने की चीज़ों की बहुत कमी हो गयी, तो यूसुफ के भाई उसके पास खाना खरीदने गए। यूसुफ देखना चाहता था कि क्या अब भी उनके दिल में अपने छोटे भाई के लिए नफरत है। इसलिए उसने अपने भाइयों की एक परीक्षा ली। इसके बाद याकूब का पूरा परिवार मिस्र आ गया। ये सारी बातें इब्राहीम के पैदा होने के 290 साल बाद हुईं।

अगले 215 साल तक इस्राएली मिस्र में रहे। यूसुफ के मरने के बाद, इस्राएलियों को वहाँ गुलाम बना लिया गया। फिर मूसा पैदा हुआ। परमेश्‍वर ने मूसा के ज़रिए इस्राएलियों को मिस्र से छुड़ाया। भाग 2 में कुल मिलाकर 857 साल का इतिहास बताया गया है।

 

इस भाग में

कहानी 11

पहला मेघधनुष

जब आप एक मेघधनुष देखते हैं तो आपको क्या याद आना चाहिए?

कहानी 12

आसमान से बातें करती मीनार

परमेश्‍वर खुश नहीं था और उसने जो सज़ा दी, उसका असर आज भी देखा जा सकता है।

कहानी 13

परमेश्‍वर का दोस्त​—अब्राहम

अब्राहम क्यों अपना घर छोड़कर तंबुओं में रहने लगा?

कहानी 14

विश्‍वास की परीक्षा

परमेश्‍वर ने अब्राहम से ऐसा क्यों कहा कि वह अपने बेटे इसहाक की बलि चढ़ाए?

कहानी 15

नमक का खंभा

लूत की पत्नी से हम एक अहम सबक सीखते हैं।

कहानी 16

इसहाक को मिली अच्छी पत्नी

रिबका किस वजह से एक अच्छी पत्नी बनी? अपनी खूबसूरती की वजह से या किसी और वजह से?

कहानी 17

जुड़वाँ मगर एक-दूसरे से बिलकुल अलग

उनका पिता, इसहाक, एसाव से ज़्यादा प्यार करता था, लेकिन उनकी माँ, रिबका, याकूब से ज़्यादा प्यार करती थीl

कहानी 18

याकूब, हारान गया

याकूब राहेल से बहुत प्यार करता था लेकिन उसकी शादी पहले लिया से करा दी गयी

कहानी 19

याकूब का बड़ा परिवार

क्या इसराएल के 12 गोत्रों के नाम याकूब के 12 बेटों के नाम पर रखे गए थे?

कहानी 20

दीना मुसीबत में

इसकी शुरूआत गलत लोगों से दोस्ती करने से हुई

कहानी 21

यूसुफ के भाइयों की नफरत

ऐसा क्या हुआ कि उसके कुछ भाई उसकी जान के दुश्‍मन बन गए?

कहानी 22

जेल में कैद यूसुफ

उसने सही काम किया, कोई कानून नहीं तोड़ा लेकिन फिर भी उसे जेल में डाल दिया गया

कहानी 23

फिरौन के सपने

सात गायें और सात अनाज की बालों के सपनों का एक ही मतलब है।

कहानी 24

यूसुफ ने ली अपने भाइयों की परीक्षा

यूसुफ यह कैसे जान सकता है कि जिन भाइयों ने उसे गुलामी में बेचा था, अब वे बदल गए हैं या पहले जैसे ही हैं?

कहानी 25

पूरा परिवार मिस्र आ गया

याकूब के परिवार के लोगों को इसराएली क्यों कहा जाता है?

कहानी 26

परमेश्‍वर का वफादार सेवक, अय्यूब

अय्यूब ने अपनी दौलत, सेहत और अपने बच्चों को खो दिया। क्या परमेश्‍वर अय्यूब को सज़ा दे रहा था?

कहानी 27

दुष्ट फिरौन

फिरौन ने अपने लोगों को क्यों हुक्म दिया कि सभी इसराएली लड़के पैदा होते ही मार डाले जाएँ?

कहानी 28

नन्हा मूसा

जब फिरौन का हुक्म था कि सारे इसराएली लड़के पैदा होते ही मार डाले जाएँ, तो मूसा की माँ ने उसे बचाने के लिए रास्ता निकाला।

कहानी 29

मूसा क्यों भाग गया

जब मूसा 40 साल का था तब उसने सोचा कि वह इसराएलियों को मिस्र की गुलामी से छुड़ाने के लिए तैयार है पर ऐसा नहीं था।

कहानी 30

आग लगी, पर जली नहीं

कुछ चमत्कारों के ज़रिए परमेश्‍वर मूसा को बताता है कि अब वह समय आ गया है कि मूसा इसराएलियों को मिस्र से छुड़ा ले जाए।

कहानी 31

मूसा और हारून की फिरौन से मुलाकात

फिरौन अपनी बात से क्यों मुकर जाता और इसराएलियों को जाने नहीं देता?

कहानी 32

10 विपत्तियाँ

परमेश्‍वर मिस्र पर 10 विपत्तियाँ इसलिए लाया क्योंकि मिस्र के राजा फिरौन ने ढीठ होकर इसराएलियों भेजने से इनकार कर दिया।

कहानी 33

लाल सागर के पार

मूसा परमेश्‍वर की ताकत से लाल सागर को दो हिस्सों में बाँटता है और इसराएली सूखी ज़मीन पर चलकर लाल सागर पार कर रहें हैं।