कहानी 18
याकूब, हारान गया
याकूब हारान पहुँचने पर शहर के बाहर एक कुएँ के पास रुक गया। वहाँ उसे कुछ आदमी मिले, जैसा कि आप यहाँ देख सकते हैं। ये चरवाहे थे, जो अपनी भेड़ों की देखभाल कर रहे थे। याकूब ने उनसे पूछा: ‘आप लोग कहाँ से हैं?’
उन्होंने कहा: ‘हम हारान से हैं।’
याकूब ने फिर पूछा: ‘तो क्या आप लोग लाबान को जानते हैं?’
उन्होंने जवाब दिया: ‘हाँ, बिलकुल। वो देखो, उसकी बेटी राहेल अपनी भेड़ों के साथ आ रही है।’ क्या आप भी राहेल को दूर से आते देख सकते हैं?
जब याकूब ने राहेल को देखा, तो उसने कुएँ पर से पत्थर हटा दिया, ताकि राहेल की भेड़ें पानी पी सकें। फिर याकूब ने राहेल को सलाम किया और बताया कि वह उसकी बुआ का बेटा है। यह सुनकर राहेल बहुत खुश हुई। वह फौरन घर गयी और अपने पिता लाबान को इसकी खबर दी।
इससे लाबान भी बहुत खुश हुआ। फिर उसने याकूब से अपने घर में ठहरने के लिए कहा। बाद में जब याकूब ने लाबान से कहा कि वह राहेल से शादी करना चाहता है, तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। मगर इसके लिए लाबान ने याकूब के सामने एक शर्त रखी कि पहले याकूब को उसके यहाँ सात साल काम करना पड़ेगा। याकूब ने लाबान की शर्त मान ली, क्योंकि वह राहेल से बहुत प्यार करता था। लेकिन जब सात साल पूरे हो गए और शादी का वक्त आया, तो पता है क्या हुआ?
लाबान ने राहेल के बदले, अपनी बड़ी बेटी लिआ से याकूब की शादी करा दी। लेकिन याकूब तो राहेल से शादी करना चाहता था। इसलिए जब याकूब लाबान के यहाँ और सात साल काम करने के लिए तैयार हो गया, तो लाबान ने अपनी छोटी बेटी राहेल की शादी भी याकूब से करा दी। उस ज़माने में परमेश्वर आदमियों को एक-से-ज़्यादा शादी करने देता था। लेकिन आज ऐसा नहीं है। बाइबल कहती है कि एक आदमी की सिर्फ एक ही बीवी होनी चाहिए।