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कहानी 27

दुष्ट फिरौन

दुष्ट फिरौन

ज़रा इन आदमियों को देखो, कैसे ज़बरदस्ती कुछ लोगों से काम करवा रहे हैं। और उसे तो देखो, कैसे एक आदमी को चाबुक मार रहा है! आखिर ये लोग हैं कौन? ये सब मिस्री हैं। और जो लोग काम कर रहे हैं, वे याकूब के परिवार के लोग हैं। उन्हें इस्राएली कहा जाता है। इस्राएली अब मिस्रियों के गुलाम बन गए हैं। लेकिन यह सब हुआ कैसे?

याकूब का बड़ा परिवार कई सालों तक मिस्र में सुख-चैन से रहा। आखिर उनकी देखभाल यूसुफ जो कर रहा था। और यूसुफ, फिरौन के बाद मिस्र का सबसे बड़ा आदमी था। मगर कुछ सालों बाद यूसुफ की मौत हो गयी। फिर फिरौन भी मर गया। तब मिस्र में एक नया राजा या फिरौन बना, जो इस्राएलियों को बिलकुल पसंद नहीं करता था।

उस दुष्ट फिरौन ने इस्राएलियों को अपना गुलाम बना लिया। फिरौन अपने लिए कई शहर बनाना चाहता था और इस काम में उसने इस्राएलियों को लगा दिया। इस्राएलियों पर नज़र रखने के लिए उसने ऐसे मिस्रियों को चुना, जो बहुत ही गुस्सा करते थे और लोगों को मारते-पीटते थे। ये मिस्री इस्राएलियों से ज़बरदस्ती काम करवाने लगे, वह भी ढेर सारा काम। इस्राएलियों की गिनती बढ़ती जा रही थी। इससे मिस्री लोग डर गए और कहने लगे कि अगर इस्राएलियों की गिनती इसी तरह बढ़ती गयी, तब तो वे हमसे भी ज़्यादा ताकतवर हो जाएँगे।

पता है तब फिरौन ने क्या किया? उसने उन औरतों को बुलाया जो इस्राएली स्त्रियों की बच्चा पैदा करते वक्‍त मदद करती थीं। उसने उनसे कहा: ‘अगर इस्राएलियों के लड़का पैदा हो तो उसे मार डालना और अगर लड़की हो तो उसे छोड़ देना।’ लेकिन वे औरतें अच्छी थीं, इसलिए उन्होंने फिरौन की बात नहीं मानी।

तब फिरौन ने अपने सारे लोगों को हुक्म दिया: ‘इस्राएलियों के जितने भी लड़के पैदा हों, उन सबको खत्म कर दो। सिर्फ लड़कियों को छोड़ दो।’ सचमुच, वह फिरौन कितना दुष्ट था! लेकिन एक बच्चा बच गया। आइए देखें, कैसे?