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भाग 3

मिस्र से छुटकारा पाने से लेकर इसराएल के पहले राजा तक

मिस्र से छुटकारा पाने से लेकर इसराएल के पहले राजा तक

मूसा इस्राएलियों को मिस्र की गुलामी से छुड़ाकर सीनै पहाड़ पर ले गया। वहाँ परमेश्‍वर ने इस्राएलियों को अपने नियम दिए। फिर मूसा ने 12 आदमियों को कनान देश की जासूसी करने के लिए भेजा। लेकिन उनमें से 10 लोग बुरी खबर लेकर आए। इस वजह से इस्राएली मिस्र वापस जाने की सोचने लगे। ऐसा करके उन्होंने दिखाया कि उन्हें परमेश्‍वर पर भरोसा नहीं है। इसलिए परमेश्‍वर ने उन्हें 40 साल तक जंगल में भटकने की सज़ा दी।

इस्राएलियों को कनान देश में ले जाने के लिए यहोशू को चुना गया। फिर यहोवा ने बहुत-से चमत्कार किए, ताकि इस्राएली कनान देश पर कब्ज़ा कर सकें। उसने यरदन नदी का पानी रोका, यरीहो शहर की दीवार गिरायी और पूरे एक दिन सूरज को डूबने से रोके रखा। छः साल बाद इस्राएलियों ने कनान पर कब्ज़ा कर लिया।

यहोशू, इस्राएलियों का नेता ही नहीं, उनका न्यायी भी था। उसके समय से लेकर 356 साल तक इस्राएलियों पर अलग-अलग न्यायी राज करते रहे। हम इस भाग में बहुत-से न्यायियों के बारे में सीखेंगे। जैसे बाराक, गिदोन, यिप्तह, शिमशोन और शमूएल। हम राहाब, दबोरा, याएल, रूत, नाओमी और दलीला जैसी औरतों के बारे में भी जानेंगे। भाग 3 में कुल मिलाकर 396 साल का इतिहास दिया गया है।

 

इस भाग में

कहानी 34

खाने की एक नयी चीज़

परमेश्‍वर ने आसमान से बरसायी खाने की एक नयी चीज़

कहानी 35

यहोवा के दिए नियम

कौन से दो नियम दस आज्ञाओं से भी बड़े हैं?

कहानी 36

सोने का बछड़ा

लोग उस मूर्ति की पूजा क्यों करेंगे, जो सोने की बालियों को पिघलाकर बनायी गयी है?

कहानी 37

यहोवा की उपासना के लिए तंबू

अंदर के कमरे में वाचा का संदूक रखा जाता था।

कहानी 38

12 जासूस

उसमें से दस जासूसों ने अलग बातें बतायीं लेकिन दो जासूसों ने अलग बातें बतायी। अब इसराएली किसका यकीन करेंगे?

कहानी 39

हारून की छड़ी में खिले फूल

एक सूखी लकड़ी के टुकड़े में एक ही रात में कैसे फूल और पके फल निकल आए?

कहानी 40

चट्टान से निकला पानी

मूसा पानी तो निकाल पाया, लेकिन यहोवा उससे नाराज़ हो गया

कहानी 41

ताँबे का साँप

परमेश्‍वर ने इसराएलियों के बीच ज़हरीले साँप क्यों भेजे?

कहानी 42

गधा बातें करने लगा

गधे ने कुछ ऐसा देखा जो बिलाम नहीं देख पाया।

कहानी 43

इसराएलियों का अगला नेता—यहोशू

मूसा अभी भी सेहतमंद है, तो फिर उसकी जगह यहोशू को चुना गया?

कहानी 44

राहाब के घर छिपे जासूस

राहाब उन दो आदमियों की कैसे मदद करती है और उनसे क्या बिनती करती है?

कहानी 45

यरदन नदी को पार करना

याजकों के पानी में पैर रखते ही एक चमत्कार होता है।

कहानी 46

यरीहो शहर की दीवार

एक डोरी ने पूरे घर को गिरने से कैसे बचा लिया?

कहानी 47

चोर पकड़ा गया

क्या एक बुरे आदमी की वजह से पूरे देश पर मुसीबत आ सकती है?

कहानी 48

बुद्धिमान गिबोनी

उन्होंने चालाकी से यहोशू और इसराएलियों से वादा करवाया, पर इसराएलियों ने अपना वादा निभाया।

कहानी 49

‘सूरज, ठहर जा!’

यहोवा ने यहोशू के लिए कुछ ऐसा किया जो न पहले, न आज तक उसने कभी किसी के लिए किया।

कहानी 50

दो बहादुर औरतें

बाराक ने इसराएलियों की युद्ध में अगुवाई की तो फिर तारीफ दबोरा की क्यों हुई?

कहानी 51

रूत और नाओमी

रूत, नाओमी के साथ रहने और यहोवा की सेवा करने के लिए अपना घर छोड़ देती है

कहानी 52

गिदोन और उसके 300 आदमी

परमेश्‍वर ने सैनिकों का चुनाव करने के लिए पानी पीने की एक अनोखी परीक्षा ली। और छोटी सी सेना को और भी छोटा कर दिया।

कहानी 53

यिप्तह का वादा

यहोवा को किए वादे का असर, ना सिर्फ यिप्तह पर बल्कि उसकी बेटी पर भी पड़ा

कहानी 54

सबसे ताकतवर आदमी

दलीला, शिमशोन की ताकत का राज़ कैसे जान पायी?

कहानी 55

एक छोटा लड़का परमेश्‍वर की सेवा में

परमेश्‍वर छोटे शमूएल के ज़रिए महायाजक एली को बताता की वह उसे और उसके बेटों को सज़ा देने वाला है