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कहानी 46

यरीहो शहर की दीवार

यरीहो शहर की दीवार

यह क्या? यरीहो शहर के चारों तरफ की दीवार धड़धड़ाकर गिर रही है! क्या किसी ने वहाँ बम फोड़ दिया है? नहीं। उस ज़माने में बम कहाँ होते थे। उस वक्‍त तो बंदूक भी नहीं हुआ करती थी। फिर यह सब कैसे हो गया? दरअसल यह यहोवा का किया एक और चमत्कार है। चलिए इस बारे में और पता करते हैं।

जब इस्राएली यरीहो शहर से थोड़ी दूरी पर थे, तब यहोवा ने यहोशू से कहा: ‘तुम अपने साथ उन आदमियों को लो, जो युद्ध कर सकते हैं। तुम सब एक दिन में शहर का एक चक्कर लगाना और अपने साथ वाचा का संदूक भी ले चलना। संदूक के आगे-आगे सात याजक अपनी तुरही बजाते चलें। ऐसा तुम छः दिन तक करना।

‘सातवें दिन तुम शहर के सात चक्कर लगाना। फिर आखिर में, खूब ज़ोर से तुरही बजाना और सब-के-सब मिलकर चिल्लाना, ठीक जैसे कोई हमला करने के समय चिल्लाता है। तब शहर के चारों तरफ की दीवार गिर जाएगी!’

यहोवा ने यहोशू और लोगों से जो कुछ करने को कहा, उन्होंने वही किया। शहर का चक्कर लगाते वक्‍त वे सब चुप रहे। किसी के मुँह से एक शब्द भी नहीं निकला। सिर्फ तुरही की और लोगों के पैरों की आवाज़ सुनायी देती थी। इससे यरीहो में इस्राएलियों के दुश्‍मनों के दिल में ज़रूर डर समा गया होगा। क्या आपको एक खिड़की में लाल डोरी लटकती दिखायी दे रही है? जानते हैं वह किसके घर की खिड़की है? जी हाँ, राहाब के घर की। आखिर राहाब ने वही किया जो इस्राएली जासूसों ने कहा था। उसका पूरा परिवार उसके घर में जमा था। और वे बाहर की हर चीज़ पर नज़र लगाए हुए थे।

फिर सातवें दिन, इस्राएली आदमियों ने शहर के चारों तरफ सात चक्कर लगाए। इसके बाद याजकों ने ज़ोर से तुरही बजायी और बाकी लोग खूब ज़ोर से चिल्लाने लगे। तब शहर के चारों तरफ की दीवार गिर गयी। फिर यहोशू ने इस्राएली आदमियों से कहा: ‘शहर में तुम्हें जो कोई मिले उसे मार डालो। पूरे शहर को आग लगा दो। सबकुछ जला दो। सिर्फ सोने, चाँदी, ताँबे और लोहे की चीज़ों को मत जलाना। उन्हें यहोवा के तंबू के खज़ाने में जमा कर देना।’

यहोशू ने उन दो जासूसों से कहा: ‘जाओ, राहाब के घर जाओ और उसके पूरे परिवार को बाहर ले आओ।’ उन जासूसों ने राहाब से जो वादा किया था, उसे पूरा किया। राहाब के परिवार को बचा लिया गया।