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कहानी 52

गिदोन और उसके 300 आदमी

गिदोन और उसके 300 आदमी

क्या आप बता सकते हैं कि इस तसवीर में ये कौन लोग हैं और वे क्या कर रहे हैं? ये सब इस्राएली सैनिक हैं। वे बारी-बारी से पानी पी रहे हैं। उनके पास जो आदमी खड़ा है, वह इस्राएल का न्यायी गिदोन है। वह देख रहा है कि ये लोग कैसे पानी पी रहे हैं।

ज़रा ध्यान से देखिए, ये कैसे अलग-अलग तरीके से पानी पी रहे हैं। कुछ लोग तो एकदम सिर गड़ाए पानी पी रहे हैं। मगर एक आदमी चुल्लू से पानी पी रहा है, ताकि वह अपने चारों तरफ नज़र रख सके। यह गौर करने लायक बात है। पता है क्यों? क्योंकि यहोवा ने गिदोन से कहा था कि सिर्फ उन्हीं आदमियों को चुनना, जो पानी पीने के साथ-साथ अपने चारों तरफ नज़र भी रखें। बाकियों को घर भेज देना। लेकिन यह सब किस लिए था?

बात यह है कि इस्राएलियों ने यहोवा का कहना नहीं माना, इस वजह से वे फिर मुसीबत में फँस गए। उन पर मिद्यान देश के लोग बार-बार हमला करते थे और उनका जीना मुश्‍किल कर दिया था। तब इस्राएलियों ने मदद के लिए यहोवा से बिनती की। यहोवा ने उनकी बिनती सुन ली।

यहोवा ने गिदोन से एक सेना तैयार करने को कहा। गिदोन ने 32,000 सैनिकों को इकट्ठा किया। पर दुश्‍मन सेना बहुत बड़ी थी। उसमें 1,35,000 सैनिक थे। ज़रा सोचिए, कहाँ 32,000 और कहाँ 1,35,000. फिर भी, यहोवा ने गिदोन से कहा: ‘तेरे पास बहुत सारे आदमी हैं।’ यहोवा ने ऐसा क्यों कहा?

वह इसलिए कि अगर इस्राएली लड़ाई जीत जाते, तो वे कहते कि यह जीत उन्हें अपने दम पर मिली है। और शायद वे यह भी सोचने लगते कि उन्हें लड़ाई में यहोवा की मदद की ज़रूरत नहीं है। इसलिए यहोवा ने गिदोन से कहा: ‘सैनिकों से कहो कि जिनको डर लगता है, वे अपने-अपने घर वापस चले जाएँ।’ जब गिदोन ने सैनिकों से यह कहा तो 22,000 सैनिक घर लौट गए। अब सिर्फ 10,000 सैनिक बचे। और इन्हीं को 1,35,000 सैनिकों से लड़ना था।

मालूम है फिर यहोवा ने क्या कहा? उसने कहा: ‘तेरे पास अब भी बहुत सारे आदमी हैं। इसलिए अपने आदमियों को इस नदी से पानी पीने के लिए कह। जो लोग सिर झुकाकर पानी पीएँ, उन्हें घर वापस भेज देना।’ ऐसा करने के बाद गिदोन के पास सिर्फ 300 सैनिक रह गए। यहोवा ने गिदोन से वादा किया: ‘मैं तुझे इन 300 आदमियों से ही जीत दिलाऊँगा, जो पानी पीते समय भी अपने चारों तरफ नज़र रखे हुए थे।’

जब लड़ाई का समय आया, तो गिदोन ने अपने 300 आदमियों को तीन टोलियों में बाँट दिया। उसने हर आदमी को एक तुरही और एक घड़ा दिया जिसके अंदर मशाल थी। करीब आधी रात को उन्होंने अपनी दुश्‍मन सेना को चारों तरफ से घेर लिया। तब सभी ने एक-साथ तुरही बजायी और घड़ों को फोड़ दिया और ज़ोर से चिल्लाए: ‘यहोवा की तलवार और गिदोन की तलवार!’ इससे जब दुश्‍मन सेना की नींद खुली, तो वे डर गए और सब इधर-उधर भाग गए। इस तरह, इस्राएली लड़ाई जीत गए।