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कहानी 72

परमेश्‍वर ने की राजा हिजकियाह की मदद

परमेश्‍वर ने की राजा हिजकियाह की मदद

पता है यह आदमी क्या कर रहा है? वह यहोवा से प्रार्थना कर रहा है। लेकिन यह है कौन? और उसने यहोवा की वेदी के सामने ये चिट्ठियाँ क्यों फैलायी हैं? इस आदमी का नाम हिजकिय्याह है। वह इस्राएल के दक्षिण के दो गोत्रवाले राज्य का राजा है। वह बड़ी परेशानी में है। कैसी परेशानी?

अश्‍शूर देश की सेना उत्तर के दस गोत्रवाले राज्य को पहले ही बरबाद कर चुकी थी। यहोवा ने ऐसा इसलिए होने दिया, क्योंकि वहाँ के लोग बहुत बुरे हो गए थे। इसके बाद अश्‍शूर की सेना दो गोत्रवाले राज्य पर हमला करने आयी।

मगर लड़ाई से पहले अश्‍शूर के राजा ने राजा हिजकिय्याह को कुछ चिट्ठियाँ भेजीं। वही चिट्ठियाँ हिजकिय्याह ने यहोवा के सामने फैलायी हुई हैं। इन चिट्ठियों में यहोवा का मज़ाक उड़ाया गया है। इनमें यह भी लिखा है कि हिजकिय्याह को हार मान लेनी चाहिए। इसलिए हिजकिय्याह ने यहोवा से प्रार्थना की: ‘हे यहोवा, हमें अश्‍शूर के राजा के हाथों से बचा ले। तब पूरी दुनिया जान जाएगी कि तू ही परमेश्‍वर है।’ क्या यहोवा ने हिजकिय्याह की प्रार्थना सुनी और उसकी मदद की?

हिजकिय्याह एक अच्छा राजा था। वह इस्राएल के 10 गोत्रवाले राज्य के बुरे राजाओं की तरह नहीं था। और ना ही वह अपने पिता राजा आहाज की तरह बुरा था। वह तो यहोवा की हर बात मानता था। इसलिए हिजकिय्याह की प्रार्थना खत्म होते ही यशायाह नबी ने उसके पास यहोवा का यह संदेश भेजा: ‘अश्‍शूर के राजा का यरूशलेम में पैर रखना तो दूर, उसका एक भी सैनिक यरूशलेम के पास नहीं आ पाएगा। और-तो-और, वे इस शहर की तरफ एक तीर भी नहीं चला पाएँगे।’

इस पेज पर दी तसवीर देखिए। ये सारे लोग जो मरे पड़े हैं, मालूम है कौन हैं? ये अश्‍शूरी सैनिक हैं। यहोवा ने अपना एक स्वर्गदूत भेजकर एक ही रात में 1,85,000 अश्‍शूरी सैनिकों को मार गिराया। तब अश्‍शूर का राजा हार मानकर अपने घर वापस लौट गया।

इस तरह इस्राएल का दो गोत्रवाला राज्य बच गया और लोग कुछ दिन चैन से रहे। हिजकिय्याह की मौत के बाद, उसका बेटा मनश्‍शे राजा बना। मनश्‍शे के बाद, उसका बेटा आमोन राजा बना। ये दोनों ही अच्छे राजा नहीं थे। इसलिए देश में फिर से मार-काट और खून-खराबा होने लगा। तब एक दिन राजा आमोन को उसके ही नौकरों ने मार डाला। उसके बाद, आमोन के बेटे योशिय्याह को दो गोत्रवाले राज्य का राजा बनाया गया