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कहानी 82

मोर्दकै और एस्तेर

मोर्दकै और एस्तेर

अब आइए हम एज्रा के यरूशलेम जाने से कुछ साल पहले की बात करें। उस समय फारस नाम के देश में दो इस्राएलियों को ऊँचे-ऊँचे पद दिए गए। एक थी, एस्तेर और दूसरा उसका चचेरा भाई, मोर्दकै। एस्तेर उस देश की रानी थी और मोर्दकै वहाँ का प्रधानमंत्री। लेकिन ये दोनों इतने ऊँचे पद पर पहुँचे कैसे? चलिए आगे पढ़कर देखते हैं।

एस्तेर बहुत छोटी थी, जब उसके माता-पिता की मौत हो गयी। उसे मोर्दकै ने ही पाल-पोसकर बड़ा किया। मोर्दकै, फारस के राजा क्षयर्ष के महल में काम करता था। राजा का महल शूशन नाम के शहर में था। एक दिन राजा की पत्नी वशती ने उसकी बात नहीं मानी। इस पर राजा ने उसे ठुकरा दिया और एक दूसरी स्त्री को अपनी रानी बना लिया। जानते हैं वह स्त्री कौन थी? खूबसूरत जवान एस्तेर।

अब इस पेज में दी तसवीर देखिए। क्या आप यहाँ उस घमंडी आदमी को देख सकते हैं, जिसके आगे सब लोग झुक रहे हैं? वह हामान है। वह फारस देश का प्रधानमंत्री था। वह चाहता था कि हर कोई उसके सामने झुके। लेकिन एक आदमी था, जो उसके सामने कभी नहीं झुकता था। वह मोर्दकै था, जिसे आप तसवीर में बैठा हुआ देख सकते हैं। उसका मानना था कि हामान जैसे बुरे आदमी के आगे झुकना सही नहीं है। इस वजह से हामान को मोर्दकै पर बहुत गुस्सा आता था। तब पता है उसने क्या किया?

उसने राजा से इस्राएलियों की चुगली की। उसने कहा: ‘वे बहुत बुरे लोग हैं। वे आपके नियमों को नहीं मानते। ऐसे लोगों को तो मार डालना चाहिए।’ क्षयर्ष को नहीं मालूम था कि उसकी पत्नी एस्तेर भी इस्राएली है। इसलिए वह हामान की बातों में आ गया। उसने आज्ञा दी कि फलाँ दिन सभी इस्राएलियों को मौत के घाट उतार दिया जाए।

जब मोर्दकै को इस बात की खबर मिली, तो उसके दिन का चैन और रातों की नींद उड़ गयी। उसने फौरन एस्तेर के पास संदेश भेजा: ‘अब तुम्हीं राजा से बात करके हमारी जान बचा सकती हो।’ अब एस्तेर क्या करती? राजा के पास जाना तो अपनी मौत को दावत देना था। क्यों? क्योंकि फारस में एक नियम था कि कोई भी तब तक राजा से मिलने नहीं जा सकता, जब तक कि राजा खुद उसे न बुलाए। अगर कोई बिन बुलाए राजा के पास चला जाता, तो उसे मार दिया जाता था। पर एस्तेर हिम्मत करके बिना बुलाए ही राजा के पास गयी। उसे देखकर राजा ने अपनी सोने की छड़ी उसके सामने बढ़ायी, जिसका मतलब था कि उसे मारा नहीं जाएगा। फिर एस्तेर ने राजा और हामान को दावत पर बुलाया। खाने के वक्‍त राजा ने एस्तेर से पूछा, ‘कहो, तुम क्या चाहती हो?’ एस्तेर ने कहा कि वह तभी बताएगी, अगर राजा और हामान अगले दिन भी दावत में आएँ।

अगले दिन खाने के वक्‍त एस्तेर ने राजा से कहा: ‘मेरी और मेरे लोगों की जान खतरे में है। हमें मार डालने की साज़िश रची गयी है।’ यह सुनते ही राजा भड़क उठा और बोला: ‘कौन है वह? किसकी इतनी जुर्रत?’

एस्तेर ने कहा: ‘हमारा दुश्‍मन कोई और नहीं, यह दुष्ट हामान है!’

अब तो राजा का गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ गया। उसने हुक्म दिया कि हामान को मार डाला जाए। बाद में राजा ने मोर्दकै को फारस का प्रधानमंत्री बना दिया। तब मोर्दकै ने एक नया हुक्म जारी करवाया। इसके मुताबिक जिस दिन सारे इस्राएलियों को मार डाला जाना था, उस दिन वे अपने दुश्‍मनों से लड़कर अपनी जान बचा सकते थे। मोर्दकै बहुत बड़ा आदमी बन गया था, इसलिए कई लोगों ने इस्राएलियों की मदद की। इस तरह सभी इस्राएली, दुश्‍मनों के हाथों से बच गए।

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