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कहानी 86

एक तारे ने आदमियों को रास्ता दिखाया

एक तारे ने आदमियों को रास्ता दिखाया

क्या आप उस बड़े तारे को देख सकते हैं, जिसकी तरफ वह आदमी इशारा कर रहा है? ये लोग दरअसल पूरब दिशा से आए हैं और ये तारों के बारे में पढ़ाई करते हैं। इनका मानना है कि यह नया तारा इन्हें किसी बड़े आदमी के पास ले जा रहा है।

जब वे आदमी यरूशलेम पहुँचे, तब उन्होंने लोगों से पूछा: ‘कहाँ है वह बच्चा, जो यहूदियों का राजा बनेगा?’ आप सोच रहे होंगे कि ये “यहूदी” कौन हैं? दरअसल इस्राएलियों को ही यहूदी कहा जाता था। पूरब दिशा से आए आदमियों ने फिर कहा: ‘हमने उस बच्चे की तरफ इशारा करनेवाला तारा तभी देख लिया था, जब हम पूरब में थे। और अब हम उस बच्चे की पूजा करने आए हैं।’

जब यरूशलेम के राजा हेरोदेस ने यह सुना, तो उसे यह बात अच्छी नहीं लगी। क्योंकि वह नहीं चाहता था कि कोई और उसकी जगह ले। इसलिए हेरोदेस ने प्रधान याजकों को बुलाया और उनसे पूछा: ‘जिस राजा के बारे में वादा किया गया था, वह कहाँ पैदा होगा?’ उन्होंने जवाब दिया: ‘बाइबल कहती है कि वह बेतलेहेम में पैदा होगा।’

इसलिए हेरोदेस ने पूरब से आए लोगों को बुलाया और उनसे कहा: ‘जाओ और उस बच्चे को ढूँढ़ निकालो। जब वह तुम्हें मिल जाए, तो मुझे बताना। मैं भी वहाँ जाकर उसकी पूजा करना चाहता हूँ।’ लेकिन यह सच नहीं था। हेरोदेस तो असल में उस बच्चे को इसलिए ढूँढ़ निकालना चाहता था, ताकि वह उसे मार डाले!

वे लोग जब यरूशलेम से निकले, तब उन्हें वह तारा दोबारा दिखायी दिया। वह तारा उनके आगे-आगे चलता रहा और उस जगह जाकर रुक गया, जहाँ यीशु था। जब वे लोग घर के अंदर गए, तो वहाँ उन्होंने मरियम और यीशु को देखा। फिर उन्होंने तोहफे निकाले और यीशु को दिए। लेकिन बाद में यहोवा ने सपने में उन लोगों को हेरोदेस के पास वापस जाने से मना किया। इसलिए वे दूसरे रास्ते से अपने देश लौट गए।

जब हेरोदेस को पता चला कि पूरब से आए लोग अपने घर वापस चले गए, तो वह आग-बबूला हो गया। उसने हुक्म दिया कि बेतलेहेम में दो साल से कम उम्र के जितने भी लड़के हैं, उन सबका खून कर दिया जाए। मगर इससे पहले कि हेरोदेस के आदमी बेतलेहेम पहुँचते, यहोवा ने इस बारे में यूसुफ को सपने में खबरदार कर दिया। इसलिए यूसुफ अपने परिवार को लेकर मिस्र चला गया। बाद में जब यूसुफ को पता चला कि हेरोदेस मर गया है, तो वह मरियम और यीशु के साथ वापस नासरत आकर रहने लगा। इसी शहर में यीशु पला-बढ़ा।

आप क्या सोचते हैं, वह नया तारा किसने दिखाया होगा? याद है, पूरब के लोग उस तारे को देखकर सबसे पहले कहाँ गए? यरूशलेम। वह तारा उन्हें यरूशलेम क्यों ले गया? क्या इसलिए नहीं कि हेरोदेस को यीशु के पैदा होने का पता चल जाए और वह उसे मारने की कोशिश करे? लेकिन हेरोदेस के अलावा और कौन यीशु को मारना चाहता था? परमेश्‍वर का सबसे बड़ा दुश्‍मन, शैतान। तो इसका मतलब शैतान ने ही उस तारे को दिखाया होगा।