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कहानी 94

छोटे बच्चों के लिए यीशु का प्यार

छोटे बच्चों के लिए यीशु का प्यार

देखिए, यीशु इस छोटे लड़के को कितने प्यार से बाहों में भरे हुए है। यह तसवीर देखकर ही आप समझ सकते हैं कि यीशु बच्चों से कितना प्यार करता था। यीशु के सामने जो आदमी खड़े हैं, वे उसके प्रेरित हैं। लगता है यीशु उनसे कुछ कह रहा है। मगर क्या?

यीशु और उसके प्रेरित अभी-अभी एक लंबे सफर से आए थे। आते वक्‍त रास्ते में प्रेरितों का आपस में झगड़ा हो गया था। इसलिए सफर के बाद यीशु ने उनसे पूछा: ‘तुम रास्ते में किस बात पर झगड़ रहे थे?’ यीशु सब जानता था। फिर भी उसने सवाल यह देखने के लिए पूछा कि प्रेरित उसे इस बारे में बताते हैं या नहीं।

मगर सारे प्रेरित चुप थे। उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया, क्योंकि वे इस बात को लेकर झगड़ रहे थे कि उनमें सबसे बड़ा कौन है। कुछ प्रेरित दूसरों से बड़ा बनना चाहते थे। लेकिन यीशु उन्हें बताना चाहता था कि एक-दूसरे से बड़ा बनने की कोशिश करना गलत है। पर यह बात यीशु उन्हें कैसे समझाता?

उसने उस छोटे लड़के को बुलाया और उसे सबके सामने खड़ा किया। फिर उसने अपने चेलों से कहा: ‘मैं तुम्हें यह साफ-साफ बता देना चाहता हूँ कि जब तक तुम छोटे बच्चों की तरह नहीं बनोगे, तुम परमेश्‍वर के राज्य में नहीं जा पाओगे। परमेश्‍वर के राज्य में सबसे बड़ा वही होगा, जो इस बच्चे की तरह बनेगा।’ आखिर यीशु के कहने का मतलब क्या था?

बात यह है कि छोटे बच्चों को दूसरों से बड़ा बनने की बिलकुल चिंता नहीं होती। और ना ही वे यह चाहते हैं कि दूसरे उन्हें ही सबसे अच्छा समझें। इसलिए प्रेरितों को बच्चों की तरह बनने की कोशिश करनी थी। और बड़ा बनने के लिए झगड़ना नहीं चाहिए था।

दूसरे मौकों पर भी यीशु ने दिखाया कि वह बच्चों से बहुत प्यार करता है। एक बार कुछ लोग अपने बच्चों को यीशु से मिलाने के लिए लाए। मगर प्रेरित, बच्चों को यीशु के पास जाने से रोकने लगे। तब यीशु ने प्रेरितों से कहा: ‘बच्चों को मत रोको, उन्हें मेरे पास आने दो। क्योंकि परमेश्‍वर का राज्य ऐसे लोगों के लिए ही है।’ फिर यीशु ने बच्चों को अपनी गोद में लिया और उन्हें आशीर्वाद दिया। यह जानकर हमें कितनी खुशी होती है कि यीशु छोटे बच्चों से इतना प्यार करता है!