भाग 7
यीशु के दोबारा ज़िंदा किए जाने से लेकर पौलुस को जेल में बंद किए जाने तक
यीशु की मौत के तीसरे दिन, उसे दोबारा ज़िंदा किया गया। उस दिन वह अपने चेलों को पाँच बार दिखायी दिया। यीशु उनके सामने 40 दिन तक आता रहा। उसके बाद वह कुछ चेलों की आँखों के सामने स्वर्ग चला गया। यीशु के स्वर्ग जाने के दस दिन बाद, उसके चेले यरूशलेम में एक कमरे में बैठे हुए थे कि तभी परमेश्वर ने उन पर अपनी पवित्र शक्ति उँडेली।
बाद में परमेश्वर के दुश्मनों ने प्रेरितों को जेल में बंद कर दिया, लेकिन एक स्वर्गदूत ने आकर उन्हें आज़ाद कर दिया। यीशु के एक चेले, स्तिफनुस को दुश्मनों ने पत्थरों से मार डाला। लेकिन उन्हीं दुश्मनों में से एक आगे चलकर यीशु का खास चेला बना। उसे बाद में प्रेरित पौलुस के नाम से जाना गया। फिर यीशु की मौत के साढ़े तीन साल बाद, परमेश्वर ने पतरस को कुरनेलियुस के घर सुसमाचार सुनाने के लिए भेजा। कुरनेलियुस यहूदी नहीं था।
यीशु की मौत के करीब 13 साल बाद, पौलुस पहली बार प्रचार के लिए अलग-अलग जगह गया। दूसरी बार तीमुथियुस भी उसके साथ गया। इस भाग में हम यह भी देखेंगे कि पौलुस और उसके साथियों को परमेश्वर की सेवा में कैसे अच्छे-अच्छे अनुभव हुए। बाद में, पौलुस को रोम की जेल में बंद कर दिया गया। दो साल बाद उसे जेल से रिहा कर दिया गया। लेकिन एक बार फिर उसे पकड़कर जेल में डाल दिया गया। इस बार उसे मार दिया गया। भाग 7 में करीब 32 सालों में हुई घटनाओं के बारे में बताया गया है।
इस भाग में
कहानी 102
यीशु ज़िंदा हो गया!
जब एक स्वर्गदूत ने यीशु की कब्र का पत्थर हटाया, तब पहरा देनेवाले सैनिकों ने जो देखा, उसे देखकर वे दंग रह गए।
कहानी 105
यीशु के चेलों पर पवित्र शक्ति उँडेली गयी
यीशु ने पिन्तेकुस्त के दिन अपने चेलों के पर पवित्र शक्ति क्यों उँडेली
कहानी 106
जेल से रिहाई
हालाँकि यहूदी धर्म गुरुओं ने प्रचार काम रोकने के लिए प्रेषितों को जेल में डाल दिया लेकिन परमेश्वर की मरज़ी कुछ और ही थी।
कहानी 108
दमिश्क जानेवाली सड़क पर
एक तेज रौशनी चमकी और स्वर्ग से एक आवाज़ आयी, जिससे शाऊल की ज़िंदगी बदल गयी।
कहानी 109
पतरस की कुरनेलियुस से मुलाकात
क्या परमेश्वर भेदभाव करता है? क्या वह एक जाति या देश को दूसरे से बेहतर समझता है?
कहानी 110
तीमुथियुस—पौलुस का नया साथी
तीमुथियुस ने अपना घर छोड़ दिया ताकि पौलुस के साथ प्रचार के एक रोमांचक सफर पर निकल पड़े
कहानी 111
एक लड़का जो सो गया
जब त्रोआस में पौलुस का पहला भाषण चल ही रहा था तब युतुखुस ऊपर से गिरकर मर गया, दूसरी बार जब पौलुस बोलना शुरू किया तब नहीं। दोनों भाषणों के दौरान जो हुआ वह किसी चमत्कार से कम नहीं था।
कहानी 112
जहाज़ डूब गया
जब उनके बचने की कोई उम्मीद नज़र नहीं आ रही थी तब परमेश्वर ने अपना संदेश भेजकर उन्हें आशा दी
कहानी 113
रोम में कैद पौलुस
पौलुस जेल में एक कैदी होने के बावजूद भी कैसे एक प्रेषित के तौर पर काम कर पाया?