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बाइबल कहानियों की मेरी मनपसंद किताब के अध्ययन के लिए सवाल

बाइबल कहानियों की मेरी मनपसंद किताब के अध्ययन के लिए सवाल

कहानी 1

दुनिया की शुरूआत

  1. सब अच्छी-अच्छी चीज़ें हमें किसने दी हैं? क्या आप उनमें से एक के बारे में बता सकते हैं?

  2. परमेश्‍वर ने सबसे पहले किसे बनाया?

  3. परमेश्‍वर पहले स्वर्गदूत से क्यों इतना प्यार करता था?

  4. बताइए कि शुरू में धरती कैसी थी। (तसवीर देखिए।)

  5. परमेश्‍वर ने धरती को जानवरों और इंसानों के रहने लायक बनाने के लिए क्या किया?

कुछ और सवाल:

  1. यिर्मयाह 10:12 पढ़िए।

    परमेश्‍वर की सृष्टि में उसके कौन-से गुण दिखायी देते हैं? (यशा. 40:26; रोमि. 11:33)

  2. कुलुस्सियों 1:15-17 पढ़िए।

    सारी चीज़ें बनाने में यीशु ने कैसे मदद दी? इसलिए हमें उसके बारे में कैसा नज़रिया रखना चाहिए? (कुलु. 1:15-17)

  3. उत्पत्ति 1:1-10 पढ़िए।

    1. (क) धरती को किसने बनाया? (उत्प. 1:1)

    2. (ख) सृष्टि के पहले दिन क्या हुआ? (उत्प. 1:3-5)

    3. (ग) बताइए कि सृष्टि के दूसरे दिन क्या हुआ। (उत्प. 1:7, 8)

कहानी 2

एक खूबसूरत बगीचा

  1. परमेश्‍वर ने धरती को हमारे रहने लायक बनाने के लिए क्या-क्या किया?

  2. बताइए कि परमेश्‍वर ने कितने तरह के जानवर बनाए। (तसवीर देखिए।)

  3. अदन बगीचा इतना खूबसूरत क्यों था?

  4. परमेश्‍वर पूरी धरती को किस तरह देखना चाहता था?

कुछ और सवाल:

  1. उत्पत्ति 1:11-25 पढ़िए।

    1. (क) परमेश्‍वर ने सृष्टि के तीसरे दिन क्या बनाया? (उत्प. 1:12)

    2. (ख) सृष्टि के चौथे दिन क्या हुआ? (उत्प. 1:16)

    3. (ग) परमेश्‍वर ने पाँचवें और छठे दिन किस तरह के जानवर बनाए? (उत्प. 1:20, 21, 25)

  2. उत्पत्ति 2:8, 9 पढ़िए।

    परमेश्‍वर ने बगीचे में कौन-से दो खास पेड़ लगाए? वे किस बात की निशानी थे?

कहानी 3

पहला आदमी और औरत

  1. कहानी 3 की तसवीर में ऐसा क्या दिखायी दे रहा है, जो कहानी 2 की तसवीर में नहीं था?

  2. पहले आदमी को किसने बनाया? उस आदमी का क्या नाम था?

  3. परमेश्‍वर ने आदम को क्या काम दिया?

  4. परमेश्‍वर ने आदम को गहरी नींद में क्यों सुला दिया?

  5. आदम और हव्वा कब तक ज़िंदा रह सकते थे? यहोवा उनसे क्या चाहता था?

कुछ और सवाल:

  1. भजन 83:18 पढ़िए।

    परमेश्‍वर का नाम क्या है और सारी पृथ्वी के ऊपर उसकी क्या पदवी है, जो किसी और की नहीं है? (यिर्म. 16:21; दानि. 4:17)

  2. उत्पत्ति 1:26-31 पढ़िए।

    1. (क) परमेश्‍वर ने सृष्टि के छठे दिन के आखिर में किसे बनाया और यह रचना कैसे जानवरों से अलग थी? (उत्प. 1:26)

    2. (ख) यहोवा ने इंसान और जानवर, दोनों के लिए क्या इंतज़ाम किया? (उत्प. 1:30)

  3. उत्पत्ति 2:7-25 पढ़िए।

    1. (क) जानवरों के नाम रखने के लिए आदम को क्या करना था? (उत्प. 2:19)

    2. (ख) उत्पत्ति 2:24 से हम शादी, पति-पत्नी के अलग होने और तलाक के बारे में यहोवा का नज़रिया कैसे समझ सकते हैं? (मत्ती 19:4-6, 9)

कहानी 4

उन्हें अदन बगीचे से बाहर क्यों निकाल दिया गया

  1. तसवीर में आदम और हव्वा के साथ क्या हो रहा है?

  2. यहोवा ने उन्हें सज़ा क्यों दी?

  3. साँप ने हव्वा से क्या कहा?

  4. साँप के बोलने के पीछे किसका हाथ था?

  5. आदम और हव्वा को अदन बाग से क्यों बाहर निकाल दिया गया?

कुछ और सवाल:

  1. उत्पत्ति 2:16, 17 और 3:1-13, 24 पढ़िए।

    1. (क) शैतान ने हव्वा से यहोवा के बारे में जो कहा, क्या वह सही था? हम यह कैसे कह सकते हैं? (उत्प. 3:1-5; 1 यूह. 5:3)

    2. (ख) हव्वा से हम क्या सबक सीखते हैं? (फिलि. 4:8; याकू. 1: 14, 15; 1 यूह. 2:16)

    3. (ग) आदम और हव्वा ने कैसे दिखाया कि उन्होंने अपनी गलती नहीं मानी? (उत्प. 3:12, 13)

    4. (घ) यहोवा ने अदन बगीचे के पूरब में करूबों को क्यों तैनात किया? (उत्प. 3:24)

  2. प्रकाशितवाक्य 12:9 पढ़िए।

    इंसानों को परमेश्‍वर की हुकूमत के खिलाफ ले जाने में शैतान कितना कामयाब हुआ है? (1 यूह. 5:19)

कहानी 5

मुश्‍किल ज़िंदगी की शुरूआत

  1. अदन बगीचे के बाहर, आदम और हव्वा की ज़िंदगी कैसी थी?

  2. आदम और हव्वा के साथ क्या होने लगा और क्यों?

  3. आदम और हव्वा के बच्चे क्यों बूढ़े होते और मर जाते?

  4. अगर आदम और हव्वा ने यहोवा की बात मानी होती, तो उनकी और उनके बच्चों की ज़िंदगी कैसी होती?

  5. परमेश्‍वर का कहना न मानने की वजह से हव्वा को कैसी तकलीफ उठानी पड़ी?

  6. आदम और हव्वा के पहले दो बेटों के क्या नाम थे?

  7. तसवीर में दिखाए बाकी बच्चे कौन हैं?

कुछ और सवाल:

  1. उत्पत्ति 3:16-23 और 4:1, 2 पढ़िए।

    1. (क) धरती को शाप देने से आदम की ज़िंदगी पर क्या असर पड़ा? (उत्प. 3:17-19)

    2. (ख) इब्रानी में हव्वा के नाम का मतलब है, “जीवित।” उसे यह नाम दिया जाना सही क्यों था? (उत्प. 3:20)

    3. (ग) आदम और हव्वा के पाप करने के बाद भी यहोवा ने कैसे उनके लिए परवाह दिखायी? (उत्प. 3:7, 21)

  2. प्रकाशितवाक्य 21:3, 4 पढ़िए।

    किन ‘पहली बातों’ को आप खत्म होते देखना चाहेंगे?

कहानी 6

एक अच्छा बेटा और एक बुरा बेटा

  1. कैन और हाबिल क्या काम करते थे?

  2. कैन और हाबिल यहोवा के लिए क्या तोहफा लाए?

  3. यहोवा क्यों हाबिल के तोहफे से खुश हुआ? मगर वह कैन के तोहफे से क्यों खुश नहीं हुआ?

  4. कैन कैसा आदमी था? यहोवा ने किस तरह उसे सुधारने की कोशिश की?

  5. जब कैन अपने भाई के साथ मैदान में अकेला था, तब उसने क्या किया?

  6. जब कैन ने अपने भाई को जान से मार डाला, तब कैन का क्या हुआ?

कुछ और सवाल:

  1. उत्पत्ति 4:2-26 पढ़िए।

    1. (क) कैन जिस खतरनाक हालत में था, उसके बारे में यहोवा ने क्या बताया? (उत्प. 4:7)

    2. (ख) कैन ने कैसा रवैया दिखाया? (उत्प. 4:9)

    3. (ग) किसी बेगुनाह का खून करने के बारे में यहोवा का क्या नज़रिया है? (उत्प. 4:10; यशा. 26:21)

  2. पहला यूहन्‍ना 3:11, 12 पढ़िए।

    1. (क) कैन गुस्से से क्यों भड़क उठा? इससे हम क्या सबक सीखते हैं? (उत्प. 4:4, 5; नीति. 14:30; 28:22)

    2. (ख) बाइबल कैसे यह बताती है कि चाहे हमारा पूरा परिवार हमारा दुश्‍मन बन जाए, फिर भी हम यहोवा के वफादार रह सकते हैं? (भज. 27:10; मत्ती 10:21, 22)

  3. यूहन्‍ना 11:25 पढ़िए।

    यहोवा उन सभी लोगों के बारे में क्या वादा करता है, जो सच्चाई की खातिर अपनी जान दे देते हैं? (यूह. 5:24)

कहानी 7

एक बहादुर आदमी

  1. हनोक कैसे दूसरों से अलग था?

  2. हनोक के समय में लोग इतने ज़्यादा बुरे काम क्यों करते थे?

  3. लोग कैसे-कैसे बुरे काम करते थे? (तसवीर देखिए।)

  4. हनोक को बहादुरी से काम लेने की ज़रूरत क्यों थी?

  5. उस समय के लोग कितने साल तक ज़िंदा रहते थे? हनोक कितने साल ज़िंदा रहा?

  6. हनोक के मरने के बाद क्या हुआ?

कुछ और सवाल:

  1. उत्पत्ति 5:21-24, 27 पढ़िए।

    1. (क) हनोक का यहोवा के साथ कैसा रिश्‍ता था? (उत्प. 5:24)

    2. (ख) बाइबल के मुताबिक कौन सबसे ज़्यादा साल तक ज़िंदा रहा और कितनी उम्र में उसकी मौत हुई? (उत्प. 5:27)

  2. उत्पत्ति 6:5 पढ़िए।

    हनोक के मरने के बाद धरती की हालत किस हद तक बिगड़ गयी थी? आज हमारे दिन किस तरह हनोक के दिन के जैसे हैं? (2 तीमु. 3:13)

  3. लूका 3:23, 37 पढ़िए।

    ‘परमेश्‍वर के साथ-साथ चलने’ का हनोक को क्या इनाम मिला? (उत्प. 5:22)

  4. यहूदा 14, 15 पढ़िए।

    आज मसीही, हरमगिदोन की लड़ाई के बारे में लोगों को चेतावनी देते वक्‍त, हनोक के जैसी हिम्मत कैसे दिखा सकते हैं? (2 तीमु. 4:2; इब्रा. 13:6)

कहानी 8

धरती पर नेफिलीम

  1. जब परमेश्‍वर के कुछ स्वर्गदूत, शैतान की बातों में आ गए तो क्या हुआ?

  2. कुछ स्वर्गदूत, स्वर्ग में अपना काम छोड़कर धरती पर क्यों आए?

  3. स्वर्गदूतों का इंसान बनकर धरती पर आना क्यों गलत था?

  4. स्वर्गदूतों के बच्चे दूसरे बच्चों से कैसे अलग थे?

  5. जैसा कि आप तसवीर में देखते हैं, स्वर्गदूतों के बच्चे बड़े होकर जब नेफिलीम बन गए तो उन्होंने क्या किया?

  6. हनोक के मरने के बाद धरती पर कौन अच्छा आदमी था? परमेश्‍वर उसे क्यों पसंद करता था?

कुछ और सवाल:

  1. उत्पत्ति 6:1-8 पढ़िए।

    उत्पत्ति 6:6 के मुताबिक हमारे कामों का यहोवा पर क्या असर पड़ता है? (भज. 78:40, 41; नीति. 27:11)

  2. यहूदा 6 पढ़िए।

    नूह के दिनों में जिन स्वर्गदूतों ने “अपने पद को स्थिर न” रखा, वे आज हमारे लिए कैसे एक चेतावनी हैं? (1 कुरि. 3:5-9; 2 पत. 2:4, 9, 10)

कहानी 9

नूह का जहाज़

  1. नूह के परिवार में कितने लोग थे और उसके तीन बेटों के क्या नाम थे?

  2. परमेश्‍वर ने नूह को कौन-सा काम दिया और क्यों?

  3. जब नूह ने अपने पड़ोसियों को बाढ़ के बारे में बताया, तो उन्होंने क्या किया?

  4. परमेश्‍वर ने नूह से जानवरों को जहाज़ में ले जाने के बारे में क्या कहा?

  5. जब परमेश्‍वर ने जहाज़ का दरवाज़ा बंद कर दिया, तब नूह और उसके परिवार को क्या करना था?

कुछ और सवाल:

  1. उत्पत्ति 6:9-22 पढ़िए।

    1. (क) किस वजह से नूह, सच्चे परमेश्‍वर का एक बेमिसाल सेवक था? (उत्प. 6:9, 22; द होली बाइबल—ए न्यू हिन्दी ट्रांस्लेशन [NHT])

    2. (ख) यहोवा खून-खराबे के बारे में कैसा महसूस करता है? इसे ध्यान में रखते हुए हमें कैसा मनोरंजन चुनना चाहिए? (उत्प. 6:11, 12; भज. 11:5)

    3. (ग) जब यहोवा का संगठन हमें हिदायत देता है, तो हम कैसे नूह के जैसे बन सकते हैं? (उत्प. 6:22; 1 यूह. 5:3)

  2. उत्पत्ति 7:1-9 पढ़िए।

    यहोवा ने एक असिद्ध इंसान नूह को धर्मी समझा, इस बात से आज हमारा हौसला कैसे बढ़ता है? (उत्प. 7:1; नीति. 10:16; यशा. 26:7)

कहानी 10

पूरी धरती पर आयी बाढ़

  1. बारिश शुरू होने के बाद, कोई भी जहाज़ के अंदर क्यों नहीं घुस सका?

  2. यहोवा ने कितने दिन और कितनी रात पानी बरसाया और पानी कितना बढ़ गया?

  3. जब पानी ऊपर उठने लगा, तो जहाज़ का क्या हुआ?

  4. क्या इस बाढ़ से नेफिलीम ज़िंदा बचे? उनके पिताओं का क्या हुआ?

  5. पाँच महीने बाद जहाज़ का क्या हुआ?

  6. नूह ने कौवे को जहाज़ से बाहर क्यों छोड़ा?

  7. नूह ने कैसे जाना कि पानी कम हो गया है?

  8. जहाज़ में नूह और उसके परिवार के एक साल से ज़्यादा समय तक रहने के बाद, परमेश्‍वर ने नूह से क्या कहा?

कुछ और सवाल:

  1. उत्पत्ति 7:10-24 पढ़िए।

    1. (क) धरती पर जीवन किस हद तक मिट गया? (उत्प. 7:23)

    2. (ख) बाढ़ के पानी को कम होने और ज़मीन सूखने में कितने दिन लग गए? (उत्प. 7:24)

  2. उत्पत्ति 8:1-17 पढ़िए।

    उत्पत्ति 8:17 से कैसे पता चलता है कि धरती के लिए यहोवा ने शुरू में जो मकसद ठहराया था, वह नहीं बदला है? (उत्प. 1:22)

  3. पहला पतरस 3:19, 20 पढ़िए।

    1. (क) स्वर्ग लौटने पर दुष्ट स्वर्गदूतों को क्या सज़ा मिली? (यहू. 6)

    2. (ख) नूह और उसके परिवार की कहानी से हमारा यह भरोसा कैसे मज़बूत होता है कि यहोवा के पास अपने लोगों को बचाने की ताकत है? (2 पत. 2:9)

कहानी 11

पहला मेघधनुष

  1. जैसे तसवीर में दिखाया गया है, नूह ने जहाज़ से बाहर आने के बाद सबसे पहले क्या किया?

  2. परमेश्‍वर ने नूह और उसके परिवार को क्या आशीर्वाद दिया?

  3. परमेश्‍वर ने नूह से क्या वादा किया?

  4. मेघधनुष देखने पर हमें क्या याद आना चाहिए?

कुछ और सवाल:

  1. उत्पत्ति 8:18-22 पढ़िए।

    1. (क) आज हम यहोवा को “सुखदायक सुगन्ध” कैसे चढ़ा सकते हैं? (उत्प. 8:21; इब्रा. 13:15, 16)

    2. (ख) यहोवा ने इंसान के मन के बारे में क्या कहा? इसलिए हमें किस बात से खबरदार रहना चाहिए? (उत्प. 8:21; मत्ती 15:18, 19)

  2. उत्पत्ति 9:9-17 पढ़िए।

    1. (क) परमेश्‍वर ने पृथ्वी के सब प्राणियों के साथ क्या वाचा बाँधी? (उत्प. 9:10, 11)

    2. (ख) मेघधनुष की वाचा कब तक कायम रहेगी? (उत्प. 9:16)

कहानी 12

आसमान से बातें करती मीनार

  1. निम्रोद कौन था और क्या परमेश्‍वर उसे पसंद करता था?

  2. तसवीर में दिखाए गए लोग ईंटें क्यों बना रहे हैं?

  3. यहोवा को मीनार बनाने का काम क्यों अच्छा नहीं लगा?

  4. परमेश्‍वर ने इस काम को कैसे रोका?

  5. उस शहर का क्या नाम पड़ा और उस नाम का क्या मतलब है?

  6. जब परमेश्‍वर ने लोगों की भाषा में गड़बड़ी पैदा की, तब क्या हुआ?

कुछ और सवाल:

  1. उत्पत्ति 10:1, 8-10 पढ़िए।

    निम्रोद कैसा इंसान था और इससे आज हमें क्या चेतावनी मिलती है? (नीति. 3:31)

  2. उत्पत्ति 11:1-9 पढ़िए।

    मीनार बनाने के पीछे लोगों का क्या इरादा था और उस काम के पूरे होने की उम्मीद क्यों नहीं थी? (उत्प. 11:4; नीति. 16:18; यूह. 5:44)

कहानी 13

परमेश्‍वर का दोस्त—इब्राहीम

  1. ऊर शहर में किस तरह के लोग रहते थे?

  2. तसवीर में यह आदमी कौन है? वह कब पैदा हुआ और कहाँ रहता था?

  3. यहोवा ने इब्राहीम से क्या करने के लिए कहा?

  4. परमेश्‍वर ने इब्राहीम को अपना दोस्त क्यों कहा?

  5. जब इब्राहीम ने ऊर शहर छोड़ा, तो उसके साथ कौन-कौन गया?

  6. कनान देश पहुँचने पर यहोवा ने इब्राहीम से क्या कहा?

  7. जब इब्राहीम 99 साल का हुआ, तो यहोवा ने उससे क्या वादा किया?

कुछ और सवाल:

  1. उत्पत्ति 11:27-32 पढ़िए।

    1. (क) इब्राहीम और लूत के बीच क्या रिश्‍ता था? (उत्प. 11:27)

    2. (ख) इब्राहीम और उसका पूरा परिवार कनान देश क्यों गया? (उत्प. 11:31; प्रेरि. 7:2-4)

  2. उत्पत्ति 12:1-7 पढ़िए।

    जब इब्राहीम कनान देश पहुँचा तब यहोवा ने इब्राहीम से बाँधी अपनी वाचा में और क्या बात जोड़ी? (उत्प. 12:7)

  3. उत्पत्ति 17:1-8, 15-17 पढ़िए।

    1. (क) जब अब्राम 99 साल का हुआ, तो उसका नाम बदलकर क्या रखा गया और क्यों? (उत्प. 17:5)

    2. (ख) यहोवा ने सारा को भविष्य में कौन-सी आशीषें देने का वादा किया? (उत्प. 17:15, 16)

  4. उत्पत्ति 18:9-19 पढ़िए।

    1. (क) उत्पत्ति 18:19 के मुताबिक पिताओं को क्या ज़िम्मेदारी दी गयी है? (व्यव. 6:6, 7; इफि. 6:4)

    2. (ख) सारा के साथ हुई कौन-सी घटना दिखाती है कि हम यहोवा से कुछ भी नहीं छिपा सकते? (उत्प. 18:12, 15; भज. 44:21)

कहानी 14

विश्‍वास की परीक्षा

  1. परमेश्‍वर ने इब्राहीम से क्या वादा किया? उसने अपना यह वादा कैसे पूरा किया?

  2. जैसे तसवीर में दिखाया गया है, परमेश्‍वर ने किस तरह इब्राहीम के विश्‍वास की परीक्षा ली?

  3. हालाँकि इब्राहीम को नहीं मालूम था कि यहोवा ने उसे ऐसी आज्ञा क्यों दी, फिर भी इब्राहीम ने क्या किया?

  4. जब इब्राहीम ने अपने बेटे को मारने के लिए चाकू निकाला, तब क्या हुआ?

  5. इब्राहीम को परमेश्‍वर पर कितना विश्‍वास था?

  6. बलि चढ़ाने के लिए परमेश्‍वर ने इब्राहीम को क्या दिया और कैसे?

कुछ और सवाल:

  1. उत्पत्ति 21:1-7 पढ़िए।

    इब्राहीम ने आठवें दिन अपने बेटे का खतना क्यों किया? (उत्प. 17:10-12; 21:4)

  2. उत्पत्ति 22:1-18 पढ़िए।

    इसहाक ने कैसे दिखाया कि वह अपने पिता इब्राहीम के अधीन है? यह कैसे भविष्य में होनेवाली एक अहम घटना की झलक थी? (उत्प. 22:7-9; 1 कुरि. 5:7; फिलि. 2:8, 9)

कहानी 15

नमक का खंभा

  1. इब्राहीम और लूत अलग क्यों हो गए?

  2. लूत ने सदोम में रहने का फैसला क्यों किया?

  3. सदोम में रहनेवाले लोग कैसे थे?

  4. दो स्वर्गदूतों ने लूत को क्या चेतावनी दी?

  5. लूत की पत्नी नमक का खंभा क्यों बन गयी?

  6. लूत की पत्नी से हम क्या सबक सीखते हैं?

कुछ और सवाल:

  1. उत्पत्ति 13:5-13 पढ़िए।

    आपसी झगड़ों को सुलझाने के बारे में हम इब्राहीम से क्या सीखते हैं? (उत्प. 13:8, 9; रोमि. 12:10; फिलि. 2:3, 4)

  2. उत्पत्ति 18:20-33 पढ़िए।

    यहोवा, इब्राहीम के साथ जिस तरह पेश आया, उससे हमें यह भरोसा कैसे मिलता है कि यहोवा और यीशु सच्चा न्याय करेंगे? (उत्प. 18:25, 26; मत्ती 25:31-33)

  3. उत्पत्ति 19:1-29 पढ़िए।

    1. (क) बाइबल की इस कहानी से समलैंगिकता के बारे में परमेश्‍वर का नज़रिया कैसे पता चलता है? (उत्प. 19:5, 13; लैव्य. 20:13)

    2. (ख) लूत और इब्राहीम ने जिस तरह परमेश्‍वर की हिदायत मानी, उसमें क्या फर्क था और इससे हम क्या सीखते हैं? (उत्प. 19:15, 16, 19, 20; 22:3)

  4. लूका 17:28-32 पढ़िए।

    धन-दौलत के बारे में लूत की पत्नी का क्या रवैया था और इससे हमें क्या चेतावनी मिलती है? (लूका 12:15; 17:31, 32; मत्ती 6:19-21, 25)

  5. दूसरा पतरस 2:6-8 पढ़िए।

    लूत की तरह हमें भी इस अधर्मी संसार के बारे में कैसा नज़रिया रखना चाहिए? (यहे. 9:4; 1 यूह. 2:15-17)

कहानी 16

इसहाक को मिली अच्छी पत्नी

  1. तसवीर में दिखाए आदमी और औरत कौन हैं?

  2. इब्राहीम ने अपने बेटे की शादी कराने के लिए क्या कदम उठाया? उसने ऐसा क्यों किया?

  3. इब्राहीम के नौकर की प्रार्थना कैसे सुनी गयी?

  4. रिबका से जब पूछा गया कि क्या वह इसहाक से शादी करेगी, तो उसने क्या जवाब दिया?

  5. किस वजह से इसहाक की ज़िंदगी में फिर से खुशी लौट आयी?

कुछ और सवाल:

  1. उत्पत्ति 24:1-67 पढ़िए।

    1. (क) जब कुएँ के पास रिबका की मुलाकात इब्राहीम के नौकर से हुई, तब रिबका ने कौन-से लाजवाब गुण दिखाए? (उत्प. 24:17-20; नीति. 31:17, 31)

    2. (ख) इब्राहीम ने इसहाक के लिए जो किया, वह आज मसीहियों के लिए कैसे एक बढ़िया मिसाल है? (उत्प. 24:37, 38; 1 कुरि. 7:39; 2 कुरि. 6:14)

    3. (ग) इसहाक की तरह, हमें भी मनन के लिए समय क्यों निकालना चाहिए? (उत्प. 24:63; भज. 77:12; फिलि. 4:8)

कहानी 17

जुड़वाँ मगर एक-दूसरे से बिलकुल अलग

  1. एसाव और याकूब कौन थे और वे कैसे एक-दूसरे से अलग थे?

  2. जब एसाव और याकूब के दादा इब्राहीम की मौत हुई, तब उन दोनों की उम्र क्या थी?

  3. एसाव ने ऐसा क्या किया जिससे उसके माता-पिता को बहुत दुःख हुआ?

  4. एसाव को अपने भाई याकूब पर गुस्सा क्यों आया?

  5. इसहाक ने अपने बेटे याकूब को क्या करने के लिए कहा?

कुछ और सवाल:

  1. उत्पत्ति 25:5-11, 20-34 पढ़िए।

    1. (क) यहोवा ने रिबका के बेटों के बारे में क्या भविष्यवाणी की? (उत्प. 25:23)

    2. (ख) पहिलौठे के अधिकार की तरफ याकूब और एसाव का रवैया कैसे एक-दूसरे से बिलकुल अलग था? (उत्प. 25:31-34)

  2. उत्पत्ति 26:34, 35; 27:1-46 और 28:1-5 पढ़िए।

    1. (क) यह कैसे ज़ाहिर हुआ कि एसाव को आध्यात्मिक बातों की कदर नहीं थी? (उत्प. 26:34, 35; 27:46)

    2. (ख) इसहाक ने याकूब से क्या करने के लिए कहा, ताकि याकूब को परमेश्‍वर की आशीष मिले? (उत्प. 28:1-4)

  3. इब्रानियों 12:16, 17 पढ़िए।

    पवित्र चीज़ों की कद्र न करनेवालों का क्या अंजाम होगा, यह एसाव की मिसाल से कैसे पता चलता है?

कहानी 18

याकूब हारान गया

  1. तसवीर में यह जवान लड़की कौन है और याकूब ने उसके लिए क्या किया?

  2. राहेल से शादी करने के लिए याकूब क्या करने के लिए तैयार था?

  3. जब याकूब से राहेल की शादी कराने का वक्‍त आया, तो लाबान ने क्या किया?

  4. राहेल को पाने के लिए याकूब क्या करने के लिए राज़ी हो गया?

कुछ और सवाल:

  1. उत्पत्ति 29:1-30 पढ़िए।

    1. (क) हालाँकि लाबान ने याकूब के साथ धोखा किया, फिर भी याकूब ने कैसे अपनी शराफत नहीं छोड़ी? इससे हमें क्या सीख मिलती है? (उत्प. 25:27; 29:26-28; मत्ती 5:37)

    2. (ख) याकूब की मिसाल कैसे दिखाती है कि सच्चे प्यार और दीवानगी के बीच फर्क है? (उत्प. 29:18, 20, 30; श्रेष्ठ. 8:6)

    3. (ग) कौन-सी चार स्त्रियाँ याकूब के परिवार का हिस्सा बनीं, जिन्होंने बाद में उसके बेटों को जन्म दिया? (उत्प. 29:23, 24, 28, 29)

कहानी 19

याकूब का बड़ा परिवार

  1. याकूब की पहली पत्नी लिआ से हुए छः बेटों के नाम बताइए।

  2. लिआ की नौकरानी जिल्पा ने याकूब के किन दो बेटों को जन्म दिया?

  3. राहेल की नौकरानी बिल्हा से हुए याकूब के दो बेटों के क्या नाम हैं?

  4. राहेल ने किन दो बेटों को जन्म दिया? दूसरे बेटे को जन्म देते वक्‍त राहेल का क्या हुआ?

  5. जैसा कि तसवीर में दिखाया गया है, याकूब के कुल कितने बेटे थे और उनसे आगे चलकर कौन-सी जाति बनी?

कुछ और सवाल:

  1. उत्पत्ति 29:32-35; 30:1-26 और 35:16-19 पढ़िए।

    जैसा कि याकूब के 12 बेटों के नाम दिखाते हैं, प्राचीन समय में इब्री लड़कों के नाम अकसर कैसे रखे जाते थे?

  2. उत्पत्ति 37:35 पढ़िए।

    हालाँकि बाइबल में सिर्फ दीना का नाम दिया गया है, लेकिन हम कैसे जानते हैं कि याकूब की और भी बेटियाँ थीं? (उत्प. 37:34, 35)

कहानी 20

दीना मुसीबत में

  1. इब्राहीम और इसहाक क्यों नहीं चाहते थे कि उनके बेटे कनान देश की लड़कियों से शादी करें?

  2. क्या दीना का कनानी लड़कियों से दोस्ती करना याकूब को पसंद था?

  3. तसवीर में दिखाया लड़का कौन है, जो दीना को घूर रहा है और उस लड़के ने क्या गलत काम किया?

  4. दीना के साथ जो हुआ उसका पता चलने पर, उसके भाई शिमोन और लेवी ने क्या किया?

  5. शिमोन और लेवी ने जो किया, क्या वह याकूब को सही लगा?

  6. इस परिवार पर आयी सारी मुसीबतों की जड़ क्या थी?

कुछ और सवाल:

  1. उत्पत्ति 34:1-31 पढ़िए।

    1. (क) क्या दीना सिर्फ एक बार कनान देश की लड़कियों से मिलने गयी? समझाइए। (उत्प. 34:1, NW)

    2. (ख) दीना के साथ जो हुआ, उसके लिए काफी हद तक वह खुद ज़िम्मेदार थी, क्यों? (गल. 6:7)

    3. (ग) आज के नौजवान कैसे दिखा सकते हैं कि दीना की कहानी से सीखी बात को उन्होंने गाँठ बाँध लिया है? (नीति. 13:20; 1 कुरि. 15:33; 1 यूह. 5:19)

कहानी 21

यूसुफ के भाइयों की नफरत

  1. यूसुफ के भाई उससे क्यों जलने लगे? जब यूसुफ अपने भाइयों के पास पहुँचा, तो वे उसके साथ क्या करना चाहते थे?

  2. रूबेन ने अपने भाइयों से क्या कहा? उसके बाद यूसुफ के भाइयों ने यूसुफ के साथ क्या किया?

  3. जब यूसुफ के भाइयों ने कुछ इश्‍माएली लोगों को जाते देखा, तब उन्होंने क्या किया?

  4. यूसुफ के भाइयों ने क्या किया, ताकि उनका पिता यह मान ले कि यूसुफ मर गया है?

कुछ और सवाल:

  1. उत्पत्ति 37:1-35 पढ़िए।

    1. (क) जब कलीसिया में कोई गलत काम करता है, तो दूसरे मसीही कैसे यूसुफ की मिसाल पर चल सकते हैं? (उत्प. 37:2; लैव्य. 5:1; 1 कुरि. 1:11)

    2. (ख) यूसुफ के भाइयों ने क्यों उसके साथ बुरा सलूक किया? (उत्प. 37:11, 18; नीति. 27:4; याकू. 3:14-16)

    3. (ग) बेटे की मौत की खबर सुनकर याकूब ने क्या किया, जो कि मातम मनाने का एक तरीका है? (उत्प. 37:35)

कहानी 22

जेल में कैद यूसुफ

  1. जब यूसुफ को मिस्र लाया गया तब वह कितने साल का था और वहाँ उसके साथ क्या हुआ?

  2. यूसुफ को जेल में क्यों डाला गया?

  3. यूसुफ को जेल में क्या काम सौंपा गया?

  4. जेल में यूसुफ ने फिरौन के पिलानेवाले और पकानेवाले के लिए क्या किया?

  5. जब पिलानेवाला जेल से छूट गया तब क्या हुआ?

कुछ और सवाल:

  1. उत्पत्ति 39:1-23 पढ़िए।

    यूसुफ के दिनों में, परमेश्‍वर ने व्यभिचार के खिलाफ कोई लिखित कानून नहीं दिया था। तो फिर किस बात ने यूसुफ को पोतीपर की पत्नी से दूर भागने के लिए उकसाया? (उत्प. 2:24; 20:3; 39:9)

  2. उत्पत्ति 40:1-23 पढ़िए।

    1. (क) थोड़े शब्दों में बताइए कि पिलानेवाले ने क्या सपना देखा था और यहोवा ने यूसुफ को उस सपने का क्या मतलब बताया। (उत्प. 40:9-13)

    2. (ख) पकानेवाले ने क्या सपना देखा और उसका क्या मतलब था? (उत्प. 40:16-19)

    3. (ग) आज विश्‍वासयोग्य और बुद्धिमान दास वर्ग कैसे यूसुफ के जैसा रवैया दिखाता है? (उत्प. 40:8; भज. 36:9; यूह. 17:17; प्रेरि. 17:2, 3)

    4. (घ) उत्पत्ति 40:20 के मुताबिक जन्मदिन के बारे में मसीहियों का क्या नज़रिया होना चाहिए? (सभो. 7:1; मर. 6:21-28)

कहानी 23

फिरौन के सपने

  1. एक रात फिरौन के साथ क्या हुआ?

  2. कब जाकर पिलानेवाले को यूसुफ की याद आयी?

  3. जैसा कि तसवीर में दिखाया गया है, फिरौन ने कौन-से दो सपने देखे?

  4. यूसुफ ने सपनों का क्या मतलब बताया?

  5. यूसुफ किस तरह मिस्र का दूसरा सबसे बड़ा आदमी बना?

  6. यूसुफ के भाई मिस्र क्यों आए और वे उसे क्यों नहीं पहचान पाए?

  7. अपने भाइयों से मिलकर यूसुफ को कौन-से सपने याद आए और इससे वह क्या समझ गया?

कुछ और सवाल:

  1. उत्पत्ति 41:1-57 पढ़िए।

    1. (क) यूसुफ ने किस तरह यहोवा की बड़ाई की और आज मसीही कैसे उसकी मिसाल पर चल सकते हैं? (उत्प. 41:16, 25, 28; मत्ती 5:16; 1 पत. 2:12)

    2. (ख) मिस्र में पहले सात साल अनाज की भरपूर पैदावार हुई, जिसके बाद सात साल तक अकाल पड़ा। इसकी तुलना आज हम यहोवा के लोगों और ईसाईजगत की आध्यात्मिक हालत से कैसे कर सकते हैं? (उत्प. 41:29, 30; आमो. 8:11, 12)

  2. उत्पत्ति 42:1-8 और 50:20 पढ़िए।

    अगर किसी देश में अधिकारियों के आगे झुककर उन्हें आदर देने का रिवाज़ है, तो क्या यहोवा के उपासकों का यह रिवाज़ मानना गलत होगा? (उत्प. 42:6)

कहानी 24

यूसुफ ने ली अपने भाइयों की परीक्षा

  1. यूसुफ ने अपने भाइयों पर जासूस होने का इलज़ाम क्यों लगाया?

  2. याकूब ने अपने सबसे छोटे बेटे बिन्यामीन को मिस्र क्यों जाने दिया?

  3. यूसुफ का चाँदी का कटोरा बिन्यामीन की बोरी में कैसे आ गया?

  4. बिन्यामीन को छुड़ाने के लिए यहूदा ने क्या कहा?

  5. यूसुफ के भाइयों में क्या बदलाव आया?

कुछ और सवाल:

  1. उत्पत्ति 42:9-38 पढ़िए।

    आज यहोवा के संगठन में ज़िम्मेदार भाइयों को उत्पत्ति 42:18 में लिखी यूसुफ की बात क्यों याद रखनी चाहिए? (नहे. 5:15; 2 कुरि. 7:1, 2)

  2. उत्पत्ति 43:1-34 पढ़िए।

    1. (क) रूबेन याकूब का सबसे बड़ा बेटा था, मगर भाइयों की तरफ से यहूदा ही बोलता था। यह कैसे पता चलता है? (उत्प. 43:3, 8, 9; 44:14, 18; 1 इति. 5:2)

    2. (ख) यूसुफ ने अपने भाइयों की परीक्षा कैसे ली और क्यों? (उत्प. 43:33, 34)

  3. उत्पत्ति 44:1-34 पढ़िए।

    1. (क) अपने भाइयों से अपनी पहचान छिपाने के लिए यूसुफ ने खुद को किस तरह का इंसान दिखाने की कोशिश की? (उत्प. 44:5, 15; लैव्य. 19:26)

    2. (ख) यूसुफ के भाइयों ने कैसे दिखाया कि अब उनमें जलन की भावना नहीं थी? (उत्प. 44:13, 33, 34)

कहानी 25

पूरा परिवार मिस्र आ गया

  1. जब यूसुफ ने अपने भाइयों को अपनी असली पहचान बतायी, तब क्या हुआ?

  2. यूसुफ ने अपने भाइयों को प्यार से क्या समझाया?

  3. जब फिरौन को यूसुफ के भाइयों के आने की खबर मिली, तो उसने क्या कहा?

  4. जब याकूब का परिवार मिस्र आया, तब उसमें कितने लोग थे?

  5. याकूब के परिवार को बाद में क्या नाम दिया गया और क्यों?

कुछ और सवाल:

  1. उत्पत्ति 45:1-28 पढ़िए।

    जब यहोवा का एक सेवक बुरे हालात में फँसता है, तो यहोवा उन हालात को अच्छाई के लिए बदल सकता है। यह हम यूसुफ की कहानी से कैसे सीखते हैं? (उत्प. 45:5-8; यशा. 8:10; फिलि. 1:12-14)

  2. उत्पत्ति 46:1-27 पढ़िए।

    जब याकूब मिस्र जा रहा था तो यहोवा ने उसे क्या भरोसा दिलाया? (उत्प. 46:1-4)

कहानी 26

परमेश्‍वर का वफादार सेवक, अय्यूब

  1. अय्यूब कौन था?

  2. शैतान ने क्या करने की कोशिश की? क्या वह कामयाब हुआ?

  3. यहोवा ने शैतान को क्या करने की इजाज़त दी और क्यों?

  4. अय्यूब की पत्नी ने उससे क्यों कहा कि ‘परमेश्‍वर को बुरा-भला कह और मर जा?’ (तसवीर देखिए।)

  5. जैसे आप दूसरी तसवीर में देख सकते हैं, यहोवा ने अय्यूब को क्या आशीष दी और क्यों?

  6. अगर हम अय्यूब की तरह यहोवा के वफादार रहें, तो हमें क्या आशीषें मिलेंगी?

कुछ और सवाल:

  1. अय्यूब 1:1-22 पढ़िए।

    आज मसीही, अय्यूब की तरह कैसे बन सकते हैं? (अय्यू. 1:1; फिलि. 2:15; 2 पत. 3:14)

  2. अय्यूब 2:1-13 पढ़िए।

    शैतान के हाथों सताए जाने पर अय्यूब और उसकी पत्नी ने कैसे अलग-अलग रवैया दिखाया? (अय्यू. 2:9, 10; नीति. 19:3; मीका 7:7; मला. 3:14)

  3. अय्यूब 42:10-17 पढ़िए।

    1. (क) अय्यूब और यीशु को अपनी वफादारी का जो इनाम मिला, उसमें कौन-सी बातें मिलती-जुलती हैं? (अय्यू. 42:12; फिलि. 2:9-11)

    2. (ख) अपनी खराई बनाए रखने के लिए अय्यूब को ढेर सारी आशीषें मिलीं, इस बात से हमारा हौसला कैसे बढ़ता है? (अय्यू. 42:10, 12; इब्रा. 6:10; याकू. 1:2-4, 12; 5:11)

कहानी 27

दुष्ट फिरौन

  1. इस तसवीर में जिस आदमी के हाथ में चाबुक है, वह कौन है और वह किसे मार रहा है?

  2. यूसुफ के मरने के बाद इस्राएलियों के साथ क्या हुआ?

  3. मिस्री लोग इस्राएलियों से क्यों डर गए?

  4. फिरौन ने उन औरतों को क्या हुक्म दिया जो इस्राएली स्त्रियों की बच्चे पैदा करते वक्‍त मदद करती थीं?

कुछ और सवाल:

  1. निर्गमन 1:6-22 पढ़िए।

    1. (क) यहोवा ने कैसे इब्राहीम से किया अपना वादा पूरा करना शुरू किया? (निर्ग. 1:7; उत्प. 12:2; प्रेरि. 7:17)

    2. (ख) इब्री धाइयों ने जीवन की पवित्रता के लिए आदर कैसे दिखाया? (निर्ग. 1:17; उत्प. 9:6)

    3. (ग) उन धाइयों को यहोवा के वफादार रहने का क्या इनाम मिला? (निर्ग. 1:20, 21; नीति. 19:17)

    4. (घ) वादा किए गए वंश के बारे में यहोवा ने जो मकसद ठहराया था, उसे पूरा होने से रोकने की शैतान ने कैसे कोशिश की? (निर्ग. 1:22; मत्ती 2:16)

कहानी 28

नन्हा मूसा

  1. तसवीर में यह बच्चा कौन है और वह किसकी उँगली पकड़े हुए है?

  2. मूसा की माँ ने उसे मौत से बचाने के लिए क्या किया?

  3. तसवीर में दिखायी गयी छोटी लड़की कौन है और उसने क्या किया?

  4. जब फिरौन की बेटी ने बच्चे को देखा, तो मरियम ने आकर उससे क्या कहा?

  5. राजकुमारी ने मूसा की माँ से क्या कहा?

एक और सवाल:

  1. निर्गमन 2:1-10 पढ़िए।

    मूसा की माँ को किस तरह उसे छुटपन से तालीम देने का मौका मिला और इससे आज माता-पिता क्या सीख सकते हैं? (निर्ग. 2:9, 10; व्यव. 6:6-9; नीति. 22:6; इफि. 6:4; 2 तीमु. 3:15)

कहानी 29

मूसा क्यों भाग गया

  1. मूसा कहाँ पला-बढ़ा और वह अपने असली माँ-बाप के बारे में क्या जानता था?

  2. चालीस साल की उम्र में मूसा ने क्या किया?

  3. मूसा ने उस इस्राएली से क्या कहा, जो लड़ाई कर रहा था? उस इस्राएली ने पलटकर मूसा को क्या जवाब दिया?

  4. मूसा को मिस्र से क्यों भागना पड़ा?

  5. मूसा भागकर कहाँ गया और वहाँ किससे मिला?

  6. अगले 40 साल तक मूसा ने क्या किया?

कुछ और सवाल:

  1. निर्गमन 2:11-25 पढ़िए।

    हालाँकि मूसा ने मिस्रियों की सारी शिक्षा पायी थी, फिर भी उसने यहोवा और उसके लोगों के लिए अपनी वफादारी कैसे दिखायी? (निर्ग. 2:11, 12; इब्रा. 11:24)

  2. प्रेरितों 7:22-29 पढ़िए।

    मूसा ने अपने बलबूते जिस तरह इस्राएल को मिस्र की गुलामी से छुड़ाने की कोशिश की, उससे हम क्या सीखते हैं? (प्रेरि. 7:23-25; 1 पत. 5:6, 10)

कहानी 30

आग लगी, पर जली नहीं

  1. तसवीर में दिखाए पहाड़ का नाम क्या है?

  2. जब मूसा अपनी भेड़ों को चराने पहाड़ पर ले गया, तो उसने कौन-सी अजीब बात देखी?

  3. जलती हुई झाड़ी से क्या आवाज़ आयी? यह आवाज़ किसकी थी?

  4. जब परमेश्‍वर ने मूसा से कहा कि वह उसके ज़रिए अपने लोगों को मिस्र से छुड़ाएगा, तो मूसा ने क्या जवाब दिया?

  5. अगर इस्राएली मूसा से पूछते, ‘तुम्हें किसने भेजा है?’ तो इसका जवाब देने के लिए परमेश्‍वर ने मूसा को क्या बताया?

  6. मूसा यह कैसे साबित करता कि परमेश्‍वर ने ही उसे भेजा है?

कुछ और सवाल:

  1. निर्गमन 3:1-22 पढ़िए।

    अगर हमें लगता है कि हम परमेश्‍वर का काम करने के काबिल नहीं हैं, तो मूसा की कहानी से हमें कैसे भरोसा मिलता है कि यहोवा हमारी मदद ज़रूर करेगा? (निर्ग. 3:11, 13; 2 कुरि. 3:5, 6)

  2. निर्गमन 4:1-20 पढ़िए।

    1. (क) मिद्यान में 40 साल बिताने पर मूसा के रवैए में क्या बदलाव आया? इससे वे भाई क्या सीख सकते हैं जो कलीसिया में ज़िम्मेदारी सँभालने के लिए आगे बढ़ रहे हैं? (निर्ग. 2:11, 12; 4:10, 13; मीका 6:8; 1 तीमु. 3:1, 6, 10)

    2. (ख) यहोवा चाहे हमें अपने संगठन के ज़रिए ताड़ना क्यों न दे, मूसा की मिसाल से हम किस बात का भरोसा रख सकते हैं? (निर्ग. 4:12-14; भज. 103:14; इब्रा. 12:4-11)

कहानी 31

मूसा और हारून की फिरौन से मुलाकात

  1. मूसा और हारून के चमत्कारों का इस्राएलियों पर क्या असर पड़ा?

  2. मूसा और हारून ने फिरौन से क्या कहा और फिरौन ने उन्हें क्या जवाब दिया?

  3. जब हारून ने अपनी लाठी ज़मीन पर डाली तो क्या हुआ? तसवीर देखकर बताइए।

  4. यहोवा ने फिरौन को सबक सिखाने के लिए क्या किया और विपत्ति पड़ने पर फिरौन मूसा से क्या कहता था?

  5. दसवीं विपत्ति के बाद क्या हुआ?

कुछ और सवाल:

  1. निर्गमन 4:27-31 और 5:1-23 पढ़िए।

    जब फिरौन ने कहा कि “मैं यहोवा को नहीं जानता,” तो उसके कहने का क्या मतलब था? (निर्ग. 5:2; 1 शमू. 2:12; रोमि. 1:21)

  2. निर्गमन 6:1-13, 26-30 पढ़िए।

    1. (क) यहोवा ने खुद को किस मायने में इब्राहीम, इसहाक और याकूब पर ज़ाहिर नहीं किया था? (निर्ग. 3:13, 14; 6:3; उत्प. 12:8)

    2. (ख) मूसा को लगा था कि वह यहोवा का काम करने के काबिल नहीं है, फिर भी यहोवा ने उसे इस्तेमाल किया। इस बात से हमें क्या भरोसा मिलता है? (निर्ग. 6:12, 30; लूका 21:13-15)

  3. निर्गमन 7:1-13 पढ़िए।

    1. (क) मूसा और हारून ने निडर होकर फिरौन को यहोवा का फैसला सुनाया। आज परमेश्‍वर के सेवक उनसे क्या सीख सकते हैं? (निर्ग. 7:2, 3, 6; प्रेरि. 4:29-31)

    2. (ख) यहोवा ने कैसे दिखाया कि वह मिस्र के देवी-देवताओं से कहीं बढ़कर है? (निर्ग. 7:12; 1 इति. 29:12)

कहानी 32

10 विपत्तियाँ

  1. इन तसवीरों को देखकर बताइए कि यहोवा मिस्र पर पहले कौन-सी तीन विपत्तियाँ लाया।

  2. पहली तीन विपत्तियों और बाकी विपत्तियों के बीच क्या फर्क था?

  3. चौथी, पाँचवीं और छठी विपत्ति क्या थी?

  4. बताइए कि सातवीं, आठवीं और नौवीं विपत्ति में क्या हुआ।

  5. दसवीं विपत्ति लाने से पहले यहोवा ने इस्राएलियों को क्या करने के लिए कहा?

  6. दसवीं विपत्ति क्या थी और उसके बाद क्या हुआ?

कुछ और सवाल:

  1. निर्गमन 7:19-8:23 पढ़िए।

    1. (क) जब यहोवा पहली दो विपत्तियाँ लाया, तब मिस्र के जादूगरों ने भी वैसा ही किया, मगर तीसरी विपत्ति के बाद उन्हें क्या मानना पड़ा? (निर्ग. 8:18, 19; मत्ती 12:24-28)

    2. (ख) चौथी विपत्ति ने कैसे दिखाया कि यहोवा अपने लोगों की हिफाज़त करने की ताकत रखता है? इस जानकारी से यहोवा के लोगों को कैसे “बड़े क्लेश” का सामना करने की हिम्मत मिलती है? (निर्ग. 8:22, 23; प्रका. 7:13, 14; 2 इति. 16:9)

  2. निर्गमन 8:24; 9:3, 6, 10, 11, 14, 16, 23-25 और 10:13-15, 21-23 पढ़िए।

    1. (क) दस विपत्तियों से किन दो समूहों का परदाफाश हुआ और आज इन समूहों के बारे में हमारा क्या नज़रिया है? (निर्ग. 8:10, 18, 19; 9:14)

    2. (ख) निर्गमन 9:16 के मुताबिक यहोवा ने शैतान को अब तक क्यों ज़िंदा रहने दिया है? (रोमि. 9:21, 22)

  3. निर्गमन 12:21-32 पढ़िए।

    फसह का पर्व मनाने की वजह से कैसे बहुत-से लोगों की जान बची और यह पर्व किस बात की निशानी था? (निर्ग. 12:21-23; यूह. 1:29; रोमि. 5:18, 19, 21; 1 कुरि. 5:7)

कहानी 33

लाल सागर के पार

  1. मिस्र से कितने इस्राएली निकले? उनके साथ और कौन लोग गए?

  2. इस्राएलियों को जाने देने के बाद फिरौन को कैसा लगा और उसने क्या किया?

  3. यहोवा ने मिस्री सेना को रोकने के लिए क्या किया?

  4. जब मूसा ने लाल सागर पर अपनी लाठी बढ़ायी तब क्या हुआ और उसके बाद इस्राएलियों ने क्या किया?

  5. इस्राएलियों का पीछा करते हुए मिस्री जब लाल सागर में घुस गए, तब क्या हुआ?

  6. यहोवा ने इस्राएलियों को बचाया, इसके लिए उन्होंने कैसे यहोवा को धन्यवाद दिया और अपनी खुशी ज़ाहिर की?

कुछ और सवाल:

  1. निर्गमन 12:33-36 पढ़िए।

    यहोवा ने इस बात का कैसे ध्यान रखा कि इस्राएलियों ने जितने साल मिस्र की गुलामी की, उन्हें उतने साल की मज़दूरी मिले? (निर्ग. 3:21, 22; 12:35, 36)

  2. निर्गमन 14:1-31 पढ़िए।

    यहोवा के सेवक बहुत जल्द होनेवाली हरमगिदोन की लड़ाई का इंतज़ार कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें निर्गमन 14:13, 14 में कही मूसा की बात से क्या हिम्मत मिलती है? (2 इति. 20:17; भज. 91:8)

  3. निर्गमन 15:1-8, 20, 21 पढ़िए।

    1. (क) यहोवा के सेवकों को क्यों उसकी स्तुति में गीत गाने चाहिए? (निर्ग. 15:1, 2; भज. 105:2, 3; प्रका. 15:3, 4)

    2. (ख) मरियम और दूसरी स्त्रियों ने लाल सागर के पास जिस तरह यहोवा की बड़ाई की, उससे आज मसीही स्त्रियाँ क्या सीखती हैं? (निर्ग. 15:20, 21; भज. 68:11)

कहानी 34

खाने की एक नयी चीज़

  1. तसवीर देखकर बताइए कि लोग ज़मीन से क्या उठा रहे हैं और उस चीज़ का नाम क्या है?

  2. मन्‍ना उठाने के बारे में मूसा ने लोगों से क्या कहा?

  3. यहोवा ने छठे दिन लोगों को क्या करने के लिए कहा और क्यों?

  4. मन्‍ना को जब सातवें दिन के लिए बचाकर रखा जाता था, तो यहोवा क्या चमत्कार करता था?

  5. यहोवा ने कब तक लोगों को मन्‍ना खिलाया?

कुछ और सवाल:

  1. निर्गमन 16:1-36 और गिनती 11:7-9 पढ़िए।

    1. (क) निर्गमन 16:8 के मुताबिक उन भाइयों का आदर करना क्यों ज़रूरी है, जिन्हें यहोवा ने मसीही कलीसिया की अगुवाई करने के लिए चुना है? (इब्रा. 13:17)

    2. (ख) वीराने में इस्राएलियों को हर दिन कैसे याद दिलाया गया कि वे यहोवा के सहारे जी रहे हैं? (निर्ग. 16:14-16, 35; व्यव. 8:2, 3)

    3. (ग) यीशु ने मन्‍ना का क्या लाक्षणिक अर्थ बताया और हमें “स्वर्ग से” मिलनेवाली इस “रोटी” से कैसे फायदा होता है? (यूह. 6:31-35, 40)

  2. यहोशू 5:10-12 पढ़िए।

    इस्राएलियों ने कितने साल तक मन्‍ना खाया? यह उनके लिए कैसे एक परीक्षा थी? इस वाकये से हम क्या सबक सीख सकते हैं? (निर्ग. 16:35; गिन. 11:4-6; 1 कुरि. 10:10, 11)

कहानी 35

यहोवा के दिए नियम

  1. मिस्र छोड़ने के करीब दो महीने बाद इस्राएलियों ने कहाँ डेरा डाला?

  2. यहोवा इस्राएलियों से क्या चाहता था? और जब यह बात उन्हें बतायी गयी, तो उन्होंने क्या जवाब दिया?

  3. यहोवा ने मूसा को पत्थर की दो तख्तियाँ क्यों दीं?

  4. यहोवा ने इस्राएलियों को दस आज्ञाओं के अलावा और क्या दिया?

  5. यीशु ने किन दो नियमों को सबसे बड़े नियम कहा?

कुछ और सवाल:

  1. निर्गमन 19:1-25; 20:1-21; 24:12-18 और 31:18 पढ़िए।

    निर्गमन 19:8 के मुताबिक एक व्यक्‍ति को मसीही समर्पण के लिए क्या करना होता है? (मत्ती 16:24; 1 पत. 4:1-3)

  2. व्यवस्थाविवरण 6:4-6; लैव्यव्यवस्था 19:18 और मत्ती 22:36-40 पढ़िए।

    मसीही, परमेश्‍वर और पड़ोसी के लिए प्यार कैसे दिखाते हैं? (मर. 6:34; प्रेरि. 4:20; रोमि. 15:2)

कहानी 36

सोने का बछड़ा

  1. इस तसवीर में लोग क्या कर रहे हैं और क्यों?

  2. यहोवा को क्यों गुस्सा आया? जब मूसा ने लोगों को देखा, तो उसने क्या किया?

  3. मूसा ने कुछ आदमियों से क्या करने के लिए कहा?

  4. इस कहानी से हम क्या सीखते हैं?

कुछ और सवाल:

  1. निर्गमन 32:1-35 पढ़िए।

    1. (क) सच्ची उपासना के साथ-साथ झूठी उपासना करने के बारे में यहोवा जो महसूस करता है, वह हमें इस कहानी से कैसे पता चलता है? (निर्ग. 32:4-6, 10; 1 कुरि. 10:7, 11)

    2. (ख) नाच-गाने जैसे मनोरंजन का चुनाव करते वक्‍त मसीहियों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? (निर्ग. 32:18, 19; इफि. 5:15, 16; 1 यूह. 2:15-17)

    3. (ग) जो सही है उसका साथ देने में लेवियों ने कैसे हमारे लिए एक बढ़िया मिसाल कायम की? (निर्ग. 32:25-28; भज. 18:25)

कहानी 37

यहोवा की उपासना के लिए तंबू

  1. इस तसवीर में क्या दिखाया गया है और बाइबल में उसे क्या कहा गया है?

  2. यहोवा ने मूसा को ऐसा तंबू बनाने के लिए क्यों कहा, जिसका हर हिस्सा अलग किया जा सके?

  3. तंबू के छोटे कमरे में रखे बक्से को क्या कहा जाता था और उसके अंदर कौन-सी चीज़ें रखी जाती थीं?

  4. यहोवा ने किसे महायाजक चुना? महायाजक क्या काम करता था?

  5. तंबू के बड़े कमरे में कौन-सी तीन चीज़ें रखी जाती थीं?

  6. तंबू के आँगन में कौन-सी दो चीज़ें रखी जाती थीं? उन्हें किस लिए इस्तेमाल किया जाता था?

कुछ और सवाल:

  1. निर्गमन 25:8-40; 26:1-37; 27:1-8 और 28:1 पढ़िए।

    “साक्षीपत्र के सन्दूक” के ऊपर बने करूबों का क्या मतलब था? (निर्ग. 25:20, 22; गिन. 7:89; 2 राजा 19:15)

  2. निर्गमन 30:1-10, 17-21; 34:1, 2 और इब्रानियों 9:1-5 पढ़िए।

    1. (क) यहोवा ने तंबू में सेवा करनेवाले याजकों से ज़ोर देकर क्यों कहा कि उन्हें साफ-सुथरा रहना चाहिए? इससे हम क्या सीखते हैं? (निर्ग. 30:18-21; 40:30, 31; इब्रा. 10:22)

    2. (ख) इब्री मसीहियों को लिखी पत्री में प्रेरित पौलुस ने कैसे समझाया कि उसके समय तक, तंबू और व्यवस्था वाचा दोनों रद्द हो चुके थे? (इब्रा. 9:1, 9; 10:1)

कहानी 38

12 जासूस

  1. तसवीर में देखकर बताइए कि अंगूर का गुच्छा कैसा है और यह कहाँ से लाया गया है।

  2. मूसा ने 12 जासूसों को क्या पता लगाने के लिए कनान देश भेजा?

  3. कनान से लौटने पर 10 जासूसों ने मूसा को क्या बताया?

  4. दो जासूसों ने कैसे दिखाया कि उन्हें यहोवा पर भरोसा है और उनके नाम क्या थे?

  5. यहोवा को गुस्सा क्यों आया? फिर उसने मूसा से क्या कहा?

कुछ और सवाल:

  1. गिनती 13:1-33 पढ़िए।

    1. (क) कनान देश के बारे में पता करने के लिए किन लोगों को चुना गया और उनके आगे क्या बढ़िया मौका था? (गिन. 13:2, 3, 18-20)

    2. (ख) यहोशू और कालेब का नज़रिया बाकी जासूसों से अलग क्यों था और इससे हम क्या सीखते हैं? (गिन. 13:28-30; मत्ती 17:20; 2 कुरि. 5:7)

  2. गिनती 14:1-38 पढ़िए।

    1. (क) यहोवा के चुने हुए लोगों के खिलाफ कुड़कुड़ाने के बारे में हमें क्या चेतावनी दी गयी है? (गिन. 14:2, 3, 27; मत्ती 25:40, 45; 1 कुरि. 10:10)

    2. (ख) गिनती 14:24 से कैसे पता चलता है कि यहोवा अपने हरेक सेवक में दिलचस्पी लेता है? (1 राजा 19:18; नीति. 15:3)

कहानी 39

हारून की छड़ी में खिले फूल

  1. मूसा और हारून के खिलाफ किन लोगों ने आवाज़ उठायी और वे मूसा से क्या कहने लगे?

  2. मूसा ने कोरह और उसके 250 साथियों को क्या करने के लिए कहा?

  3. मूसा ने लोगों से क्या कहा? जब उसने बोलना खत्म किया, तो क्या हुआ?

  4. कोरह और उसके 250 साथियों का क्या हुआ?

  5. हारून के बेटे, एलीआज़ार ने मरे हुए आदमियों के धूप जलाने के बरतनों को लेकर क्या किया और क्यों?

  6. यहोवा ने हारून की छड़ी में फूल क्यों खिलाए? (तसवीर देखिए।)

कुछ और सवाल:

  1. गिनती 16:1-49 पढ़िए।

    1. (क) कोरह और उसके साथियों ने क्या किया और यह यहोवा के खिलाफ बगावत क्यों थी? (गिन. 16:9, 10, 18; लैव्य. 10:1, 2; नीति. 11:2)

    2. (ख) कोरह और “मण्डली” के 250 ‘प्रधानों’ ने अपने मन में कौन-सी गलत सोच पाल रखी थी? (गिन. 16:1-3; नीति. 15:33; यशा. 49:7)

  2. गिनती 17:1-11 और 26:10 पढ़िए।

    1. (क) हारून की छड़ी में फूल खिलने का क्या मतलब था? यहोवा ने उस छड़ी को वाचा के संदूक में रखने की हिदायत क्यों दी? (गिन. 17:5, 8, 10)

    2. (ख) हारून की छड़ी की कहानी से हम कौन-सा ज़रूरी सबक सीखते हैं? (गिन. 17:10; प्रेरि. 20:28; फिलि. 2:14; इब्रा. 13:17)

कहानी 40

चट्टान से निकला पानी

  1. यहोवा ने जंगल में इस्राएलियों की कैसे देखभाल की?

  2. कादेश में डेरा डालने के बाद इस्राएली क्या शिकायत करने लगे?

  3. यहोवा ने लोगों और उनके जानवरों के लिए पानी का इंतज़ाम कैसे किया?

  4. तसवीर में जो आदमी उँगली से अपनी तरफ इशारा कर रहा है, वह कौन है? वह ऐसा क्यों कर रहा है?

  5. यहोवा, मूसा और हारून से नाराज़ क्यों हुआ? उसने उन्हें क्या सज़ा सुनायी?

  6. होर पहाड़ पर क्या हुआ? इस्राएल का अगला महायाजक कौन बना?

कुछ और सवाल:

  1. गिनती 20:1-13, 22-29 और व्यवस्थाविवरण 29:5 पढ़िए।

    1. (क) यहोवा ने इस्राएलियों की जिस तरह जंगल में देखभाल की, उससे हम क्या सीखते हैं? (व्यव. 29:5; मत्ती 6:31; इब्रा. 13:5; याकू. 1:17)

    2. (ख) जब मूसा और हारून ने इस्राएल के सामने यहोवा की महिमा नहीं की, तो यहोवा को कैसा लगा? (गिन. 20:12; 1 कुरि. 10:12; प्रका. 4:11)

    3. (ग) यहोवा से ताड़ना मिलने पर मूसा ने जो रवैया दिखाया, उससे हम क्या सीखते हैं? (गिन. 12:3; 20:12, 27, 28; व्यव. 32:4; इब्रा. 12:7-11)

कहानी 41

ताँबे का साँप

  1. तसवीर में खंभे पर क्या लिपटा हुआ है? यहोवा ने मूसा से उसे वहाँ लपेटने के लिए क्यों कहा?

  2. परमेश्‍वर ने हर तरह से इस्राएलियों की देखभाल की, मगर उन्होंने कैसे दिखाया कि वे उसके सारे एहसानों को भूल गए थे?

  3. जब यहोवा ने लोगों को सज़ा देने के लिए ज़हरीले साँप भेजे, तो लोगों ने मूसा से क्या कहा?

  4. यहोवा ने मूसा को ताँबे का साँप बनाने के लिए क्यों कहा?

  5. इस कहानी से हम क्या सबक सीख सकते हैं?

कुछ और सवाल:

  1. गिनती 21:4-9 पढ़िए।

    1. (क) इस्राएली यहोवा के इंतज़ाम के खिलाफ शिकायत करने लगे, इससे हमें क्या चेतावनी मिलती है? (गिन. 21:5, 6; रोमि. 2:4)

    2. (ख) सदियों बाद इस्राएली इस ताँबे के साँप का किस तरह इस्तेमाल करने लगे और राजा हिजकिय्याह ने इसका क्या किया? (गिन. 21:9; 2 राजा 18:1-4)

  2. यूहन्‍ना 3:14, 15 पढ़िए।

    खंभे पर लटकाया गया साँप, कैसे सूली पर चढ़ाए गए यीशु मसीह की झलक था? (गल. 3:13; 1 पत. 2:24)

कहानी 42

गधा बातें करने लगा

  1. बालाक कौन था और उसने बिलाम को क्यों बुलवा भेजा?

  2. बिलाम का गधा रास्ते में क्यों बैठ गया?

  3. बिलाम ने अपने गधे को क्या कहते हुए सुना?

  4. स्वर्गदूत ने बिलाम से क्या कहा?

  5. जब बिलाम ने इस्राएलियों को शाप देने की कोशिश की, तो क्या हुआ?

कुछ और सवाल:

  1. गिनती 21:21-35 पढ़िए।

    इस्राएलियों ने एमोरियों के राजा सीहोन और बाशान के राजा ओग को क्यों हराया? (गिन. 21:21, 23, 33, 34)

  2. गिनती 22:1-40 पढ़िए।

    बिलाम किस इरादे से इस्राएलियों को शाप देना चाहता था और इससे हम क्या सीखते हैं? (गिन. 22:16, 17; नीति. 6:16, 18; 2 पत. 2:15; यहू. 11)

  3. गिनती 23:1-30 पढ़िए।

    हालाँकि बिलाम ऐसे बात कर रहा था जैसे वह यहोवा का उपासक हो, मगर उसके कामों ने कैसे दिखाया कि वह यहोवा का उपासक नहीं था? (गिन. 23:3, 11-14; 1 शमू. 15:22)

  4. गिनती 24:1-25 पढ़िए।

    बाइबल की इस कहानी से हमारा विश्‍वास कैसे मज़बूत होता है कि यहोवा का मकसद हर हाल में पूरा होगा? (गिन. 24:10; यशा. 54:17)

कहानी 43

इस्राएलियों का अगला नेता—यहोशू

  1. तसवीर में मूसा के साथ खड़े दो आदमी कौन हैं?

  2. यहोवा ने यहोशू से क्या कहा?

  3. मूसा नबो पहाड़ पर क्यों चढ़ा? वहाँ यहोवा ने उससे क्या कहा?

  4. जब मूसा की मौत हुई तब उसकी उम्र कितनी थी?

  5. लोग दुःखी क्यों हो गए? लेकिन उन्हें किस बात की खुशी थी?

कुछ और सवाल:

  1. गिनती 27:12-23 पढ़िए।

    यहोवा ने यहोशू को कौन-सी ज़िम्मेदारी दी? आज कैसे पता चलता है कि यहोवा को अपने लोगों की फिक्र है? (गिन. 27:15-19; प्रेरि. 20:28; इब्रा. 13:7)

  2. व्यवस्थाविवरण 3:23-29 पढ़िए।

    यहोवा ने मूसा और हारून को वादा किए देश में क्यों नहीं जाने दिया? इससे हमें क्या सीख मिलती है? (व्यव. 3:25-27; गिन. 20:12, 13)

  3. व्यवस्थाविवरण 31:1-8, 14-23 पढ़िए।

    इस्राएलियों को कहे मूसा के आखिरी शब्दों से कैसे पता चलता है कि उसने यहोवा से मिली ताड़ना को नम्रता से कबूल किया? (व्यव. 31:6-8, 23)

  4. व्यवस्थाविवरण 32:45-52 पढ़िए।

    परमेश्‍वर के वचन का हमारी ज़िंदगी पर कैसा असर होना चाहिए? (व्यव. 32:47; लैव्य. 18:5; इब्रा. 4:12)

  5. व्यवस्थाविवरण 34:1-12 पढ़िए।

    मूसा ने कभी अपनी आँखों से यहोवा को नहीं देखा था, फिर भी व्यवस्थाविवरण 34:10 के मुताबिक यहोवा के साथ उसका कैसा रिश्‍ता था? (निर्ग. 33:11, 20; गिन. 12:8)

कहानी 44

राहाब के घर छिपे जासूस

  1. राहाब कहाँ रहती थी?

  2. तसवीर में दिखाए दो आदमी कौन हैं? वे यरीहो क्यों आए?

  3. यरीहो के राजा ने अपने आदमियों को भेजकर राहाब को क्या हुक्म दिया? राहाब ने उन्हें क्या जवाब दिया?

  4. राहाब ने कैसे उन जासूसों की मदद की? बदले में उसने क्या माँगा?

  5. दोनों जासूसों ने राहाब से क्या वादा किया?

कुछ और सवाल:

  1. यहोशू 2:1-24 पढ़िए।

    जब इस्राएली यरीहो के खिलाफ लड़ने आए, तब निर्गमन 23:27 में दर्ज़ यहोवा का वादा कैसे पूरा हुआ? (यहो. 2:9-11)

  2. इब्रानियों 11:31 पढ़िए।

    राहाब की कहानी से कैसे विश्‍वास की अहमियत का पता चलता है? (रोमि. 1:17; इब्रा. 10:39; याकू. 2:25)

कहानी 45

यरदन नदी को पार करना

  1. इस्राएलियों को यरदन नदी पार कराने के लिए यहोवा ने क्या चमत्कार किया?

  2. नदी पार करने के लिए इस्राएलियों को विश्‍वास के साथ क्या करने की ज़रूरत थी?

  3. यहोवा ने नदी से 12 बड़े पत्थर उठाकर लाने के लिए क्यों कहा?

  4. जब याजक यरदन नदी से बाहर निकले, तब क्या हुआ?

कुछ और सवाल:

  1. यहोशू 3:1-17 पढ़िए।

    1. (क) जैसे इस कहानी में दिखाया गया है, यहोवा की मदद और आशीष पाने के लिए हमें क्या करने की ज़रूरत है? (यहो. 3:13, 15; नीति. 3:5; याकू. 2:22, 26)

    2. (ख) जब इस्राएली यरदन नदी के पास पहुँचे, तो नदी कैसे बह रही थी? वहाँ जो हुआ, उससे यहोवा की कैसे बड़ाई हुई? (यहो. 3:15; 4:18; भज. 66:5-7)

  2. यहोशू 4:1-18 पढ़िए।

    यरदन नदी से उठाए गए 12 पत्थरों को गिलगाल में क्यों रखा गया? (यहो. 4:4-7)

कहानी 46

यरीहो शहर की दीवार

  1. यहोवा ने युद्ध करनेवाले आदमियों और याजकों को छः दिन तक क्या करने के लिए कहा?

  2. सातवें दिन उन आदमियों को क्या करना था?

  3. जैसा कि आप तसवीर में देख सकते हैं, यरीहो शहर के चारों तरफ की दीवार का क्या हुआ?

  4. एक खिड़की में लाल डोरी क्यों लटकायी गयी?

  5. यहोशू ने अपने आदमियों से शहर और उसमें रहनेवालों के साथ क्या करने के लिए कहा? सोने, चाँदी, ताँबे और लोहे की चीज़ों का क्या करना था?

  6. दो जासूसों से क्या करने के लिए कहा गया?

कुछ और सवाल:

  1. यहोशू 6:1-25 पढ़िए।

    1. (क) सातवें दिन इस्राएलियों का यरीहो के चक्कर लगाना और इन अंतिम दिनों में यहोवा के साक्षियों का प्रचार करना, कैसे मिलता-जुलता है? (यहो. 6:15, 16; यशा. 60:22; मत्ती 24:14; 1 कुरि. 9:16)

    2. (ख) यहोशू 6:26 में की गयी भविष्यवाणी करीब 500 साल बाद कैसे पूरी हुई और इससे हम यहोवा के वचन के बारे में क्या सीखते हैं? (1 राजा 16:34; यशा. 55:11)

कहानी 47

चोर पकड़ा गया

  1. तसवीर में वह आदमी कौन है, जो यरीहो शहर से लायी कीमती चीज़ों को ज़मीन में गाड़ रहा है? उसकी मदद करनेवाले कौन हैं?

  2. आकान और उसके परिवार ने जो किया वह गलत क्यों था?

  3. जब यहोशू ने यहोवा से पूछा कि इस्राएली ऐ शहर के खिलाफ लड़ाई में क्यों हार गए, तो यहोवा ने क्या जवाब दिया?

  4. जब आकान और उसके परिवार को यहोशू के सामने लाया गया, तो उनके साथ क्या किया गया?

  5. आकान को जो सज़ा मिली उससे हम क्या ज़रूरी सबक सीखते हैं?

कुछ और सवाल:

  1. यहोशू 7:1-26 पढ़िए।

    1. (क) यहोशू की प्रार्थनाओं से सिरजनहार के साथ उसके रिश्‍ते के बारे में क्या पता चलता है? (यहो. 7:7-9; भज. 119:145; 1 यूह. 5:14)

    2. (ख) आकान की कहानी से क्या पता चलता है और इससे हमें क्या चेतावनी मिलती है? (यहो. 7:11, 14, 15; नीति. 15:3; 1 तीमु. 5:24; इब्रा. 4:13)

  2. यहोशू 8:1-29 पढ़िए।

    मसीही कलीसिया के सदस्य होने के नाते हमारी क्या ज़िम्मेदारी बनती है? (यहो. 7:13; लैव्य. 5:1; नीति. 28:13)

कहानी 48

बुद्धिमान गिबोनी

  1. गिबोनी अपने आस-पास के शहर के लोगों से कैसे अलग थे?

  2. जैसे तसवीर में दिखाया गया है, गिबोनियों ने क्या किया और क्यों?

  3. यहोशू और इस्राएल के नेताओं ने गिबोनियों से क्या वादा किया? तीन दिन बाद उन्हें क्या पता चला?

  4. जब दूसरे राजाओं ने सुना कि गिबोनी इस्राएलियों से मिल गए हैं, तब उन्होंने क्या किया?

कुछ और सवाल:

  1. यहोशू 9:1-27 पढ़िए।

    1. (क) हालाँकि यहोवा ने इस्राएल जाति से कहा था कि वह ‘देश के सारे निवासियों का सर्वनाश करे,’ फिर भी उसने गिबोनियों को ज़िंदा रहने दिया। इससे यहोवा के कौन-से गुण ज़ाहिर होते हैं? (यहो. 9:22, 24; मत्ती 9:13; प्रेरि. 10:34, 35; 2 पत. 3:9)

    2. (ख) यहोशू ने गिबोनियों से किया अपना वादा निभाकर, आज के मसीहियों के लिए कैसे एक अच्छी मिसाल रखी? (यहो. 9:18, 19; मत्ती 5:37; इफि. 4:25)

  2. यहोशू 10:1-5 पढ़िए।

    गिबोनियों की तरह आज बड़ी भीड़ क्या करती है और इस वजह से उन्हें क्या सहना पड़ता है? (यहो. 10:4; जक. 8:23; मत्ती 25:35-40; प्रका. 12:17)

कहानी 49

‘सूरज, ठहर जा!’

  1. इस तसवीर में यहोशू क्या कह रहा है और क्यों?

  2. यहोवा ने यहोशू और उसकी सेना की मदद कैसे की?

  3. यहोशू ने कितने दुश्‍मन राजाओं को हराया? इसमें उसे कितने साल लगे?

  4. यहोशू ने कनान देश को क्यों अलग-अलग हिस्सों में बाँट दिया?

  5. जब यहोशू की मौत हुई, तब वह कितने साल का था? उसके बाद इस्राएलियों का क्या हुआ?

कुछ और सवाल:

  1. यहोशू 10:6-15 पढ़िए।

    यहोवा ने इस्राएल के लिए सूरज और चाँद को स्थिर रहने दिया था, इससे आज हम किस बात का पक्का यकीन रख सकते हैं? (यहो. 10:8, 10, 12, 13; भज. 18:3; नीति. 18:10)

  2. यहोशू 12:7-24 पढ़िए।

    कनान के 31 राजाओं को हराने में असल में किसका हाथ था और इस बात को याद रखना आज क्यों ज़रूरी है? (यहो. 12:7; 24:11-13; व्यव. 31:8; लूका 21:9, 25-28)

  3. यहोशू 14:1-5 पढ़िए।

    वादा किए गए देश के हिस्सों को इस्राएली गोत्रों में कैसे बाँटा गया? इसी तरह फिरदौस में हरेक को कैसे अपना-अपना भाग दिया जाएगा? (यहो. 14:2; यशा. 65:21; यहे. 47:21-23; 1 कुरि. 14:33)

  4. न्यायियों 2:8-13 पढ़िए।

    यहोशू की तरह, आज कौन परमेश्‍वर के लोगों को धर्मत्यागियों से भ्रष्ट होने से रोके हुए है? (न्यायि. 2:8, 10, 11; मत्ती 24:45-47; 2 थिस्स. 2:3-6; तीतु. 1:7-9; प्रका. 1:1; 2:1, 2)

कहानी 50

दो बहादुर औरतें

  1. न्यायी कौन थे? कुछ न्यायियों के नाम बताइए।

  2. दबोरा को यहोवा से कौन-सा काम मिला था? इसके अलावा वह क्या काम करती थी?

  3. जब राजा याबीन और उसका सेनापति सीसरा इस्राएल से लड़ने आए, तो दबोरा ने न्यायी बाराक को यहोवा का कौन-सा संदेश सुनाया? दबोरा के मुताबिक इस जीत के लिए किसकी तारीफ की जाती?

  4. याएल ने कैसे बहादुरी दिखायी?

  5. राजा याबीन के मरने के बाद क्या हुआ?

कुछ और सवाल:

  1. न्यायियों 2:14-22 पढ़िए।

    इस्राएलियों ने ऐसा क्या किया, जिससे यहोवा का गुस्सा भड़का और इससे हम क्या सीखते हैं? (न्यायि. 2:20; नीति. 3:1, 2; यहे. 18:21-23)

  2. न्यायियों 4:1-24 पढ़िए।

    दबोरा और याएल ने जो विश्‍वास और हिम्मत दिखायी, उससे आज मसीही स्त्रियाँ क्या सीखती हैं? (न्यायि. 4:4, 8, 9, 14, 21, 22; नीति. 31:30; 1 कुरि. 16:13)

  3. न्यायियों 5:1-31 पढ़िए।

    जीत की खुशी में बाराक और दबोरा ने जो गीत गाया, उसे आनेवाले हरमगिदोन की लड़ाई के बारे में की गयी प्रार्थना कहा जा सकता है। क्यों? (न्यायि. 5:3, 31; 1 इति. 16:8-10; प्रका. 7:9, 10; 16:16; 19:19-21)

कहानी 51

रूत और नाओमी

  1. नाओमी, मोआब देश क्यों आयी?

  2. रूत और ओर्पा कौन थीं?

  3. जब नाओमी ने रूत और ओर्पा को अपनी-अपनी माँ के घर लौट जाने के लिए कहा, तो दोनों ने क्या किया?

  4. बोअज़ कौन था? उसने रूत और नाओमी की कैसे मदद की?

  5. बोअज़ और रूत के बेटे का नाम क्या था? हमें उसका नाम क्यों याद रखना चाहिए?

कुछ और सवाल:

  1. रूत 1:1-17 पढ़िए।

    1. (क) रूत ने किन सुंदर शब्दों से अपना सच्चा प्यार ज़ाहिर किया? (रूत 1:16, 17)

    2. (ख) आज धरती पर मौजूद अभिषिक्‍त जनों के लिए ‘अन्य भेड़ों’ ने कैसे रूत जैसा प्यार दिखाया है? (यूह. 10:16, NW; जक. 8:23)

  2. रूत 2:1-23 पढ़िए।

    आज की जवान स्त्रियों के लिए रूत कैसे एक अच्छी मिसाल है? (रूत 2:17, 18; नीति. 23:22; 31:15)

  3. रूत 3:5-13 पढ़िए।

    1. (क) रूत किसी जवान लड़के के बजाय बोअज़ से शादी करने को तैयार थी, इस वजह से बोअज़ ने रूत के बारे में क्या कहा?

    2. (ख) रूत का रवैया हमें सच्चे प्यार के बारे में क्या सिखाता है? (रूत 3:10; 1 कुरि. 13:4, 5)

  4. रूत 4:7-17 पढ़िए।

    आज मसीही पुरुष, बोअज़ की तरह कैसे बन सकते हैं? (रूत 4:9, 10; 1 तीमु. 3:1, 12, 13; 5:8)

कहानी 52

गिदोन और उसके 300 आदमी

  1. इस्राएली कैसे और क्यों मुसीबत में फँस गए?

  2. यहोवा ने गिदोन से ऐसा क्यों कहा कि उसकी सेना में बहुत सारे आदमी हैं?

  3. जब गिदोन ने उन आदमियों को घर वापस जाने के लिए कहा, जिन्हें डर लगता था, तब उसकी सेना में कितने आदमी बचे?

  4. तसवीर देखकर समझाइए कि यहोवा ने कैसे गिदोन की सेना को कम किया, जिससे सिर्फ 300 आदमी रह गए।

  5. गिदोन ने अपने 300 आदमियों को लड़ाई के लिए कैसे तैयार किया? इस्राएल को जीत कैसे मिली?

कुछ और सवाल:

  1. न्यायियों 6:36-40 पढ़िए।

    1. (क) यहोवा की मरज़ी के बारे में ठीक-ठीक जानने के लिए गिदोन ने क्या किया?

    2. (ख) आज हम यहोवा की मरज़ी कैसे जान सकते हैं? (नीति. 2:3-6; मत्ती 7:7-11; 2 तीमु. 3:16, 17)

  2. न्यायियों 7:1-25 पढ़िए।

    1. (क) हम उन 300 आदमियों से क्या सीख सकते हैं, जो पानी पीते वक्‍त चौकन्‍ने थे? (न्यायि. 7:3, 6; रोमि. 13:11, 12; इफि. 5:15-17)

    2. (ख) जिस तरह 300 आदमियों ने गिदोन को देखकर उससे सीखा, उसी तरह हम महान गिदोन, यीशु मसीह से कैसे सीख सकते हैं? (न्यायि. 7:17; मत्ती 11:29, 30; 28:19, 20; 1 पत. 2:21)

    3. (ग) यहोवा के संगठन में हमें जो भी काम दिया जाता है, उसे खुशी-खुशी करने में न्यायियों 7:21 कैसे हमारी मदद करता है? (1 कुरि. 4:2; 12:14-18; याकू. 4:10)

  3. न्यायियों 8:1-3 पढ़िए।

    किसी मसीही के साथ हुई अनबन को निपटाने के मामले में हम गिदोन से क्या सीख सकते हैं, जिसने एप्रैमियों के साथ हुआ झगड़ा मिटाया? (नीति. 15:1; मत्ती 5:23, 24; लूका 9:48)

कहानी 53

यिप्तह का वादा

  1. यिप्तह कौन था? उसके समय में क्या हो रहा था?

  2. यिप्तह ने यहोवा से क्या वादा किया?

  3. अम्मोनियों को हराने के बाद जब यिप्तह घर लौटा, तो वह दुःखी क्यों हो गया?

  4. यिप्तह की बेटी को जब अपने पिता के वादे के बारे में पता चला, तो उसने क्या कहा?

  5. सभी लोग यिप्तह की बेटी से क्यों प्यार करते थे?

कुछ और सवाल:

  1. न्यायियों 10:6-18 पढ़िए।

    इस्राएली, यहोवा को छोड़ दूसरे देवताओं की उपासना करने लगे थे, इससे हमें क्या चेतावनी मिलती है? (न्यायि. 10:6, 15, 16; रोमि. 15:4; प्रका. 2:10)

  2. न्यायियों 11:1-11, 29-40 पढ़िए।

    1. (क) हम कैसे जानते हैं कि जब यिप्तह ने अपनी बेटी को “होमबलि” के तौर पर दिया, तो उसने अपनी बेटी को सचमुच आग में होम नहीं किया था? (न्यायि. 11:31; लैव्य. 16:24; व्यव. 18:10, 12)

    2. (ख) यिप्तह ने किस तरह अपनी बेटी को बलि के तौर पर दिया?

    3. (ग) यिप्तह ने यहोवा से किए अपने वादे को जिस तरह गंभीरता से लिया, उससे हम क्या सीखते हैं? (न्यायि. 11:35, 39; सभो. 5:4, 5; मत्ती 16:24)

    4. (घ) पूरे समय की सेवा को अपना करियर बनाने में यिप्तह की बेटी, जवान मसीहियों के लिए कैसे एक अच्छी मिसाल है? (न्यायि. 11:36; मत्ती 6:33; फिलि. 3:8)

कहानी 54

सबसे ताकतवर आदमी

  1. अब तक के सबसे ताकतवर आदमी का नाम क्या है? किसने उसे इतनी ताकत दी?

  2. जैसा कि तसवीर में दिखाया गया है, एक बार शिमशोन ने एक बड़े-से शेर का क्या किया?

  3. तसवीर देखकर बताइए कि शिमशोन दलीला को क्या राज़ बता रहा है। इस वजह से शिमशोन पलिश्‍तियों के हाथों कैसे पकड़ा गया?

  4. शिमशोन कैसे 3,000 पलिश्‍तियों को मार डालने के साथ-साथ खुद भी मर गया?

कुछ और सवाल:

  1. न्यायियों 13:1-14 पढ़िए।

    मानोह और उसकी पत्नी की मिसाल से आज के माता-पिता बच्चों की परवरिश के बारे में क्या सीख सकते हैं? (न्यायि. 13:8; भज. 127:3; इफि. 6:4)

  2. न्यायियों 14:5-9 और 15:9-16 पढ़िए।

    1. (क) शिमशोन ने शेर को मार डाला, जिन नयी रस्सियों से उसे बाँधा गया था, उन रस्सियों को तोड़ डाला और गधे के जबड़े की हड्डी से 1,000 आदमियों को मार डाला। ये सारे वाकये यहोवा की पवित्र शक्‍ति के बारे में क्या बताते हैं?

    2. (ख) पवित्र शक्‍ति आज कैसे हमारी मदद करती है? (न्यायि. 14:6; 15:14; जक. 4:6; प्रेरि. 4:31)

  3. न्यायियों 16:18-31 पढ़िए।

    बुरी संगति का शिमशोन पर क्या असर हुआ और इससे हम क्या सबक सीखते हैं? (न्यायि. 16:18,19; 1 कुरि. 15:33)

कहानी 55

एक छोटा लड़का परमेश्‍वर की सेवा में

  1. तसवीर में दिखाए छोटे लड़के का नाम क्या है? बाकी लोग कौन हैं?

  2. एक दिन जब हन्‍ना यहोवा के तंबू में गयी तो उसने क्या प्रार्थना की? यहोवा ने उसकी प्रार्थना का जवाब कैसे दिया?

  3. शमूएल को जब यहोवा के तंबू में सेवा करने के लिए लाया गया तब वह कितने साल का था? हर साल उसकी माँ उसके लिए क्या ले जाती थी?

  4. एली के बेटों के नाम क्या थे? वे कैसे इंसान थे?

  5. यहोवा ने शमूएल को कैसे बुलाया और उसे क्या बताया?

  6. शमूएल बड़ा होकर क्या बना? जब वह बूढ़ा हुआ तो लोगों ने उससे क्या कहा?

कुछ और सवाल:

  1. पहला शमूएल 1:1-28 पढ़िए।

    1. (क) सच्ची उपासना को पहली जगह देने में एल्काना ने परिवार के मुखियाओं के लिए कैसे एक अच्छी मिसाल रखी? (1 शमू. 1:3, 21; मत्ती 6:33; फिलि. 1:10)

    2. (ख) हन्‍ना ने जिस तरह एक मुश्‍किल समस्या का सामना किया, उससे हम क्या सीख सकते हैं? (1 शमू. 1:10, 11; भज. 55:22; रोमि. 12:12)

  2. पहला शमूएल 2:11-36 पढ़िए।

    एली ने कैसे दिखाया कि उसे यहोवा से ज़्यादा अपने बेटों से प्यार है? इससे हमें क्या चेतावनी मिलती है? (1 शमू. 2:22-24, 27, 29; व्यव. 21:18-21; मत्ती 10:36, 37)

  3. पहला शमूएल 4:16-18 पढ़िए।

    एली को जंग के मैदान से कौन-सी चार बुरी खबरें मिलीं और उन्हें सुनते ही उसका क्या हुआ?

  4. पहला शमूएल 8:4-9 पढ़िए।

    इस्राएलियों ने कैसे यहोवा का दिल दुखाया? आज हम यहोवा के राज्य के लिए अपनी वफादारी कैसे दिखा सकते हैं? (1 शमू. 8:5, 7; यूह. 17:16; याकू. 4:4)

कहानी 56

इस्राएल का पहला राजा—शाऊल

  1. तसवीर में शमूएल क्या कर रहा है? वह ऐसा क्यों कर रहा है?

  2. यहोवा शाऊल को क्यों पसंद करता था? शाऊल कैसा इंसान था?

  3. शाऊल के बेटे का नाम क्या था? शाऊल के बेटे ने क्या किया?

  4. शमूएल का इंतज़ार करने के बजाय शाऊल ने खुद बलिदान क्यों चढ़ाया?

  5. शाऊल की कहानी से हम कौन-से सबक सीख सकते हैं?

कुछ और सवाल:

  1. पहला शमूएल 9:15-21 और 10:17-27 पढ़िए।

    शाऊल एक मर्यादाशील इंसान था, इस वजह से वह उस वक्‍त कैसे गलत कदम उठाने से बचा, जब कुछ लोगों ने उसके बारे में अनाप-शनाप कहा? (1 शमू. 9:21; 10:21, 22, 27; नीति. 17:27)

  2. पहला शमूएल 13:5-14 पढ़िए।

    गिलगाल में शाऊल ने क्या पाप किया? (1 शमू. 10:8; 13:8, 9, 13)

  3. पहला शमूएल 15:1-35 पढ़िए।

    1. (क) अमालेकियों के राजा, अगाग के मामले में शाऊल ने कौन-सा घोर पाप किया? (1 शमू. 15:2, 3, 8, 9, 22)

    2. (ख) शाऊल ने कैसे खुद को सही ठहराने और अपना कसूर दूसरों पर थोपने की कोशिश की? (1 शमू. 15:24)

    3. (ग) अगर कोई हमारी गलती सुधारने के लिए हमें सलाह देता है, तो हमें कौन-सी बात ध्यान में रखनी चाहिए? (1 शमू. 15:19-21; भज. 141:5; नीति. 9:8, 9; 11:2)

कहानी 57

परमेश्‍वर ने दाऊद को चुना

  1. तसवीर में दिखाए गए लड़के का नाम क्या है? हम यह कैसे जानते हैं कि वह बहादुर है?

  2. दाऊद कहाँ का रहनेवाला था? उसके पिता और दादा के नाम बताइए।

  3. यहोवा ने शमूएल को बेतलेहम में यिशै के घर जाने के लिए क्यों कहा?

  4. जब यिशै एक-एक करके अपने सातों बेटों को शमूएल के सामने लाया, तो क्या हुआ?

  5. जब दाऊद को लाया गया, तो यहोवा ने शमूएल से क्या कहा?

कुछ और सवाल:

  1. पहला शमूएल 17:34, 35 पढ़िए।

    इन घटनाओं से कैसे पता चलता है कि दाऊद दिलेर था और उसे यहोवा पर भरोसा था? (1 शमू. 17:37)

  2. पहला शमूएल 16:1-14 पढ़िए।

    1. (क) पहला शमूएल 16:7 में यहोवा के शब्दों को याद रखने से हम कैसे भेदभाव करने से दूर रहेंगे और किसी का रंग-रूप देखकर उसके बारे में गलत राय कायम नहीं करेंगे? (प्रेरि. 10:34, 35; 1 तीमु. 2:4)

    2. (ख) शाऊल की मिसाल कैसे दिखाती है कि जब यहोवा एक इंसान पर से अपनी पवित्र शक्‍ति हटा लेता है, तो उस पर एक दुष्ट आत्मा काम करने लगती है, यानी उस इंसान का दिल उसे बुराई की तरफ खींचने लगता है? (1 शमू. 16:14; मत्ती 12:43-45; गल. 5:16)

कहानी 58

दाऊद और गोलियत का मुकाबला

  1. गोलियत ने इस्राएली सेना को क्या कहकर ललकारा?

  2. गोलियत कितना लंबा था? उसे मारनेवाले को राजा शाऊल ने क्या इनाम देने का वादा किया?

  3. शाऊल ने जब दाऊद से कहा कि वह बहुत छोटा है और इसलिए वह गोलियत से नहीं लड़ सकता, तो दाऊद ने क्या जवाब दिया?

  4. दाऊद ने गोलियत को क्या जवाब दिया, जिससे यह पता चलता है कि उसे यहोवा पर पूरा भरोसा था?

  5. तसवीर में देखकर बताइए कि गोलियत को मारने के लिए दाऊद ने क्या इस्तेमाल किया? गोलियत के मरने के बाद पलिश्‍तियों का क्या हुआ?

कुछ और सवाल:

  1. पहला शमूएल 17:1-54 पढ़िए।

    1. (क) दाऊद की दिलेरी का राज़ क्या था और हम दाऊद की तरह कैसे हिम्मत दिखा सकते हैं? (1 शमू. 17:37, 45; इफि. 6:10, 11)

    2. (ख) खेल या किसी तरह के मनोरंजन में हिस्सा लेते वक्‍त मसीहियों को गोलियत की तरह जीतने के जुनून से क्यों बचना चाहिए? (1 शमू. 17:8; गल. 5:26; 1 तीमु. 4:8)

    3. (ग) दाऊद के शब्दों से कैसे ज़ाहिर होता है कि उसे परमेश्‍वर से मदद मिलने का पूरा भरोसा था? (1 शमू. 17:45-47; 2 इति. 20:15)

    4. (घ) इस कहानी से कैसे पता चलता है कि यह लड़ाई सिर्फ दो दुश्‍मन सेनाओं के बीच नहीं, बल्कि सच्चे परमेश्‍वर यहोवा और झूठे देवताओं के बीच थी? (1 शमू. 17:43, 46, 47)

    5. (च) बचे हुए अभिषिक्‍त जन कैसे दाऊद की तरह यहोवा पर भरोसा रखते हैं? (1 शमू. 17:37; यिर्म. 1:17-19; प्रका. 12:17)

कहानी 59

दाऊद जान बचाकर भागा

  1. शाऊल क्यों दाऊद से जलने लगा? योनातन कैसे अपने पिता से अलग था?

  2. एक दिन जब दाऊद, शाऊल के लिए वीणा बजा रहा था, तब क्या हुआ?

  3. शाऊल की बेटी मीकल से शादी करने के लिए दाऊद को क्या करना था? और शाऊल ने यह शर्त क्यों रखी?

  4. जैसा कि तसवीर में दिखाया गया है, जब दाऊद, शाऊल के लिए वीणा बजा रहा था, तो तीसरी बार क्या हुआ?

  5. मीकल ने दाऊद की जान कैसे बचायी? अगले सात सालों तक दाऊद को क्या करना पड़ा?

कुछ और सवाल:

  1. पहला शमूएल 18:1-30 पढ़िए।

    1. (क) दाऊद और योनातन के बीच का गहरा प्यार, कैसे “छोटे झुण्ड” और ‘अन्य भेड़ों’ के आपसी प्यार की झलक था? (1 शमू. 18:1; लूका 12:32; यूह. 10:16, NW; जक. 8:23)

    2. (ख) देखा जाए तो शाऊल के बाद योनातन को राजा बनना था। फिर भी 1 शमूएल 18:4 के मुताबिक योनातन ने कैसे अनोखे तरीके से दिखाया कि उसे परमेश्‍वर के चुने हुए राजा के अधीन रहना मंज़ूर है?

    3. (ग) शाऊल की मिसाल कैसे दिखाती है कि जलन होने पर एक इंसान गंभीर पाप कर सकता है और इससे हमें क्या सबक सीखना चाहिए? (1 शमू. 18:7-9, 25; याकू. 3:14-16)

  2. पहला शमूएल 19:1-17 पढ़िए।

    शाऊल से बात करने के लिए योनातन ने कैसे अपनी जान खतरे में डाली? (1 शमू. 19:1, 4-6; नीति. 16:14)

कहानी 60

अबीगैल और दाऊद

  1. तसवीर में जो स्त्री दाऊद से मिलने आ रही है, उसका नाम क्या है? वह कैसी स्त्री है?

  2. नाबाल कौन था?

  3. दाऊद ने खाने की चीज़ें माँगने के लिए अपने कुछ आदमियों को नाबाल के पास क्यों भेजा?

  4. नाबाल ने दाऊद के आदमियों से क्या कहा? जब दाऊद को यह बात पता चली तो उसने क्या किया?

  5. अबीगैल ने कैसे समझदारी दिखायी?

कुछ और सवाल:

  1. पहला शमूएल 22:1-4 पढ़िए।

    मसीही बिरादरी में एक-दूसरे की मदद करने के मामले में दाऊद का परिवार कैसे एक अच्छी मिसाल है? (नीति. 17:17; 1 थिस्स. 5:14)

  2. पहला शमूएल 25:1-43 पढ़िए।

    1. (क) बाइबल में नाबाल की इतनी बुराई क्यों की गयी है? (1 शमू. 25:2-5, 10, 14, 21, 25)

    2. (ख) आज की मसीही पत्नियाँ, अबीगैल से क्या सीख सकती हैं? (1 शमू. 25:32, 33; नीति. 31:26; इफि. 5:24)

    3. (ग) अबीगैल ने दाऊद को कौन-से दो बुरे काम करने से रोका? (1 शमू. 25:31, 33; रोमि. 12:19; इफि. 4:26)

    4. (घ) दाऊद ने जिस तरह अबीगैल की बात मानी, उससे पुरुष, स्त्रियों के बारे में यहोवा का नज़रिया कैसे जान सकते हैं? (प्रेरि. 21:8, 9; रोमि. 2:11; 1 पत. 3:7)

कहानी 61

दाऊद को राजा बनाया गया

  1. जब शाऊल अपनी छावनी में सो रहा था, तब दाऊद और अबीशै ने क्या किया?

  2. दाऊद ने शाऊल से क्या-क्या सवाल किए?

  3. इसके बाद दाऊद कहाँ चला गया?

  4. दाऊद ने किस बात से दुःखी होकर एक दर्द-भरा गीत लिखा?

  5. हेब्रोन में दाऊद को जब राजा बनाया गया तब वह कितने साल का था? उसके कुछ बेटों के नाम बताइए।

  6. बाद में दाऊद कहाँ से राज करने लगा?

कुछ और सवाल:

  1. पहला शमूएल 26:1-25 पढ़िए।

    1. (क) पहला शमूएल 26:11 में दाऊद ने जो कहा, उससे परमेश्‍वर के चुने हुओं के बारे में उसका नज़रिया कैसे पता चलता है? (भज. 37:7; रोमि. 13:2)

    2. (ख) जब हम दिल से किसी की भलाई करते हैं मगर वह उसकी कदर नहीं करता, तो 1 शमूएल 26:23 में लिखे दाऊद के शब्द कैसे हमें सही नज़रिया बनाए रखने में मदद देते हैं? (1 राजा 8:32; भज. 18:20)

  2. दूसरा शमूएल 1:26 पढ़िए।

    दाऊद और योनातन की तरह आज मसीही कैसे “एक दूसरे से अधिक प्रेम” रख सकते हैं? (1 पत. 4:8; कुलु. 3:14; 1 यूह. 4:12)

  3. दूसरा शमूएल 5:1-10 पढ़िए।

    1. (क) दाऊद ने कितने साल तक राज किया और इस दौरान उसने कहाँ-कहाँ राज किया? (2 शमू. 5:4, 5)

    2. (ख) किसकी वजह से दाऊद एक महान आदमी बना और इस बात से हमें क्या याद दिलाया जाता है? (2 शमू. 5:10; 1 शमू. 16:13; 1 कुरि. 1:31; फिलि. 4:13)

कहानी 62

दाऊद के परिवार पर आयी मुसीबतें

  1. यहोवा की मदद से पूरा कनान देश किसका हो गया?

  2. एक शाम जब दाऊद अपने महल की छत पर था, तब क्या हुआ?

  3. यहोवा को दाऊद पर क्यों गुस्सा आया?

  4. तसवीर में देखकर बताइए कि दाऊद को उसकी गलतियों के बारे में बताने के लिए यहोवा ने किसे भेजा। दाऊद के साथ आगे क्या होगा, इस बारे में उस आदमी ने क्या कहा?

  5. दाऊद पर क्या-क्या मुसीबतें आयीं?

  6. दाऊद के बाद कौन इस्राएल का राजा बना?

कुछ और सवाल:

  1. दूसरा शमूएल 11:1-27 पढ़िए।

    1. (क) हमेशा यहोवा की सेवा में लगे रहने से कैसे हमारी हिफाज़त होती है?

    2. (ख) दाऊद पाप में कैसे फँसा और इससे आज यहोवा के सेवकों को क्या चेतावनी मिलती है? (2 शमू. 11:2; मत्ती 5:27-29; 1 कुरि. 10:12; याकू. 1:14, 15)

  2. दूसरा शमूएल 12:1-18 पढ़िए।

    1. (क) नातान ने जिस तरीके से दाऊद को ताड़ना दी, उससे प्राचीन और माता-पिता क्या सीख सकते हैं? (2 शमू. 12:1-4; नीति. 12:18; मत्ती 13:34)

    2. (ख) यहोवा ने दाऊद पर क्यों दया दिखायी? (2 शमू. 12:13; भज. 32:5; 2 कुरि. 7:9, 10)

कहानी 63

बुद्धिमान राजा सुलैमान

  1. यहोवा ने सुलैमान से क्या पूछा और सुलैमान ने क्या जवाब दिया?

  2. सुलैमान ने जो माँगा उससे यहोवा बहुत खुश हुआ, इसलिए उसने सुलैमान को क्या देने का वादा किया?

  3. दो औरतें सुलैमान के पास कौन-सी बड़ी समस्या लेकर आयीं?

  4. जैसा कि आप तसवीर में देख सकते हैं, सुलैमान ने कैसे समस्या को हल किया?

  5. सुलैमान के राज में हालात कैसे थे और क्यों?

कुछ और सवाल:

  1. पहला राजा 3:3-28 पढ़िए।

    1. (क) आज परमेश्‍वर के संगठन में जिन भाइयों को ज़िम्मेदारी दी जाती है, वे 1 राजा 3:7 में दर्ज़ सुलैमान के दिल से कहे शब्दों से क्या सीख सकते हैं? (भज. 119:105; नीति. 3:5, 6)

    2. (ख) किन चीज़ों के लिए प्रार्थना करना सही है, यह हम सुलैमान की गुज़ारिश से कैसे सीख सकते हैं? (1 राजा 3:9, 11; नीति. 30:8, 9; 1 यूह. 5:14)

    3. (ग) सुलैमान ने दो औरतों के आपसी झगड़े को जिस तरह सुलझाया उससे हमें महान सुलैमान, यीशु मसीह की हुकूमत के बारे में क्या भरोसा मिलता है? (1 राजा 3:28; यशा. 9:6, 7; 11:2-4)

  2. पहला राजा 4:29-34 पढ़िए।

    1. (क) जब सुलैमान ने यहोवा से आज्ञा माननेवाला हृदय माँगा, तो यहोवा ने उसकी बिनती का क्या जवाब दिया? (1 राजा 4:29)

    2. (ख) जिस तरह सुलैमान की बुद्धि-भरी बातें सुनने के लिए लोग दूर-दूर से आते थे, उसी तरह परमेश्‍वर के वचन का अध्ययन करने के लिए हमें कैसा रवैया दिखाना चाहिए? (1 राजा 4:29, 34; यूह. 17:3; 2 तीमु. 3:16)

कहानी 64

सुलैमान ने बनाया यहोवा का मंदिर

  1. यहोवा का मंदिर बनाने में सुलैमान को कितने साल लगे और इसमें बहुत पैसा क्यों लगा?

  2. मंदिर में कितने कमरे थे और अंदरवाले कमरे में क्या रखा गया था?

  3. मंदिर तैयार होने के बाद सुलैमान ने यहोवा से क्या प्रार्थना की?

  4. यहोवा ने कैसे दिखाया कि वह सुलैमान की प्रार्थना से खुश है?

  5. सुलैमान अपनी बीवियों की वजह से क्या करने लगा और इसके बाद से सुलैमान कैसे बदल गया?

  6. यहोवा को सुलैमान पर गुस्सा क्यों आया और उसने सुलैमान से क्या कहा?

कुछ और सवाल:

  1. पहला इतिहास 28:9, 10 पढ़िए।

    पहला इतिहास 28:9, 10 में लिखे दाऊद के शब्दों को ध्यान में रखते हुए हमें हर दिन क्या करने की कोशिश करनी चाहिए? (भज. 19:14; फिलि. 4:8, 9)

  2. दूसरा इतिहास 6:12-21, 32-42 पढ़िए।

    1. (क) सुलैमान ने कैसे ज़ाहिर किया कि इस पूरे जहान का मालिक यहोवा परमेश्‍वर, इंसान की बनायी किसी भी इमारत में नहीं समा सकता? (2 इति. 6:18; प्रेरि. 17:24, 25)

    2. (ख) दूसरा इतिहास 6:32, 33 में दर्ज़ सुलैमान के शब्दों से यहोवा के बारे में क्या पता चलता है? (प्रेरि. 10:34, 35; गल. 2:6)

  3. दूसरा इतिहास 7:1-5 पढ़िए।

    यहोवा की महिमा देखकर जिस तरह इस्राएली उसकी स्तुति करने लगे, उसी तरह आज जब हम यहोवा से मिली आशीषों के बारे में सोचते हैं, तो हमें क्या करना चाहिए? (2 इति. 7:3; भज. 22:22; 34:1; 96:2)

  4. पहला राजा 11:9-13 पढ़िए।

    सुलैमान की ज़िंदगी कैसे दिखाती है कि अंत तक यहोवा के वफादार रहना ज़रूरी है? (1 राजा 11:4, 9; मत्ती 10:22; प्रका. 2:10)

कहानी 65

राज्य का बँटवारा

  1. तसवीर में दिखाए दोनों आदमियों के क्या नाम हैं और वे कौन हैं?

  2. अहिय्याह ने अपने नए कपड़े का क्या किया और ऐसा करने का क्या मतलब था?

  3. सुलैमान ने यारोबाम के साथ क्या करने की कोशिश की?

  4. लोगों ने यारोबाम को 10 गोत्र का राजा क्यों बनाया?

  5. यारोबाम ने सोने के दो बछड़े क्यों बनाए और इसके बाद से देश में क्या होने लगा?

  6. दो गोत्रवाले राज्य का और यरूशलेम में यहोवा के मंदिर का क्या हुआ?

कुछ और सवाल:

  1. पहला राजा 11:26-43 पढ़िए।

    यारोबाम कैसा इंसान था और अगर वह यहोवा के कानूनों को मानता, तो यहोवा उसे क्या देता? (1 राजा 11:28, 38)

  2. पहला राजा 12:1-33 पढ़िए।

    1. (क) अधिकार के गलत इस्तेमाल के बारे में माता-पिता और प्राचीन, रहूबियाम की बुरी मिसाल से क्या सीखते हैं? (1 राजा 12:13; सभो. 7:7; 1 पत. 5:2, 3)

    2. (ख) ज़िंदगी के अहम फैसले लेते वक्‍त नौजवानों को भरोसेमंद सलाह के लिए किनके पास जाना चाहिए? (1 राजा 12:6, 7; नीति. 1:8, 9; 2 तीमु. 3:16, 17; इब्रा. 13:7)

    3. (ग) यारोबाम ने किस डर से दो जगहों पर बछड़े की उपासना शुरू करवायी और यह कैसे दिखाता है कि उसे यहोवा पर बिलकुल भरोसा नहीं था? (1 राजा 11:37; 12:26-28)

    4. (घ) दस गोत्रवाले राज्य के लोगों को कौन सच्ची उपासना से दूर ले गया? (1 राजा 12:32, 33)

कहानी 66

दुष्ट रानी ईज़ेबेल

  1. ईज़ेबेल कौन थी?

  2. राजा अहाब एक दिन मुँह लटकाए क्यों बैठा था?

  3. ईज़ेबेल ने अपने पति को नाबोत का खेत दिलवाने के लिए क्या किया?

  4. ईज़ेबेल को सज़ा देने के लिए यहोवा ने किसे भेजा?

  5. जैसा कि आप तसवीर में देख सकते हैं जब येहू, ईज़ेबेल के महल में पहुँचा तो क्या हुआ?

कुछ और सवाल:

  1. पहला राजा 16:29-33 और 18:3, 4 पढ़िए।

    राजा अहाब के दिनों में इस्राएल की हालत कितनी खराब थी? (1 राजा 14:9)

  2. पहला राजा 21:1-16 पढ़िए।

    1. (क) नाबोत ने कैसे हिम्मत, साथ ही यहोवा के लिए वफादारी दिखायी? (1 राजा 21:1-3; लैव्य. 25:23-28)

    2. (ख) निराशा का सामना करने के मामले में हमें क्यों अहाब की तरह नहीं बनना चाहिए? (1 राजा 21:4; रोमि. 5:3-5)

  3. दूसरा राजा 9:30-37 पढ़िए।

    येहू ने जिस जोश के साथ यहोवा की मरज़ी पूरी की, उससे हम क्या सीख सकते हैं? (2 राजा 9:4-10; 2 कुरि. 9:1, 2; 2 तीमु. 4:2)

कहानी 67

यहोशापात ने यहोवा पर भरोसा रखा

  1. यहोशापात कौन था और वह किस वक्‍त में जीया था?

  2. इस्राएली क्यों डर गए और उनमें से कइयों ने क्या किया?

  3. यहोवा ने यहोशापात की प्रार्थना का क्या जवाब दिया?

  4. इस्राएलियों के लड़ाई के मैदान में पहुँचने से पहले ही यहोवा ने क्या किया?

  5. यहोशापात से हम क्या सीखते हैं?

कुछ और सवाल:

  1. दूसरा इतिहास 20:1-30 पढ़िए।

    1. (क) यहोशापात ने कैसे दिखाया कि जब परमेश्‍वर का कोई वफादार सेवक खतरनाक हालात में पड़ता है, तो उसे क्या करना चाहिए? (2 इति. 20:12; भज. 25:15; 62:1)

    2. (ख) यहोवा ने अपने लोगों से बात करने के लिए हमेशा किसी-न-किसी ज़रिए का इस्तेमाल किया। आज वह किसे इस्तेमाल कर रहा है? (2 इति. 20:14, 15; मत्ती 24:45-47; यूह. 15:15)

    3. (ग) जब ‘सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर यहोवा के बड़े दिन की लड़ाई’ शुरू होगी, तो हमारे हालात किस तरह यहोशापात के हालात जैसे होंगे? (2 इति. 20:15, 17; 32:8; प्रका. 16:14, 16)

    4. (घ) लेवियों की तरह, पायनियर और मिशनरी आज संसार-भर में हो रहे प्रचार काम में किस तरह भाग लेते हैं? (2 इति. 20:19, 21; रोमि. 10:13-15; 2 तीमु. 4:2)

कहानी 68

दो लड़के जिन्हें दोबारा ज़िंदा किया गया

  1. तसवीर में दिखाए तीन लोग कौन हैं और छोटे लड़के को क्या हो गया था?

  2. एलिय्याह ने लड़के के बारे में क्या प्रार्थना की और फिर क्या हुआ?

  3. एलिय्याह के सेवक का नाम क्या था?

  4. शूनेम में रहनेवाली औरत ने एलीशा को अपने घर क्यों बुलाया?

  5. एलीशा ने क्या किया और मरे हुए लड़के का क्या हुआ?

  6. यहोवा ने एलिय्याह और एलीशा के ज़रिए क्या करने की ताकत दिखायी?

कुछ और सवाल:

  1. पहला राजा 17:8-24 पढ़िए।

    1. (क) यहोवा की आज्ञा मानने और उस पर विश्‍वास रखने के बारे में एलिय्याह की कैसे परख हुई? (1 राजा 17:9; 19:1-4, 10)

    2. (ख) सारपत शहर की विधवा का विश्‍वास क्यों बेमिसाल था? (1 राजा 17:12-16; लूका 4:25, 26)

    3. (ग) सारपत शहर की विधवा की कहानी कैसे मत्ती 10:41, 42 में दर्ज़ यीशु के शब्दों को सच साबित करती है? (1 राजा 17:10-12, 17, 23, 24)

  2. दूसरा राजा 4:8-37 पढ़िए।

    1. (क) मेहमाननवाज़ी दिखाने में हम शूनेम में रहनेवाली औरत से क्या सीखते हैं? (2 राजा 4:8; लूका 6:38; रोमि. 12:13; 1 यूह. 3:17)

    2. (ख) आज हम, परमेश्‍वर के सेवकों के लिए कैसे-कैसे भले काम कर सकते हैं? (प्रेरि. 20:35; 28:1, 2; गल. 6:9, 10; इब्रा. 6:10)

कहानी 69

छोटी लड़की ने की एक सेनापति की मदद

  1. तसवीर में दिखायी छोटी लड़की उस स्त्री से क्या कह रही है?

  2. वह स्त्री कौन है और छोटी लड़की उसके घर में क्या कर रही है?

  3. एलीशा ने अपने नौकर के ज़रिए नामान को क्या करने के लिए कहा और इस पर नामान को क्यों गुस्सा आया?

  4. जब नामान ने अपने नौकर की बात मानी, तब क्या हुआ?

  5. एलीशा ने नामान का तोहफा लेने से क्यों मना कर दिया, मगर गेहजी ने क्या किया?

  6. गेहजी को क्या हो गया और इससे हम क्या सबक सीखते हैं?

कुछ और सवाल:

  1. दूसरा राजा 5:1-27 पढ़िए।

    1. (क) उस छोटी इस्राएली लड़की से आज के बच्चे क्या सीख सकते हैं? (2 राजा 5:3; भज. 8:2; 148:12, 13)

    2. (ख) जब कोई हमें बाइबल से सलाह देता है, तो नामान को याद रखना क्यों अच्छा होगा? (2 राजा 5:15; इब्रा. 12:5, 6; याकू. 4:6)

    3. (ग) एलीशा और गेहजी में जो फर्क था, उससे हम क्या सीख सकते हैं? (2 राजा 5:9, 10, 14-16, 20; मत्ती 10:8; प्रेरि. 5:1-5; 2 कुरि. 2:17)

कहानी 70

योना मछली के पेट में

  1. योना कौन था और यहोवा ने उससे क्या करने के लिए कहा?

  2. योना उस जगह नहीं जाना चाहता था जहाँ यहोवा ने उसे जाने को कहा, इसलिए उसने क्या किया?

  3. तूफान को रोकने के लिए योना ने नाव चलानेवालों से क्या करने को कहा?

  4. जैसा कि आप तसवीर में देख सकते हैं, जब योना पानी में डूबने लगा, तो क्या हुआ?

  5. योना कितने दिनों तक मछली के पेट में रहा और वहाँ उसने क्या किया?

  6. जब मछली ने योना को उगल दिया, तो योना कहाँ गया और इस कहानी से हम क्या सीखते हैं?

कुछ और सवाल:

  1. योना 1:1-17 पढ़िए।

    योना को जब नीनवे में प्रचार करने के लिए कहा गया, तो उसने कैसा महसूस किया? (योना 1:2, 3; नीति. 3:7; सभो. 8:12)

  2. योना 2:1, 2, 10 पढ़िए।

    योना की कहानी से हमें कैसे भरोसा मिलता है कि यहोवा हमारी प्रार्थनाओं का जवाब ज़रूर देगा? (भज. 22:24; 34:6; 1 यूह. 5:14)

  3. योना 3:1-10 पढ़िए।

    1. (क) योना पहले यहोवा के दिए काम से भाग गया था, इसके बावजूद यहोवा ने उसे अपने काम से दोबारा भेजा। इस बात से हमें क्या हौसला मिलता है? (भज. 103:14; 1 पत. 5:10)

    2. (ख) योना का संदेश सुनकर नीनवे के लोगों ने जो कदम उठाया, उससे हम प्रचार में लोगों के बारे में पहले से राय कायम करने के मामले में क्या सीख सकते हैं? (योना 3:6-9; सभो. 11:6; प्रेरि. 13:48)

कहानी 71

परमेश्‍वर का वादा—धरती पर फिरदौस

  1. यशायाह कौन था? वह किस समय में जीया और यहोवा ने उसे क्या दिखाया?

  2. “फिरदौस” का क्या मतलब है और इससे आपको क्या याद आता है?

  3. यहोवा ने यशायाह से आनेवाले फिरदौस के बारे में क्या लिखने के लिए कहा?

  4. आदम और हव्वा को सुंदर बगीचे से क्यों निकाल दिया गया?

  5. यहोवा ने उन लोगों से क्या वादा किया है जो उससे प्यार करते हैं?

कुछ और सवाल:

  1. यशायाह 11:6-9 पढ़िए।

    1. (क) नयी दुनिया में इंसानों और जानवरों के बीच जो शांति होगी, उस बारे में परमेश्‍वर का वचन कैसी तसवीर पेश करता है? (भज. 148:10, 13; यशा. 65:25; यहे. 34:25)

    2. (ख) यशायाह के लिखे शब्द आज यहोवा के लोगों के बीच आध्यात्मिक मायने में कैसे पूरे हो रहे हैं? (रोमि. 12:2; इफि. 4:23, 24)

    3. (ग) किसकी बदौलत आज कई लोगों की शख्सियत में बदलाव हो रहा है और नयी दुनिया में भी होगा? (यशा. 48:17, 18; गल. 5:22, 23; फिलि. 4:7)

  2. प्रकाशितवाक्य 21:3, 4 पढ़िए।

    1. (क) बाइबल की आयतों से कैसे पता चलता है कि परमेश्‍वर सचमुच में नहीं, बल्कि आध्यात्मिक मायनों में इंसानों के साथ रहेगा? (लैव्य. 26:11, 12; 2 इति. 6:18; यशा. 66:1; प्रका. 21:2, 3, 22-24)

    2. (ख) किस तरह के आँसू नहीं होंगे और पीड़ा या दर्द नहीं रहेगा? (लूका 8:49-52; रोमि. 8:21, 22; प्रका. 21:4)

कहानी 72

परमेश्‍वर ने की राजा हिजकिय्याह की मदद

  1. तसवीर में यह आदमी कौन है और वह क्यों परेशान है?

  2. हिजकिय्याह ने परमेश्‍वर के सामने कौन-सी चिट्ठियाँ फैलायीं और उसने यहोवा से क्या प्रार्थना की?

  3. हिजकिय्याह कैसा राजा था और यहोवा ने यशायाह नबी के ज़रिए उसे क्या संदेश भेजा?

  4. जैसे तसवीर में दिखाया गया है, यहोवा के एक स्वर्गदूत ने अश्‍शूरी सैनिकों का क्या किया?

  5. हालाँकि दो गोत्रवाले राज्य में लोग कुछ दिन चैन से रहे, मगर हिजकिय्याह की मौत के बाद क्या हुआ?

कुछ और सवाल:

  1. दूसरा राजा 18:1-36 पढ़िए।

    1. (क) अश्‍शूरी दूत रबशाके ने कैसे इस्राएलियों का विश्‍वास कमज़ोर करने की कोशिश की? (2 राजा 18:19, 21; निर्ग. 5:2; भज. 64:3)

    2. (ख) जब यहोवा के साक्षियों का विरोधियों से सामना होता है, तब वे हिजकिय्याह की मिसाल पर कैसे चल सकते हैं? (2 राजा 18:36; भज. 39:1; नीति. 26:4; 2 तीमु. 2:24)

  2. दूसरा राजा 19:1-37 पढ़िए।

    1. (क) आज यहोवा के लोगों पर जब कोई मुसीबत आती है, तो वे हिजकिय्याह की तरह क्या करते हैं? (2 राजा 19:1, 2; नीति. 3:5, 6; इब्रा. 10:24, 25; याकू. 5:14, 15)

    2. (ख) किन तीन तरीकों से राजा सेन्हेरीब की हार हुई और भविष्यवाणी में वह किसे दर्शाता है? (2 राजा 19:32, 35, 37; प्रका. 20:2, 3)

  3. दूसरा राजा 21:1-6, 16 पढ़िए।

    यह क्यों कहा जा सकता है कि मनश्‍शे, यरूशलेम के सबसे दुष्ट राजाओं में से एक था? (2 इति. 33:4-6, 9)

कहानी 73

इस्राएल का आखिरी अच्छा राजा

  1. योशिय्याह जब राजा बना, तब वह कितने साल का था? इसके सात साल बाद वह क्या करने लगा?

  2. पहली तसवीर में आप योशिय्याह को क्या करते देख सकते हैं?

  3. मंदिर की मरम्मत करते वक्‍त महायाजक को क्या मिला?

  4. योशिय्याह ने अपने कपड़े क्यों फाड़े?

  5. नबिया हुल्दा ने यहोवा की तरफ से योशिय्याह को क्या संदेश दिया?

कुछ और सवाल:

  1. दूसरा इतिहास 34:1-28 पढ़िए।

    1. (क) जिनका बचपन मुश्‍किलों से गुज़रा हो, वे योशिय्याह से क्या सीख सकते हैं? (2 इति. 33:21-25; 34:1, 2; भज. 27:10)

    2. (ख) अपनी हुकूमत के आठवें, बारहवें और अठारहवें साल में योशिय्याह ने सच्ची उपासना को बढ़ावा देने के लिए कौन-से कदम उठाए? (2 इति. 34:3, 8)

    3. (ग) उपासना की जगहों को अच्छी हालत में बनाए रखने के बारे में, हम राजा योशिय्याह और महायाजक हिल्किय्याह से क्या सीखते हैं? (2 इति. 34:9-13; नीति. 11:14; 1 कुरि. 10:31)

कहानी 74

वह इंसानों से नहीं डरा

  1. तसवीर में यह आदमी कौन है?

  2. जब यहोवा ने यिर्मयाह से नबी बनने के लिए कहा, तो यिर्मयाह को कैसा लगा? पर यहोवा ने उससे क्या कहा?

  3. यिर्मयाह ने बार-बार लोगों से क्या कहा?

  4. यिर्मयाह का मुँह बंद करने के लिए याजकों ने क्या किया? मगर यिर्मयाह ने कैसे दिखाया कि वह उनसे नहीं डरता?

  5. इस्राएलियों ने जब बुरे काम करना नहीं छोड़ा, तो क्या हुआ?

कुछ और सवाल:

  1. यिर्मयाह 1:1-8 पढ़िए।

    1. (क) जैसे यिर्मयाह की मिसाल दिखाती है, एक इंसान यहोवा की सेवा के लिए कैसे काबिल बनता है? (2 कुरि. 3:5, 6)

    2. (ख) आज के मसीही नौजवानों को यिर्मयाह की मिसाल से क्या हौसला मिलता है? (सभो. 12:1; 1 तीमु. 4:12)

  2. यिर्मयाह 10:1-5 पढ़िए।

    यिर्मयाह ने कौन-सा ज़बरदस्त उदाहरण देकर समझाया कि मूर्तियों पर भरोसा रखना बेकार है? (यिर्म. 10:5; यशा. 46:7; हब. 2:19)

  3. यिर्मयाह 26:1-16 पढ़िए।

    1. (क) यहोवा ने यिर्मयाह को आज्ञा दी थी कि “उन में से कोई वचन मत रख छोड़।” आज बचे हुए अभिषिक्‍त जन भी चेतावनी का संदेश सुनाते वक्‍त कैसे यह आज्ञा दिल से मानते हैं? (यिर्म. 26:2; व्यव. 4:2; प्रेरि. 20:27)

    2. (ख) यिर्मयाह ने इस्राएल जाति को यहोवा की चेतावनी सुनाकर, यहोवा के साक्षियों के लिए कैसे एक अच्छी मिसाल रखी? (यिर्म. 26:8, 12, 14, 15; 2 तीमु. 4:1-5)

  4. दूसरा राजा 24:1-17 पढ़िए।

    यहोवा से गद्दारी करने की वजह से यहूदा को क्या अंजाम भुगतने पड़े? (2 राजा 24:2-4, 14)

कहानी 75

चार बुद्धिमान लड़के

  1. तसवीर में ये चार लड़के कौन हैं और वे बाबुल कैसे पहुँचे?

  2. नबूकदनेस्सर इन चार लड़कों को किस काम के लिए इस्तेमाल करना चाहता था और उसने अपने नौकरों को क्या हुक्म दिया?

  3. खाने-पीने के मामले में दानिय्येल ने अपनी और अपने तीन दोस्तों की तरफ से क्या कहा?

  4. दस दिन तक साग-सब्ज़ी खाने के बाद दानिय्येल और उसके तीन दोस्त, दूसरे लड़कों के मुकाबले दिखने में कैसे थे?

  5. दानिय्येल और उसके तीन दोस्तों को राजा ने अपने महल में क्यों रख लिया? वे किस तरह पुजारियों और बुद्धिमान आदमियों से ज़्यादा अक्लमंद साबित हुए?

कुछ और सवाल:

  1. दानिय्येल 1:1-21 पढ़िए।

    1. (क) अगर लुभाए जाने पर हम बुरे कामों को ठुकराना चाहते हैं और अपनी कमज़ोरियों पर काबू पाना चाहते हैं, तो हमें क्या करते रहने की ज़रूरत है? (दानि. 1:8; उत्प. 39:7, 10; गल. 6:9)

    2. (ख) जिन चीज़ों को कुछ लोग “उत्तम भोजन” समझते हैं, उनका मज़ा लेने के लिए मसीही जवान कैसे लुभाए जा सकते हैं या उन पर दबाव डाला जा सकता है? (दानि. 1:8, NHT; नीति. 20:1; 2 कुरि. 6:17-7:1)

    3. (ग) बाइबल में चार इब्री जवानों की कहानी हमें दुनियावी शिक्षा हासिल करने के बारे में क्या बात समझने में मदद देती है? (दानि. 1:20; यशा. 54:13; 1 कुरि. 3:18-20)

कहानी 76

यरूशलेम का विनाश

  1. जैसे तसवीर में दिखाया गया है, यरूशलेम और इस्राएलियों के साथ क्या हो रहा है?

  2. यहेजकेल कौन था और यहोवा ने उसे ऐसा क्या दिखाया कि उसकी आँखें फटी-की-फटी रह गयीं?

  3. इस्राएली यहोवा का ज़रा-भी आदर नहीं करते थे, इसलिए यहोवा ने क्या कहा?

  4. जब इस्राएलियों ने राजा नबूकदनेस्सर का कहा मानने से इनकार कर दिया, तब उसने क्या किया?

  5. यहोवा ने इस्राएलियों को क्यों बरबाद होने दिया?

  6. इस्राएल देश कैसे सुनसान हो गया और ऐसा कितने समय तक रहा?

कुछ और सवाल:

  1. दूसरा राजा 25:1-26 पढ़िए।

    1. (क) सिदकिय्याह कौन था, उसके साथ क्या हुआ और इससे बाइबल की भविष्यवाणी कैसे पूरी हुई? (2 राजा 25:5-7; यहे. 12:13-15)

    2. (ख) इस्राएलियों ने यहोवा से मुँह मोड़कर जो बुरे काम किए, उनके लिए यहोवा ने किसे ज़िम्मेदार ठहराया? (2 राजा 25:9, 11, 12, 18, 19; 2 इति. 36:14, 17)

  2. यहेजकेल 8:1-18 पढ़िए।

    ईसाईजगत कैसे उन धर्मत्यागी इस्राएलियों की तरह है, जो सूरज की उपासना करते थे? (यहे. 8:16; यशा. 5:20, 21; यूह. 3:19-21; 2 तीमु. 4:3)

कहानी 77

वे मूरत के आगे नहीं झुके

  1. बाबुल के राजा, नबूकदनेस्सर ने लोगों को क्या हुक्म दिया?

  2. दानिय्येल के तीनों दोस्त सोने की मूरत के आगे क्यों नहीं झुके?

  3. जब नबूकदनेस्सर ने उन तीन जवानों को मूरत के आगे झुकने का दूसरा मौका दिया, तो उन्होंने यहोवा पर कैसे भरोसा दिखाया?

  4. नबूकदनेस्सर ने अपने सैनिकों को शद्रक, मेशक और अबेदनगो के साथ क्या करने का हुक्म दिया?

  5. नबूकदनेस्सर ने आग के भट्ठे में क्या देखा?

  6. राजा ने शद्रक, मेशक और अबेदनगो के परमेश्‍वर की जयजयकार क्यों की? उन जवानों से हम क्या सीखते हैं?

कुछ और सवाल:

  1. दानिय्येल 3:1-30 पढ़िए।

    1. (क) आज जब परमेश्‍वर के सेवकों की खराई की परीक्षा होती है, तो उन्हें तीन इब्री जवानों की तरह कैसा रवैया दिखाना चाहिए? (दानि. 3:17, 18; मत्ती 10:28; रोमि. 14:7, 8)

    2. (ख) यहोवा परमेश्‍वर ने नबूकदनेस्सर को कौन-सा ज़रूरी सबक सिखाया? (दानि. 3:28, 29; 4:34, 35)

कहानी 78

दीवार पर हाथ से लिखे शब्द

  1. जब बाबुल के राजा ने एक बड़ी दावत रखी और यहोवा के मंदिर से लाए प्यालों और कटोरों का इस्तेमाल किया, तब क्या हुआ?

  2. बेलशस्सर ने अपने बुद्धिमान आदमियों से क्या कहा, मगर वे क्या नहीं कर सके?

  3. राजा की माँ ने उसे क्या बताया?

  4. परमेश्‍वर ने दीवार पर लिखने के लिए हाथ भेजा था, इसकी दानिय्येल ने क्या वजह बतायी?

  5. दीवार पर लिखे शब्दों का दानिय्येल ने क्या मतलब समझाया?

  6. जब दानिय्येल बोल ही रहा था, तब क्या हुआ?

कुछ और सवाल:

  1. दानिय्येल 5:1-31 पढ़िए।

    1. (क) दीवार पर लिखाई देखने पर बेलशस्सर ने जो डर महसूस किया, उसमें और परमेश्‍वर के भय में फर्क बताइए। (दानि. 5:6, 7; भज. 19:9; रोमि. 8:35-39)

    2. (ख) बेलशस्सर और दूसरे बड़े-बड़े लोगों के सामने बात करते वक्‍त दानिय्येल ने कैसे हिम्मत दिखायी? (दानि. 5:17, 18, 22, 26-28; प्रेरि. 4:29)

    3. (ग) दानिय्येल का अध्याय 5 कैसे इस बात पर ज़ोर देता है कि यहोवा ही इस पूरे जहान का मालिक है? (दानि. 4:17, 25; 5:21)

कहानी 79

दानिय्येल शेरों की माँद में

  1. दारा कौन था और उसे दानिय्येल कैसा लगता था?

  2. दानिय्येल से जलनेवाले कुछ लोगों ने दारा से क्या करवाया?

  3. जब दानिय्येल को राजा के नए नियम का पता चला, तो उसने क्या किया?

  4. दारा क्यों इतना दुःखी था कि वह रात-भर सो न सका और अगली सुबह उसने क्या किया?

  5. दानिय्येल ने दारा को क्या जवाब दिया?

  6. उन बुरे आदमियों का क्या हुआ जिन्होंने दानिय्येल को मार डालने की कोशिश की? दारा ने अपने राज्य के सब लोगों के लिए क्या नियम जारी किया?

कुछ और सवाल:

  1. दानिय्येल 6:1-28 पढ़िए।

    1. (क) हमारे समय में यहोवा के साक्षियों का काम रोकने के लिए दुश्‍मनों ने जो किया है, वह दानिय्येल के खिलाफ रची गयी साज़िश से कैसे मिलता-जुलता है? (दानि. 6:7; भज. 94:20; यशा. 10:1; रोमि. 8:31)

    2. (ख) दानिय्येल की तरह आज परमेश्‍वर के सेवक “प्रधान अधिकारियों” के अधीन कैसे रह सकते हैं? (दानि. 6:5, 10; रोमि. 13:1; प्रेरि. 5:29)

    3. (ग) हम दानिय्येल की तरह यहोवा की “नित्य” सेवा कैसे कर सकते हैं? (दानि. 6:16, 20; फिलि. 3:16; प्रका. 7:15)

कहानी 80

बाबुल से आज़ाद

  1. जैसे तसवीर में दिखाया गया है, सारे इस्राएली कहाँ जा रहे हैं?

  2. यहोवा ने यशायाह के ज़रिए जो भविष्यवाणी की थी, उसे कुस्रू ने कैसे पूरा किया?

  3. कुस्रू ने उन इस्राएलियों से क्या कहा जो यरूशलेम नहीं जा सकते थे?

  4. कुस्रू ने यरूशलेम जानेवालों को कौन-सी चीज़ें दीं?

  5. यरूशलेम पहुँचने में इस्राएलियों को कितना वक्‍त लगा?

  6. इस्राएल देश कितने साल से सुनसान पड़ा था?

कुछ और सवाल:

  1. यशायाह 44:28 और 45:1-4 पढ़िए।

    1. (क) यहोवा ने कैसे इस बात पर ज़ोर दिया कि कुस्रू के बारे में की गयी भविष्यवाणी हर हाल में पूरी होगी? (यशा. 55:10, 11; रोमि. 4:17)

    2. (ख) कुस्रू के बारे में यशायाह ने जो भविष्यवाणी की, उससे कैसे पता चलता है कि यहोवा में भविष्य बताने की काबिलीयत है? (यशा. 42:9; 45:21; 46:10, 11; 2 पत. 1:20)

  2. एज्रा 1:1-11 पढ़िए।

    जो इस्राएली यरूशलेम नहीं लौट सके, उनकी मिसाल पर चलते हुए हम कैसे उन भाई-बहनों की “सहायता” कर सकते हैं जो पूरे समय की सेवा करते हैं? (एज्रा 1:4, 6; रोमि. 12:13; कुलु. 4:12)

कहानी 81

उन्होंने यहोवा पर भरोसा रखा

  1. कितने लोगों ने बाबुल से यरूशलेम तक का लंबा सफर तय किया? यरूशलेम पहुँचने पर उन्होंने क्या देखा?

  2. यरूशलेम आने के बाद इस्राएलियों ने क्या बनाना शुरू किया? मगर उनके दुश्‍मनों ने क्या किया?

  3. हाग्गै और जकर्याह कौन थे और उन्होंने लोगों से क्या कहा?

  4. तत्तनै ने बाबुल में क्यों चिट्ठी भेजी और वहाँ से उसे क्या जवाब मिला?

  5. जब एज्रा को पता चला कि परमेश्‍वर के मंदिर की मरम्मत कराने की ज़रूरत है, तब उसने क्या किया?

  6. तसवीर देखकर बताइए कि एज्रा किस लिए प्रार्थना कर रहा था। यहोवा ने उसकी प्रार्थना का कैसे जवाब दिया? इस घटना से हम क्या सीखते हैं?

कुछ और सवाल:

  1. एज्रा 3:1-13 पढ़िए।

    अगर हमें कभी ऐसे इलाके में रहना पड़े जहाँ एक भी कलीसिया न हो, तो हमें क्या करते रहना चाहिए? (एज्रा 3:3, 6; प्रेरि. 17:16, 17; इब्रा. 13:15)

  2. एज्रा 4:1-7 पढ़िए।

    सच्ची उपासना में झूठी उपासना शामिल न करने के बारे में जरूब्बाबेल ने यहोवा के लोगों के लिए क्या मिसाल रखी? (निर्ग. 34:12; 1 कुरि. 15:33; 2 कुरि. 6:14-17)

  3. एज्रा 5:1-5, 17 और 6:1-22 पढ़िए।

    1. (क) मंदिर बनाने के काम को दुश्‍मन क्यों नहीं रोक सके? (एज्रा 5:5; यशा. 54:17)

    2. (ख) विरोधियों का सामना करने के लिए यहोवा से मदद माँगने में यहूदी पुरनिए कैसे मसीही प्राचीनों के लिए अच्छी मिसाल हैं? (एज्रा 6:14; भज. 32:8; रोमि. 8:31; याकू. 1:5)

  4. एज्रा 8:21-23, 28-36 पढ़िए।

    कोई भी कदम उठाने से पहले हमें एज्रा की तरह क्या करना चाहिए? (एज्रा 8:23; भज. 127:1; नीति. 10:22; याकू. 4:13-15)

कहानी 82

मोर्दकै और एस्तेर

  1. मोर्दकै और एस्तेर कौन थे?

  2. राजा क्षयर्ष ने एक दूसरी स्त्री को अपनी रानी क्यों बना लिया और वह कौन थी?

  3. हामान कौन था और उसे किस बात पर गुस्सा आया?

  4. राजा ने क्या आज्ञा दी और मोर्दकै से इसकी खबर मिलने पर एस्तेर ने क्या किया?

  5. हामान का क्या हुआ? मोर्दकै के साथ क्या हुआ?

  6. इस्राएली अपने दुश्‍मनों से कैसे बचे?

कुछ और सवाल:

  1. एस्तेर 2:12-18 पढ़िए।

    एस्तेर ने कैसे ज़ाहिर किया कि “नम्रता और मन की दीनता” दिखाना अहमियत रखता है? (एस्ते. 2:15; 1 पत. 3:1-5)

  2. एस्तेर 4:1-17 पढ़िए।

    जिस तरह एस्तेर को सच्ची उपासना की खातिर कदम उठाने का मौका मिला, उसी तरह आज हमें यहोवा के लिए अपनी भक्‍ति और वफादारी दिखाने का कैसे मौका मिल रहा है? (एस्ते. 4:13, 14; मत्ती 5:14-16; 24:14)

  3. एस्तेर 7:1-6 पढ़िए।

    आज परमेश्‍वर के लोग कैसे एस्तेर की तरह ज़ुल्मों के डर से पीछे नहीं हटते? (एस्ते. 7:4; मत्ती 10:16-22; 1 पत. 2:12)

कहानी 83

यरूशलेम की दीवार

  1. बिना दीवार के यरूशलेम में रहना इस्राएलियों के लिए कैसा रहा होगा?

  2. नहेमायाह कौन था?

  3. नहेमायाह क्या काम करता था? यह बड़ी ज़िम्मेदारी का काम क्यों था?

  4. कौन-सी खबर सुनकर नहेमायाह उदास हो गया और वह क्या करने लगा?

  5. राजा अर्तक्षत्र ने नहेमायाह की कैसे मदद की?

  6. नहेमायाह ने ऐसा क्या किया, ताकि इस्राएलियों के दुश्‍मन दीवार बनाने का काम रोक न पाएँ?

कुछ और सवाल:

  1. नहेमायाह 1:4-6 और 2:1-20 पढ़िए।

    नहेमायाह ने कैसे यहोवा से मार्गदर्शन माँगा? (नहे. 2:4, 5; रोमि. 12:12; 1 पत. 4:7)

  2. नहेमायाह 3:3-5 पढ़िए।

    तकोआ के रहनेवाले और उनके “रईसों” के बीच जो फर्क था, उससे प्राचीन और सहायक सेवक क्या सीख सकते हैं? (नहे. 3:5, 27; 2 थिस्स. 3:7-10; 1 पत. 5:5)

  3. नहेमायाह 4:1-23 पढ़िए।

    1. (क) दुश्‍मन हाथ धोकर इस्राएलियों के पीछे पड़े थे, फिर भी किस बात ने इस्राएलियों को अपने काम में लगे रहने की हिम्मत दी? (नहे. 4:6, 8, 9; भज. 50:15; यशा. 65:13, 14)

    2. (ख) इस्राएलियों की मिसाल से आज हमें कैसे हिम्मत मिलती है?

  4. नहेमायाह 6:15 पढ़िए।

    यरूशलेम की दीवार दो महीने के अंदर बनकर तैयार हो गयी, इस बात से विश्‍वास की ताकत के बारे में क्या पता चलता है? (भज. 56:3, 4; मत्ती 17:20; 19:26)

कहानी 84

एक स्वर्गदूत मरियम से मिलने आया

  1. तसवीर में यह स्त्री कौन है?

  2. जिब्राईल ने मरियम से क्या कहा?

  3. जिब्राईल ने मरियम को यह बात कैसे समझायी कि भले ही उसकी शादी नहीं हुई है, फिर भी उसके एक बेटा होगा?

  4. जब मरियम अपनी रिश्‍तेदार इलीशिबा से मिलने गयी, तब क्या हुआ?

  5. जब यूसुफ को पता चला कि मरियम माँ बननेवाली है, तो उसने क्या सोचा? बाद में उसने मरियम से क्यों शादी कर ली?

कुछ और सवाल:

  1. लूका 1:26-56 पढ़िए।

    1. (क) लूका 1:35 के मुताबिक, जब परमेश्‍वर के बेटे का जीवन स्वर्ग से मरियम के गर्भ में डाला गया, तो मरियम के डिंब में मौजूद असिद्धता उस बेटे में क्यों नहीं आयी? (हाग्गै 2:11-13; यूह. 6:69; इब्रा. 7:26; 10:5)

    2. (ख) यीशु ने जन्म से पहले ही कैसे आदर पाया? (लूका 1:41-43)

    3. (ग) आज जिन मसीहियों को सेवा के खास मौके मिलते हैं, वे मरियम से कौन-सी अच्छी बात सीख सकते हैं? (लूका 1:38, 46-49; 17:10; नीति. 11:2)

  2. मत्ती 1:18-25 पढ़िए।

    हालाँकि यीशु का नाम इम्मानुएल नहीं रखा गया, फिर भी वह धरती पर इस नाम के अर्थ के मुताबिक कैसे जीया? (मत्ती 1:22, 23; यूह. 14:8-10; इब्रा. 1:1-3)

कहानी 85

अस्तबल में यीशु का जन्म

  1. तसवीर में यह नन्हा बच्चा कौन है और मरियम उसे कहाँ रखने जा रही है?

  2. यीशु अस्तबल में क्यों पैदा हुआ?

  3. तसवीर में वे आदमी कौन हैं, जो अस्तबल के अंदर आ रहे हैं? एक स्वर्गदूत ने उनसे क्या कहा था?

  4. यीशु में ऐसी क्या खास बात है, जिसकी वजह से वह सबसे अलग है?

  5. यीशु को परमेश्‍वर का बेटा क्यों कहा जाता है?

कुछ और सवाल:

  1. लूका 2:1-20 पढ़िए।

    1. (क) यीशु के जन्म के बारे में की गयी भविष्यवाणी के पूरे होने में औगूस्तुस कैसर का क्या हाथ था? (लूका 2:1-4; मीका 5:2)

    2. (ख) एक इंसान कैसे उन “मनुष्यों” में गिना जा सकता है, ‘जिनसे परमेश्‍वर प्रसन्‍न’ होता है? (लूका 2:14; मत्ती 16:24; यूह. 17:3; प्रेरि. 3:19; इब्रा. 11:6)

    3. (ग) जब यहूदा के मामूली चरवाहे, उद्धारकर्ता के पैदा होने की खबर से खुश हुए, तो आज परमेश्‍वर के सेवकों को किस बात से और ज़्यादा खुश होना चाहिए? (लूका 2:10, 11; इफि. 3:8, 9; प्रका. 11:15; 14:6)

कहानी 86

एक तारे ने आदमियों को रास्ता दिखाया

  1. तसवीर में दिखाए आदमी कौन हैं? उनमें से एक आदमी क्यों उस बड़े तारे की तरफ इशारा कर रहा है?

  2. राजा हेरोदेस को क्या बात अच्छी नहीं लगी और उसने क्या किया?

  3. वह तारा उन आदमियों को कहाँ ले गया? बाद में वे क्यों दूसरे रास्ते से अपने देश लौट गए?

  4. हेरोदेस ने क्या हुक्म दिया और क्यों?

  5. यहोवा ने यूसुफ को क्या करने के लिए कहा?

  6. वह नया तारा किसने दिखाया और क्यों?

एक और सवाल:

  1. मत्ती 2:1-23 पढ़िए।

    जब ज्योतिषी यीशु को देखने आए, तो वह कितने साल का था और कहाँ रहता था? (मत्ती 2:1, 11, 16)

कहानी 87

छोटा यीशु मंदिर में

  1. इस तसवीर में यीशु कितने साल का है और वह कहाँ है?

  2. यूसुफ हर साल अपने परिवार को लेकर कहाँ जाता था?

  3. यरूशलेम से घर लौटने के लिए पूरे एक दिन का सफर करने के बाद, यूसुफ और मरियम को दोबारा यरूशलेम क्यों जाना पड़ा?

  4. यूसुफ और मरियम को यीशु कहाँ मिला और वहाँ मौजूद सब लोग हैरान क्यों थे?

  5. यीशु ने अपनी माँ, मरियम से क्या कहा?

  6. परमेश्‍वर के बारे में सीखने में हम यीशु की तरह कैसे बन सकते हैं?

कुछ और सवाल:

  1. लूका 2:41-52 पढ़िए।

    1. (क) व्यवस्था के मुताबिक सालाना पर्वों में सिर्फ आदमियों का हाज़िर होना ज़रूरी था। लेकिन यूसुफ और मरियम ने आज के माता-पिताओं के लिए कौन-सी बढ़िया मिसाल रखी? (लूका 2:41; व्यव. 16:16; 31:12; नीति. 22:6)

    2. (ख) माता-पिता के अधीन रहने में यीशु कैसे आज के बच्चों के लिए एक अच्छी मिसाल है? (लूका 2:51; व्यव. 5:16; नीति. 23:22; कुलु. 3:20)

  2. मत्ती 13:53-56 पढ़िए।

    बाइबल में यीशु के किन चार सौतेले भाइयों के नाम दिए गए हैं? आगे चलकर उनमें से दो भाइयों को मसीही कलीसिया में क्या ज़िम्मेदारी दी गयी? (मत्ती 13:55; प्रेरि. 12:17; 15:6, 13; 21:18; गल. 1:19; याकू. 1:1; यहू. 1)

कहानी 88

यूहन्‍ना ने यीशु को बपतिस्मा दिया

  1. तसवीर में ये दो आदमी कौन हैं?

  2. एक इंसान को बपतिस्मा कैसे दिया जाता है?

  3. यूहन्‍ना किन लोगों को बपतिस्मा देता था?

  4. यीशु किस वजह से यूहन्‍ना के पास बपतिस्मा लेने के लिए गया?

  5. यह हम कैसे कह सकते हैं कि परमेश्‍वर, यीशु के बपतिस्मे से खुश था?

  6. यीशु जब 40 दिन के लिए एक सुनसान जगह गया, तो क्या हुआ?

  7. यीशु के पहले चेले कौन थे? यीशु का पहला चमत्कार क्या था?

कुछ और सवाल:

  1. मत्ती 3:13-17 पढ़िए।

    यीशु के चेलों को कैसे बपतिस्मा लेना चाहिए, इस बारे में उसने क्या नमूना रखा? (भज. 40:7, 8; मत्ती 28:19, 20; लूका 3:21, 22)

  2. मत्ती 4:1-11 पढ़िए।

    यीशु ने बाइबल का बढ़िया तरीके से इस्तेमाल किया। इससे हमें कैसे बिना नागा बाइबल का अध्ययन करने का बढ़ावा मिलता है? (मत्ती 4:5-7; 2 पत. 3:17, 18; 1 यूह. 4:1)

  3. यूहन्‍ना 1:29-51 पढ़िए।

    यूहन्‍ना बपतिस्मा देनेवाले ने अपने चेलों को किसके पास जाने के लिए कहा और आज हम यूहन्‍ना की तरह कैसे बन सकते हैं? (यूह. 1:29, 35, 36; 3:30; मत्ती 23:10)

  4. यूहन्‍ना 2:1-12 पढ़िए।

    यीशु के पहले चमत्कार से कैसे ज़ाहिर हुआ कि यहोवा दिल खोलकर अपने सेवकों को अच्छी चीज़ें देता है? (यूह. 2:9, 10; भज. 84:11; याकू. 1:17)

कहानी 89

मंदिर के लिए यीशु का प्यार

  1. मंदिर में जानवरों को क्यों बेचा जा रहा था?

  2. किस वजह से यीशु को गुस्सा आया?

  3. जैसा कि आप तसवीर में देख सकते हैं, यीशु ने क्या किया? उसने कबूतर बेचनेवालों को क्या हुक्म दिया?

  4. जब यीशु के चेलों ने उसे यह सब करते देखा, तो उन्हें कौन-सी बात याद आयी?

  5. गलील लौटते वक्‍त यीशु किस इलाके से होकर गुज़रा?

एक और सवाल:

  1. यूहन्‍ना 2:13-25 पढ़िए।

    यीशु, मंदिर में सर्राफों पर भड़क उठा था। इसे ध्यान में रखते हुए हमें राज्य घर में बिज़नेस करने के मामले को किस नज़र से देखना चाहिए? (यूह. 2:15, 16; 1 कुरि. 10:24, 31-33)

कहानी 90

जीवन का जल

  1. यीशु, सामरिया में एक कुएँ के पास क्यों रुका? वहाँ उसे जो औरत मिली उससे यीशु ने क्या कहा?

  2. उस औरत को हैरानी क्यों हुई? फिर यीशु ने उससे क्या कहा और क्यों?

  3. वह औरत किस पानी के बारे में सोच रही थी, मगर यीशु किस पानी की बात कर रहा था?

  4. औरत को इस बात से ताज्जुब क्यों हुआ कि यीशु उसके बारे में काफी कुछ जानता है? यीशु को ये सब बातें कैसे मालूम थीं?

  5. इस कहानी से हम क्या सीख सकते हैं?

कुछ और सवाल:

  1. यूहन्‍ना 4:5-43 पढ़िए।

    1. (क) यीशु की मिसाल पर चलते हुए हमें उन लोगों के साथ कैसा बर्ताव करना चाहिए, जो हमारी जाति के नहीं हैं या समाज में जिनका दर्जा हमसे अलग है? (यूह. 4:9; 1 कुरि. 9:22; 1 तीमु. 2:3, 4; तीतु. 2:11)

    2. (ख) यीशु का चेला बनने से एक इंसान को कौन-से आध्यात्मिक फायदे मिलते हैं? (यूह. 4:14; यशा. 58:11; 2 कुरि. 4:16)

    3. (ग) सामरी औरत ने सीखी हुई बातें बड़े जोश के साथ दूसरों को बतायीं। उसकी मिसाल पर चलते हुए हम कैसे सीखी हुई बातों के लिए कदरदानी दिखा सकते हैं? (यूह. 4:7, 28; मत्ती 6:33; लूका 10:40-42)

कहानी 91

यीशु की लाजवाब शिक्षाएँ

  1. तसवीर में यीशु, लोगों को कहाँ सिखा रहा है और जो उसके पास बैठे हैं, वे कौन हैं?

  2. यीशु के 12 प्रेरितों के नाम बताइए।

  3. यीशु ने लोगों को किस राज्य के बारे में बताया?

  4. यीशु ने लोगों को किन बातों के बारे में प्रार्थना करना सिखाया?

  5. लोगों को एक-दूसरे के साथ कैसा बर्ताव करना चाहिए, इस बारे में यीशु ने क्या सिखाया?

कुछ और सवाल:

  1. मत्ती 5:1-12 पढ़िए।

    हम कैसे दिखा सकते हैं कि हमें अपनी आध्यात्मिक ज़रूरतों का ध्यान है? (मत्ती 5:3; रोमि. 10:13-15; 1 तीमु. 4:13, 15, 16)

  2. मत्ती 5:21-26 पढ़िए।

    हमारे भाइयों के साथ हमारा जैसा रिश्‍ता होता है, उसका असर यहोवा के साथ हमारे रिश्‍ते पर पड़ता है, यह बात मत्ती 5:23, 24 से कैसे ज़ाहिर होती है? (मत्ती 6:14, 15; भज. 133:1; कुलु. 3:13; 1 यूह. 4:20)

  3. मत्ती 6:1-8 पढ़िए।

    खुद को दूसरों से ज़्यादा धर्मी ठहराने के कुछ तरीके क्या हैं, जिनसे मसीहियों को दूर रहना चाहिए? (लूका 18:11, 12; 1 कुरि. 4:6, 7; 2 कुरि. 9:7)

  4. मत्ती 6:25-34 पढ़िए।

    यहोवा हमारी ज़रूरतें पूरी करेगा, इस बात का भरोसा रखने के बारे में यीशु ने क्या सिखाया? (निर्ग. 16:4; भज. 37:25; फिलि. 4:6)

  5. मत्ती 7:1-11 पढ़िए।

    मत्ती 7:5 में दी जीती-जागती मिसाल से हम क्या सबक सीखते हैं? (नीति. 26:12; रोमि. 2:1; 14:10; याकू. 4:11, 12)

कहानी 92

यीशु ने मरे हुओं को ज़िंदा किया

  1. तसवीर में दिखायी लड़की का पिता कौन है? वह और उसकी बीवी घबरा क्यों गए थे?

  2. जब याईर को यीशु मिल गया, तो उसने क्या किया?

  3. यीशु जब याईर के घर जा रहा था, तब क्या हुआ? रास्ते में याईर को क्या खबर मिली?

  4. याईर के घर में मौजूद लोग यीशु पर क्यों हँसने लगे?

  5. यीशु जब अपने तीन प्रेरितों और लड़की के माता-पिता के साथ लड़की के कमरे में गया, तब यीशु ने क्या किया?

  6. यीशु ने और किन लोगों को ज़िंदा किया? इससे क्या पता चलता है?

कुछ और सवाल:

  1. लूका 8:40-56 पढ़िए।

    यीशु ने उस स्त्री पर दया और कोमलता कैसे दिखायी, जिसे लहू बहने की बीमारी थी? इस घटना से आज मसीही प्राचीन क्या सीखते हैं? (लूका 8:43, 44, 47, 48; लैव्य. 15:25-27; मत्ती 9:12, 13; कुलु. 3:12-14)

  2. लूका 7:11-17 पढ़िए।

    यीशु ने नाईन शहर की विधवा से जो कहा, उससे वे लोग कैसे तसल्ली पा सकते हैं जिन्होंने अपने अज़ीज़ों को मौत में खोया है? (लूका 7:13; 2 कुरि. 1:3, 4; इब्रा. 4:15)

  3. यूहन्‍ना 11:17-44 पढ़िए।

    यीशु ने कैसे दिखाया कि अपने किसी अज़ीज़ की मौत पर शोक मनाना गलत नहीं है? (यूह. 11:33-36, 38; 2 शमू. 18:33; 19:1-4)

कहानी 93

यीशु ने हज़ारों को भरपेट खिलाया

  1. यूहन्‍ना बपतिस्मा देनेवाले के साथ क्या हुआ और इससे यीशु को कैसा लगा?

  2. यीशु ने अपने पीछे आयी भीड़ को कैसे खाना खिलाया? आखिर में कितना खाना बच गया?

  3. रात में चेले डर क्यों गए और पतरस के साथ क्या हुआ?

  4. यीशु ने कैसे दूसरी बार हज़ारों लोगों को खाना खिलाया?

  5. जब यीशु, राजा के तौर पर पूरी धरती पर राज करेगा, तब हालात क्यों अच्छे होंगे?

कुछ और सवाल:

  1. मत्ती 14:1-32 पढ़िए।

    1. (क) मत्ती 14:23-32 में दी घटना से हमें पतरस के स्वभाव के बारे में क्या पता चलता है?

    2. (ख) बाइबल से कैसे पता चलता है कि पतरस आगे चलकर एक प्रौढ़ इंसान बना और पहले जैसा उतावलापन छोड़ दिया? (मत्ती 14:27-30; यूह. 18:10; 21:7; प्रेरि. 2:14, 37-40; 1 पत. 5:6, 10)

  2. मत्ती 15:29-38 पढ़िए।

    यीशु ने अपने पिता से मिले भोजन के लिए कैसे कदर दिखायी? (मत्ती 15:37; यूह. 6:12; कुलु. 3:15)

  3. यूहन्‍ना 6:1-21 पढ़िए।

    मसीही, सरकार की तरफ यीशु के जैसा रवैया कैसे दिखा सकते हैं? (यूह. 6:15; मत्ती 22:21; रोमि. 12:2; 13:1-4)

कहानी 94

छोटे बच्चों के लिए यीशु का प्यार

  1. एक लंबे सफर से लौटते वक्‍त रास्ते में प्रेरित किस बात को लेकर आपस में झगड़ने लगे?

  2. यीशु ने एक छोटे लड़के को बुलाकर प्रेरितों के सामने क्यों खड़ा किया?

  3. यीशु ने प्रेरितों को छोटे बच्चों की तरह बनने के लिए कहा। इसका मतलब क्या था?

  4. दूसरे मौकों पर भी यीशु ने कैसे दिखाया कि वह बच्चों से बहुत प्यार करता है?

कुछ और सवाल:

  1. मत्ती 18:1-4 पढ़िए।

    यीशु सिखाते वक्‍त दृष्टांतों का इस्तेमाल क्यों करता था? (मत्ती 13:34, 36; मर. 4:33, 34)

  2. मत्ती 19:13-15 पढ़िए।

    राज्य की आशीषें पाने के लिए हमें छोटे बच्चों के जैसे कौन-से गुण पैदा करने चाहिए? (भज. 25:9; 138:6; 1 कुरि. 14:20)

  3. मरकुस 9:33-37 पढ़िए।

    ऊँचा पद हासिल करने या बड़ा बनने के जुनून से दूर रहने के बारे में यीशु ने अपने चेलों को क्या सिखाया? (मर. 9:35; मत्ती 20:25, 26; गल. 6:3; फिलि. 2:5-8)

  4. मरकुस 10:13-16 पढ़िए।

    क्या यीशु के पास कोई भी इंसान बेझिझक जा सकता था? यीशु की मिसाल से मसीही प्राचीन क्या सीखते हैं? (मर. 6:30-34; फिलि. 2:1-4; 1 तीमु. 4:12)

कहानी 95

यीशु के सिखाने का तरीका

  1. एक आदमी ने यीशु से क्या पूछा और क्यों?

  2. कभी-कभी यीशु लोगों को कैसे सिखाता था? यहूदियों और सामरियों के बारे में हम क्या जानते हैं?

  3. यीशु ने जो कहानी सुनायी, उसमें यरीहो जानेवाले रास्ते पर एक यहूदी के साथ क्या हुआ?

  4. जब उस रास्ते से एक यहूदी याजक और लेवी गुज़रे, तो उन्होंने क्या किया?

  5. तसवीर में कौन घायल यहूदी की मदद कर रहा है?

  6. कहानी खत्म करने के बाद यीशु ने क्या सवाल किया? उस आदमी ने यीशु को क्या जवाब दिया?

कुछ और सवाल:

  1. लूका 10:25-37 पढ़िए।

    1. (क) व्यवस्था का अच्छा ज्ञान रखनेवाले आदमी के सवाल का सीधे-सीधे जवाब देने के बजाय यीशु ने कैसे उसके साथ तर्क किया? (लूका 10:26; मत्ती 16:13-16)

    2. (ख) दृष्टांतों की मदद से यीशु ने कैसे अपने सुननेवालों के दिल से दूसरों के लिए गलतफहमी और नफरत दूर की? (लूका 10:36, 37; 18:9-14; तीतु. 1:9)

कहानी 96

यीशु ने बीमार लोगों को ठीक किया

  1. यीशु देश में जहाँ भी जाता था, क्या करता था?

  2. अपने बपतिस्मे के कुछ तीन साल बाद यीशु ने अपने प्रेरितों को क्या बताया?

  3. तसवीर में दिखाए लोग कौन हैं और यीशु ने उस औरत के लिए क्या किया?

  4. धर्म-गुरुओं ने जब लोगों को टोका, तो यीशु ने क्या कहा, जिससे धर्म-गुरुओं के सिर शर्म से झुक गए?

  5. यीशु और उसके प्रेरित जब यरीहो शहर के करीब पहुँचे, तो यीशु ने दो अंधे भिखारियों के लिए क्या किया?

  6. यीशु ने चमत्कार क्यों किए?

कुछ और सवाल:

  1. मत्ती 15:30, 31 पढ़िए।

    यीशु ने यहोवा की ताकत का कैसे लाजवाब सबूत दिया? इससे हमें यहोवा के उन वादों के बारे में क्या भरोसा मिलता है, जिन्हें वह नयी दुनिया में पूरा करेगा? (भज. 37:29; यशा. 33:24)

  2. लूका 13:10-17 पढ़िए।

    यीशु ने कुछ बड़े-बड़े चमत्कार सब्त के दिन किए। इसी बात को ध्यान में रखते हुए बताइए कि वह अपनी हज़ार साल की हुकूमत के दौरान सभी इंसानों को कैसी राहत पहुँचाएगा? (लूका 13:10-13; भज. 46:9; मत्ती 12:8; कुलु. 2:16, 17; प्रका. 21:1-4)

  3. मत्ती 20:29-34 पढ़िए।

    यह घटना कैसे दिखाती है कि यीशु, लोगों की मदद करने के लिए हमेशा वक्‍त निकालता था? इससे हम क्या सीख सकते हैं? (व्यव. 15:7; याकू. 2:15, 16; 1 यूह. 3:17)

कहानी 97

यीशु एक राजा के तौर पर आया

  1. यरूशलेम के पास एक छोटे-से गाँव में आने पर यीशु ने अपने चेलों से क्या करने के लिए कहा?

  2. जैसे तसवीर में दिखाया गया है, जब यीशु यरूशलेम के पास पहुँचा तो क्या हुआ?

  3. यीशु को अंधों और लूले-लँगड़ों को ठीक करते देख छोटे बच्चे क्या करने लगे?

  4. यीशु ने उन याजकों से क्या कहा जो गुस्से में थे?

  5. हम उन बच्चों की तरह कैसे बन सकते हैं जिन्होंने यीशु की जयजयकार की?

  6. यीशु के चेले क्या जानना चाहते थे?

कुछ और सवाल:

  1. मत्ती 21:1-17 पढ़िए।

    1. (क) यीशु राजा की हैसियत से यरूशलेम में जिस तरह दाखिल हुआ और रोमी सेनापति जीत पाने के बाद जिस तरह अपने नगर लौटते थे, उसमें क्या फर्क है? (मत्ती 21:4, 5; जक. 9:9; फिलि. 2:5-8; कुलु. 2:15)

    2. (ख) जब यीशु मंदिर में दाखिल हुआ, तो इस्राएली बच्चों ने भजन 118 के शब्द दोहराए। इससे आज के बच्चे क्या सीख सकते हैं? (मत्ती 21:9, 15; भज. 118:25, 26; 2 तीमु. 3:15; 2 पत. 3:18)

  2. यूहन्‍ना 12:12-16 पढ़िए।

    लोगों ने यीशु का स्वागत करने के लिए खजूर की डालियों का इस्तेमाल किया, यह किस बात की निशानी है? (यूह. 12:13; फिलि. 2:10; प्रका. 7:9, 10)

कहानी 98

जैतून पहाड़ पर

  1. तसवीर में कौन यीशु है और उसके साथ बाकी लोग कौन हैं?

  2. मंदिर में याजकों ने यीशु के साथ क्या करने की कोशिश की? यीशु ने उनसे क्या कहा?

  3. प्रेरितों ने यीशु से क्या पूछा?

  4. यीशु ने अपने प्रेरितों को धरती पर होनेवाली वे बातें क्यों बतायीं, जो तब होतीं जब वह स्वर्ग में राज करता?

  5. यीशु के मुताबिक सारी बुराइयों के मिटने से पहले धरती पर क्या-क्या होगा?

कुछ और सवाल:

  1. मत्ती 23:1-39 पढ़िए।

    1. (क) बाइबल के मुताबिक सरकारी उपाधियों का इस्तेमाल करना गलत नहीं। मगर क्या मत्ती 23:8-11 के मुताबिक मसीही कलीसिया में किसी की खुशामद करने के लिए उपाधियों का इस्तेमाल करना सही है? (प्रेरि. 26:25; रोमि. 13:7; 1 पत. 2:13, 14)

    2. (ख) फरीसियों ने लोगों को मसीही बनने से रोकने के लिए क्या किया? आज के धर्म-गुरु किस तरह वैसे ही हथकंडे अपनाते हैं? (मत्ती 23:13; लूका 11:52; यूह. 9:22; 12:42; 1 थिस्स. 2:16)

  2. मत्ती 24:1-14 पढ़िए।

    1. (क) मत्ती 24:13 में धीरज को कितना ज़रूरी गुण बताया गया है?

    2. (ख) मत्ती 24:13 में बताए गए “अन्त” का क्या मतलब है? (मत्ती 16:27; रोमि. 14:10-12; 2 कुरि. 5:10)

  3. मरकुस 13:3-10 पढ़िए।

    मरकुस 13:10 के कौन-से शब्द दिखाते हैं कि खुशखबरी का प्रचार करना बेहद ज़रूरी है? यीशु के शब्दों का हम पर कैसा असर होना चाहिए? (रोमि. 13:11, 12; 1 कुरि. 7:29-31; 2 तीमु. 4:2)

कहानी 99

एक नया समारोह

  1. जैसे तसवीर में दिखाया गया है, यीशु और उसके 12 प्रेरित ऊपरवाले कमरे में क्यों आए?

  2. जो आदमी दरवाज़े से बाहर जा रहा है, वह कौन है और वह क्या करने जा रहा है?

  3. फसह का त्योहार मनाने के बाद, यीशु ने किस समारोह की शुरूआत की?

  4. इस्राएली फसह का त्योहार क्यों मनाते थे? यीशु ने जिस समारोह की शुरूआत की, वह उसके चेलों को किस बात की याद दिलाता?

  5. ‘प्रभु का संध्या भोज’ खत्म होने के बाद यीशु ने अपने चेलों से क्या कहा? फिर सब ने क्या किया?

कुछ और सवाल:

  1. मत्ती 26:14-30 पढ़िए।

    1. (क) मत्ती 26:15 कैसे दिखाता है कि यहूदा ने जानबूझकर यीशु के साथ गद्दारी की?

    2. (ख) यीशु के बहाए गए लहू से कौन-से दो मकसद पूरे हुए? (मत्ती 26:27, 28; यिर्म. 31:31-33; इफि. 1:7; इब्रा. 9:19, 20)

  2. लूका 22:1-39 पढ़िए।

    किस मायने में शैतान, यहूदा में समा गया? (लूका 22:3; यूह. 13:2; प्रेरि. 1:24, 25)

  3. यूहन्‍ना 13:1-20 पढ़िए।

    1. (क) यूहन्‍ना 13:2 में लिखी बात को ध्यान में रखते हुए, क्या यहूदा को उसकी करतूत के लिए ज़िम्मेदार ठहराया जा सकता है? इससे परमेश्‍वर के सेवक क्या सबक सीखते हैं? (उत्प. 4:7; 2 कुरि. 2:11; गल. 6:1; याकू. 1:13, 14)

    2. (ख) यीशु ने किस तरह अपने चेलों को एक ज़बरदस्त सीख दी? (यूह. 13:15; मत्ती 23:11; 1 पत. 2:21)

  4. यूहन्‍ना 17:1-26 पढ़िए।

    यीशु ने जब प्रार्थना की कि उसके चेले “एक हों,” तो उसका क्या मतलब था? (यूह. 17:11, 21-23; रोमि. 13:8; 14:19; कुलु. 3:14)

कहानी 100

यीशु की गिरफ्तारी

  1. ऊपरवाले कमरे से निकलकर यीशु अपने प्रेरितों के साथ कहाँ गया और उसने उन्हें क्या करने के लिए कहा?

  2. यीशु जब अपने प्रेरितों के पास वापस आया, तो उसने क्या देखा और ऐसा कितनी बार हुआ?

  3. बाग में कौन लोग आए? जैसे तसवीर में दिखाया गया है, यहूदा इस्करियोती ने क्या किया?

  4. यहूदा ने यीशु को क्यों चूमा? इसके बाद पतरस ने क्या किया?

  5. यीशु ने पतरस से क्या कहा? यीशु ने परमेश्‍वर से स्वर्गदूतों को भेजने के लिए क्यों नहीं कहा?

कुछ और सवाल:

  1. मत्ती 26:36-56 पढ़िए।

    1. (क) यीशु ने अपने चेलों को जिस तरह सलाह दी, उससे आज के मसीही प्राचीन क्या सीख सकते हैं? (मत्ती 20:25-28; 26:40, 41; गल. 5:17; इफि. 4:29, 31, 32)

    2. (ख) दूसरों के खिलाफ हथियार उठाने के बारे में यीशु का क्या नज़रिया है? (मत्ती 26:52; लूका 6:27, 28; यूह. 18:36)

  2. लूका 22:39-53 पढ़िए।

    गतसमनी बाग में एक स्वर्गदूत ने आकर यीशु को हौसला दिया। क्या इसका मतलब, यीशु का विश्‍वास कमज़ोर हो गया था? समझाइए। (लूका 22:41-43; यशा. 49:8; मत्ती 4:10, 11; इब्रा. 5:7)

  3. यूहन्‍ना 18:1-12 पढ़िए।

    यीशु ने कैसे अपने चेलों को दुश्‍मनों से बचाया और उसकी मिसाल से हम क्या सीखते हैं? (यूह. 10:11, 12; 18:1, 6-9; इब्रा. 13:6; याकू. 2:25)

कहानी 101

यीशु को मार डाला गया

  1. यीशु से नफरत करनेवालों और उसे मार डालनेवालों में से एक कौन था?

  2. जब धर्म-गुरु यीशु को पकड़कर ले गए, तो प्रेरितों ने क्या किया?

  3. महायाजक कैफा के घर में क्या हुआ?

  4. पतरस आँगन से बाहर जाकर क्यों रोने लगा?

  5. जब यीशु को वापस पीलातुस के पास भेजा गया, तो प्रधान याजक क्या कहकर चिल्लाने लगे?

  6. शुक्रवार की दोपहर को यीशु के साथ क्या किया गया? यीशु ने अपने बगल में सूली पर लटके एक मुजरिम से क्या वादा किया?

  7. यीशु किस फिरदौस की बात कर रहा था?

कुछ और सवाल:

  1. मत्ती 26:57-75 पढ़िए।

    यहूदियों की बड़ी अदालत के सदस्यों ने कैसे दिखाया कि वे दिल के खोटे हैं? (मत्ती 26:59, 67, 68)

  2. मत्ती 27:1-50 पढ़िए।

    हम यह कैसे कह सकते हैं कि यहूदा पछताया तो सही, मगर सच्चे दिल से नहीं? (मत्ती 27:3, 4; मर. 3:29; 14:21; 2 कुरि. 7:10, 11)

  3. लूका 22:54-71 पढ़िए।

    जिस रात यीशु के साथ विश्‍वासघात हुआ और उसे गिरफ्तार किया गया, उसी रात पतरस ने यीशु को पहचानने से इनकार किया। इससे हम क्या सीखते हैं? (लूका 22:60-62; मत्ती 26:31-35; 1 कुरि. 10:12)

  4. लूका 23:1-49 पढ़िए।

    यीशु के साथ नाइंसाफी हुई, फिर भी उसने क्या नहीं किया? इससे हम क्या सीख सकते हैं? (लूका 23:33, 34; रोमि. 12:17-19; 1 पत. 2:23)

  5. यूहन्‍ना 18:12-40 पढ़िए।

    हालाँकि कुछ पल के लिए पतरस के दिल में इंसान का डर समा गया था, मगर उसने इस डर पर काबू पाया और एक बढ़िया प्रेरित बना। इससे क्या बात पता चलती है? (यूह. 18:25-27; 1 कुरि. 4:2; 1 पत. 3:14, 15; 5:8, 9)

  6. यूहन्‍ना 19:1-30 पढ़िए।

    1. (क) खाने, पहनने और रहने की ज़रूरतों के बारे मे यीशु ने कैसे सही नज़रिया बनाए रखा? (यूह. 2:1, 2, 9, 10; 19:23, 24; मत्ती 6:31, 32; 8:20)

    2. (ख) यीशु ने मरते वक्‍त जो कहा, उसे इस जीत का ऐलान क्यों कहा जा सकता है कि उसने यहोवा की हुकूमत बुलंद की है? (यूह. 16:33; 19:30; 2 पत. 3:14; 1 यूह. 5:4)

कहानी 102

यीशु ज़िंदा हो गया!

  1. तसवीर में वह स्त्री और दो आदमी कौन हैं और वे कहाँ हैं?

  2. पिलातुस ने याजकों को कब्र पर कुछ सैनिक भेजने के लिए क्यों कहा?

  3. यीशु की मौत के तीसरे दिन, सुबह तड़के एक स्वर्गदूत ने क्या किया? याजकों ने सैनिकों को क्या झूठ बोलने के लिए कहा?

  4. यीशु की कब्र पर आयी कुछ स्त्रियाँ क्यों हैरान रह गयीं?

  5. पतरस और यूहन्‍ना दौड़कर यीशु की कब्र पर क्यों गए और वहाँ उन्होंने क्या देखा?

  6. यीशु की लाश का क्या हुआ? यीशु ने ऐसा क्या किया, ताकि वह अपने चेलों को यकीन दिला सके कि वह ज़िंदा है?

कुछ और सवाल:

  1. मत्ती 27:62-66 और 28:1-15 पढ़िए।

    यीशु के ज़िंदा किए जाने पर प्रधान याजकों, फरीसियों और पुरनियों ने कैसे पवित्र शक्‍ति के खिलाफ पाप किया? (मत्ती 12:24, 31, 32; 28:11-15)

  2. लूका 24:1-12 पढ़िए।

    यीशु के जी उठने की घटना कैसे दिखाती है कि यहोवा स्त्रियों को भरोसेमंद गवाह मानता है? (लूका 24:4, 9, 10; मत्ती 28:1-7)

  3. यूहन्‍ना 20:1-12 पढ़िए।

    अगर हम बाइबल की किसी भविष्यवाणी को पूरी तरह नहीं समझ पाते, तो यूहन्‍ना 20:8, 9 कैसे हमें सब्र रखने के लिए उकसाता है? (नीति. 4:18; मत्ती 17:22, 23; लूका 24:5-8; यूह. 16:12)

कहानी 103

बंद कमरे में

  1. मरियम ने एक आदमी को माली समझकर उससे क्या कहा? मगर फिर उसने कैसे पहचाना कि वह आदमी यीशु है?

  2. इम्माऊस गाँव को जा रहे दो चेलों के साथ क्या हुआ?

  3. जब दो चेले, प्रेरितों को बता ही रहे थे कि उन्होंने यीशु को देखा है, उसी वक्‍त क्या हुआ?

  4. यीशु कितनी बार अपने चेलों को दिखायी दिया?

  5. जब थोमा को चेलों ने बताया कि उन्होंने प्रभु को देखा है, तो उसने क्या कहा? इसके आठ दिन बाद क्या हुआ?

कुछ और सवाल:

  1. यूहन्‍ना 20:11-29 पढ़िए।

    यूहन्‍ना 20:23 में क्या यीशु यह कह रहा था कि इंसानों के पास दूसरों के पाप माफ करने का अधिकार है? समझाइए। (भज. 49:2, 7; यशा. 55:7; 1 तीमु. 2:5, 6; 1 यूह. 2:1, 2)

  2. लूका 24:13-43 पढ़िए।

    बाइबल की सच्चाइयों को कबूल करने के लिए हम अपने दिल को कैसे तैयार कर सकते हैं? (लूका 24:32, 33; एज्रा 7:10; मत्ती 5:3; प्रेरि. 16:14; इब्रा. 5:11-14)

कहानी 104

यीशु वापस स्वर्ग चला गया

  1. एक बार कितने चेलों ने यीशु को देखा और उसने चेलों से किस बारे में बात की?

  2. परमेश्‍वर का राज्य क्या है? जब यीशु हज़ार साल के लिए राज करेगा, तो धरती पर क्या-क्या होगा?

  3. यीशु कितने दिनों तक अपने चेलों को दिखायी देता रहा? मगर अब कहाँ जाने का समय आ गया था?

  4. स्वर्ग जाने से पहले यीशु ने अपने चेलों से क्या कहा?

  5. तसवीर में देखकर बताइए कि क्या हो रहा है। थोड़ी देर बाद चेले यीशु को क्यों नहीं देख पाए?

कुछ और सवाल:

  1. पहला कुरिन्थियों 15:3-8 पढ़िए।

    प्रेरित पौलुस पूरे यकीन के साथ क्यों कह सका कि यीशु मरे हुओं में से जी उठा है? आज मसीही उसी यकीन के साथ किन बातों के बारे में दूसरों को बता सकते हैं? (1 कुरि. 15:4, 7, 8; यशा. 2:2, 3; मत्ती 24:14; 2 तीमु. 3:1-5)

  2. प्रेरितों 1:1-11 पढ़िए।

    प्रेरितों 1:8 की भविष्यवाणी के मुताबिक आज प्रचार काम कितनी दूर-दूर तक किया जा रहा है? (प्रेरि. 6:7; 9:31; 11:19-21; कुलु. 1:23)

कहानी 105

यीशु के चेलों पर पवित्र शक्‍ति उँडेली गयी

  1. जैसे तसवीर में दिखाया गया है, यीशु के उन चेलों के साथ क्या हुआ जो यरूशलेम में एक-साथ इकट्ठा थे?

  2. दूसरे देशों से आए लोगों को क्या देखकर यकीन नहीं हुआ?

  3. पतरस ने लोगों को क्या समझाया?

  4. पतरस की बातों का लोगों पर क्या असर हुआ? इसके बाद, पतरस ने उन्हें क्या करने के लिए कहा?

  5. सामान्य युग 33 के पिन्तेकुस्त के दिन कितने लोगों ने बपतिस्मा लिया?

कुछ और सवाल:

  1. प्रेरितों 2:1-47 पढ़िए।

    1. (क) प्रेरितों 2:23, 36 में पतरस के शब्दों से कैसे पता चलता है कि यीशु की मौत के लिए पूरी यहूदी जाति ज़िम्मेदार थी? (1 थिस्स. 2:14, 15)

    2. (ख) बाइबल से दलीलें देकर समझाने में पतरस ने कैसे एक अच्छी मिसाल रखी? (प्रेरि. 2:16, 17, 29, 31, 36, 39; कुलु. 4:6)

    3. (ग) यीशु ने पतरस को “स्वर्ग के राज्य की कुंजियां” देने का वादा किया था। पतरस ने पहली कुंजी का कैसे इस्तेमाल किया? (प्रेरि. 2:14, 22-24, 37, 38; मत्ती 16:19)

कहानी 106

जेल से रिहाई

  1. एक दिन जब दोपहर को पतरस और यूहन्‍ना मंदिर गए, तब क्या हुआ?

  2. पतरस ने अपाहिज आदमी से क्या कहा? पतरस ने उस आदमी को ऐसा क्या दिया जो पैसे से कहीं बढ़कर था?

  3. धर्म-गुरु पतरस और यूहन्‍ना पर क्यों गुस्सा हुए और उन्होंने उन दोनों के साथ क्या किया?

  4. पतरस ने धर्म-गुरुओं से क्या कहा? धर्म-गुरुओं ने प्रेरितों को किस बात के लिए खबरदार किया?

  5. धर्म-गुरु क्यों जलने लगे? जब प्रेरितों को दूसरी बार जेल में डाला गया तब क्या हुआ?

  6. जब प्रेरितों को हॉल में लाकर उनसे पूछताछ की गयी, तो उन्होंने क्या जवाब दिया?

कुछ और सवाल:

  1. प्रेरितों 3:1-10 पढ़िए।

    भले ही हमें चमत्कार करने की शक्‍ति नहीं मिली है, मगर प्रेरितों 3:6 में दर्ज़ पतरस के शब्द कैसे हमें यह समझने में मदद देते हैं कि हम जो राज्य का संदेश सुनाते हैं, वह भी अनमोल है? (यूह. 17:3; 2 कुरि. 5:18-20; फिलि. 3:8)

  2. प्रेरितों 4:1-31 पढ़िए।

    प्रचार में जब हम विरोध का सामना करते हैं, तब हमें पहली सदी के मसीहियों की तरह क्या करना चाहिए? (प्रेरि. 4:29, 31; इफि. 6:18-20; 1 थिस्स. 2:2)

  3. प्रेरितों 5:17-42 पढ़िए।

    बीते समय में और आज भी, कुछ गैर-साक्षियों ने कैसे हमारे प्रचार काम के पक्ष में बात करके समझदारी दिखायी है? (प्रेरि. 5:34-39)

कहानी 107

स्तिफनुस मार डाला गया

  1. स्तिफनुस कौन था और परमेश्‍वर की मदद से उसने क्या किया?

  2. स्तिफनुस ने ऐसा क्या कहा जिससे धर्म-गुरुओं का गुस्सा भड़क उठा?

  3. स्तिफनुस को घसीटकर शहर के बाहर ले जाने के बाद, उसके साथ क्या किया गया?

  4. तसवीर में वह जवान आदमी कौन है, जिसके पैरों के पास कपड़े रखे हैं?

  5. मरने से पहले स्तिफनुस ने यहोवा से क्या प्रार्थना की?

  6. जब कोई हमारे साथ कुछ बुरा करता है, तो स्तिफनुस की तरह हमें क्या करना चाहिए?

कुछ और सवाल:

  1. प्रेरितों 6:8-15 पढ़िए।

    यहोवा के साक्षियों के प्रचार काम को रोकने के लिए धर्म-गुरुओं ने कैसी धूर्त चालें चली हैं? (प्रेरि. 6:9, 11, 13)

  2. प्रेरितों 7:1-60 पढ़िए।

    1. (क) स्तिफनुस किस वजह से महासभा के सामने सुसमाचार की अच्छी पैरवी कर सका और उसकी मिसाल से हम क्या सीखते हैं? (प्रेरि. 7:51-53; रोमि. 15:4; 2 तीमु. 3:14-17; 1 पत. 3:15)

    2. (ख) हमारे काम का विरोध करनेवालों के बारे में हमें कैसा नज़रिया रखना चाहिए? (प्रेरि. 7:58-60; मत्ती 5:44; लूका 23:33, 34)

कहानी 108

दमिश्‍क जानेवाली सड़क पर

  1. स्तिफनुस के मारे जाने के बाद, शाऊल ने क्या किया?

  2. जब शाऊल दमिश्‍क जा रहा था, तो उसके साथ क्या अजीब घटना घटी?

  3. यीशु ने शाऊल से क्या करने के लिए कहा?

  4. यीशु ने हनन्याह को क्या करने के लिए कहा? शाऊल कैसे फिर से देखने लगा?

  5. आगे चलकर शाऊल किस नाम से जाना गया और उसे कैसे इस्तेमाल किया गया?

कुछ और सवाल:

  1. प्रेरितों 8:1-4 पढ़िए।

    नयी मसीही कलीसिया पर एक-के-बाद-एक जो ज़ुल्म ढाए गए, उसकी वजह से कैसे मसीही धर्म दूर-दूर तक फैल गया? हमारे ज़माने में भी यह बात कैसे सच साबित हुई है? (प्रेरि. 8:4; यशा. 54:17)

  2. प्रेरितों 9:1-20 पढ़िए।

    जैसा कि यीशु ने बताया, शाऊल को कौन-से तीन काम करने थे? (प्रेरि. 9:15; 13:5; 26:1; 27:24; रोमि. 11:13)

  3. प्रेरितों 22:6-16 पढ़िए।

    हम हनन्याह की तरह कैसे बन सकते हैं और ऐसा क्यों ज़रूरी है? (प्रेरि. 22:12; 1 तीमु. 3:7; 1 पत. 1:14-16; 2:12)

  4. प्रेरितों 26:8-20 पढ़िए।

    शाऊल का मसीही बनना कैसे आज उन भाई-बहनों को हौसला देता है, जिनके जीवन-साथी सच्चाई में नहीं हैं? (प्रेरि. 26:11; 1 तीमु. 1:14-16; 2 तीमु. 4:2; 1 पत. 3:1-3)

कहानी 109

पतरस की कुरनेलियुस से मुलाकात

  1. तसवीर में यह आदमी कौन है जो पतरस के आगे घुटनों के बल झुका है?

  2. स्वर्गदूत ने कुरनेलियुस से क्या कहा?

  3. जब पतरस याफा में शमौन के घर की छत पर था, तब परमेश्‍वर ने उसे क्या दिखाया?

  4. पतरस ने कुरनेलियुस से क्यों कहा कि वह झुककर उसकी उपासना न करे?

  5. पतरस के साथ आए यहूदी चेलों को क्यों बड़ा ताज्जुब हुआ?

  6. इस कहानी से हमें क्या सीख मिलती है?

कुछ और सवाल:

  1. प्रेरितों 10:1-48 पढ़िए।

    प्रेरितों 10:42 में पतरस के शब्दों से हमें राज्य की खुशखबरी सुनाने के बारे में क्या पता चलता है? (मत्ती 28:19; मर. 13:10; प्रेरि. 1:8)

  2. प्रेरितों 11:1-18 पढ़िए।

    जब अन्यजातियों के मामले में यहोवा की मरज़ी ज़ाहिर हुई, तो पतरस ने कैसा रवैया दिखाया? हम उसकी मिसाल पर कैसे चल सकते हैं? (प्रेरि. 11:17, 18; 2 कुरि. 10:5; इफि. 5:17)

कहानी 110

तीमुथियुस—पौलुस का नया साथी

  1. इस तसवीर में यह जवान लड़का कौन है? वह कहाँ का रहनेवाला था और उसकी माँ और नानी के क्या नाम थे?

  2. जब पौलुस ने तीमुथियुस से पूछा कि क्या वह उसके और सीलास के साथ चलना चाहेगा, तो तीमुथियुस ने क्या जवाब दिया?

  3. किस जगह पर यीशु के चेलों को पहली बार ‘मसीही’ कहकर बुलाया गया?

  4. लुस्त्रा से निकलने के बाद पौलुस, सीलास और तीमुथियुस कहाँ-कहाँ गए?

  5. तीमुथियुस ने पौलुस की कैसे मदद की? आज बच्चों को खुद से क्या सवाल पूछना चाहिए?

कुछ और सवाल:

  1. प्रेरितों 9:19-30 पढ़िए।

    सुसमाचार सुनाते वक्‍त जब प्रेरित पौलुस का विरोध किया गया, तो उसने कैसे सूझ-बूझ से काम लिया? (प्रेरि. 9:22-25, 29, 30; मत्ती 10:16)

  2. प्रेरितों 11:19-26 पढ़िए।

    प्रेरितों 11:19-21, 26 में दर्ज़ घटना कैसे दिखाती है कि यहोवा की पवित्र शक्‍ति प्रचार काम में हमारा मार्गदर्शन करती है?

  3. प्रेरितों 13:13-16, 42-52 पढ़िए।

    प्रेरितों 13:51, 52 से कैसे पता चलता है कि विरोध के बावजूद चेलों ने हिम्मत नहीं हारी? (मत्ती 10:14; प्रेरि. 18:6; 1 पत. 4:14)

  4. प्रेरितों 14:1-6, 19-28 पढ़िए।

    “उन्हें प्रभु [यहोवा] के हाथ सौंपा,” इन शब्दों को याद रखने से हम दिलचस्पी दिखानेवालों और कलीसिया के नए लोगों के बारे में हद-से-ज़्यादा चिंता क्यों नहीं करेंगे? (प्रेरि. 14:21-23; 20:32; यूह. 6:44)

  5. प्रेरितों 16:1-5 पढ़िए।

    तीमुथियुस का खतना करवाने के लिए राज़ी होना, कैसे इस बात पर ज़ोर देता है कि हमें ‘सुसमाचार के लिए सबकुछ’ करने को तैयार होना चाहिए? (प्रेरि. 16:3; 1 कुरि. 9:23; 1 थिस्स. 2:8)

  6. प्रेरितों 18:1-11, 18-22 पढ़िए।

    प्रेरितों 18:9, 10 के मुताबिक यीशु कैसे प्रचार काम में निर्देशन दे रहा है? इससे हमें क्या भरोसा मिलता है? (मत्ती 28:20)

कहानी 111

एक लड़का जो सो गया

  1. तसवीर में दिखाया बेहोश लड़का कौन है और उसे क्या हो गया है?

  2. जब पौलुस ने देखा कि लड़का मर गया है, तब उसने क्या किया?

  3. पौलुस, तीमुथियुस और उनके साथी जहाज़ पर सवार होकर कहाँ जा रहे थे? जब जहाज़ कुछ समय के लिए मीलेतुस में रुका, तो वहाँ क्या हुआ?

  4. अगबुस नबी ने पौलुस को क्या बताया और उसकी बात कैसे सच निकली?

कुछ और सवाल:

  1. प्रेरितों 20:7-38 पढ़िए।

    1. (क) प्रेरितों 20:26, 27 में दर्ज़ पौलुस के शब्दों के मुताबिक हम “सब के लोहू से निर्दोष” कैसे रह सकते हैं? (यहे. 33:8; प्रेरि. 18:6, 7)

    2. (ख) कलीसिया में सिखाते वक्‍त प्राचीनों को ‘विश्‍वासयोग्य वचन पर स्थिर’ क्यों रहना चाहिए? (प्रेरि. 20:17, 29, 30; तीतु. 1:7-9; 2 तीमु. 1:13)

  2. प्रेरितों 26:24-32 पढ़िए।

    यीशु से मिले प्रचार काम को पूरा करने में, पौलुस ने रोमी नागरिक होने के अधिकार का कैसे इस्तेमाल किया? (प्रेरि. 9:15; 16:37, 38; 25:11, 12; 26:32; लूका 21:12, 13)

कहानी 112

जहाज़ डूब गया

  1. पौलुस जिस जहाज़ पर था, वह जब क्रेते टापू के पास पहुँचा तो क्या हुआ?

  2. पौलुस ने जहाज़ पर सवार लोगों से क्या कहा?

  3. जहाज़ क्यों टूटने लगा?

  4. सैनिकों के अधिकारी ने क्या कहा और कितने लोग सही-सलामत किनारे पर पहुँच गए?

  5. वे जिस टापू पर पहुँचे, उसका क्या नाम था? जब तूफान थम गया, तब क्या हुआ?

कुछ और सवाल:

  1. प्रेरितों 27:1-44 पढ़िए।

    जब हम पौलुस के रोम तक के सफर की कहानी पढ़ते हैं, तो बाइबल में लिखी बातों की सच्चाई पर हमारा विश्‍वास कैसे मज़बूत होता है? (प्रेरि. 27:16-19, 27-32; लूका 1:3; 2 तीमु. 3:16, 17)

  2. प्रेरितों 28:1-14 पढ़िए।

    जब मिलिते के लोगों ने, सच्चे परमेश्‍वर के उपासक न होने के बावजूद प्रेरित पौलुस और दूसरे मुसाफिरों पर “अनोखी कृपा” दिखायी, तो फिर मसीही होने के नाते हमें क्या करना चाहिए और खासकर किस तरीके से? (प्रेरि. 28:1, 2; इब्रा. 13:1, 2; 1 पत. 4:9)

कहानी 113

रोम में कैद पौलुस

  1. जब पौलुस रोम में कैद था, तब उसने किन-किन लोगों को प्रचार किया?

  2. इस तसवीर में जो आदमी पौलुस के सामने बैठा है, वह कौन है और उसने कैसे पौलुस की मदद की?

  3. इपफ्रुदीतुस कौन था और फिलिप्पी लौटते वक्‍त वह अपने साथ क्या ले जाता?

  4. पौलुस ने अपने जिगरी दोस्त फिलेमोन को चिट्ठी क्यों लिखी?

  5. जेल से रिहा होने के बाद पौलुस ने क्या किया और कुछ समय बाद, उसके साथ क्या हुआ?

  6. यहोवा ने बाइबल की आखिरी कुछ किताबें किससे लिखवायीं और प्रकाशितवाक्य की किताब क्या बताती है?

कुछ और सवाल:

  1. प्रेरितों 28:16-31 और फिलिप्पियों 1:13 पढ़िए।

    रोम में कैद रहते वक्‍त पौलुस ने अपने समय का कैसे इस्तेमाल किया और उसके मज़बूत विश्‍वास का मसीही कलीसिया पर क्या असर हुआ? (प्रेरि. 28:23, 30; फिलि. 1:14)

  2. फिलिप्पियों 2:19-30 पढ़िए।

    पौलुस ने तीमुथियुस और इपफ्रुदीतुस की तारीफ में क्या कहा और हम पौलुस की मिसाल पर कैसे चल सकते हैं? (फिलि. 2:20, 22, 25, 29, 30; 1 कुरि. 16:18; 1 थिस्स. 5:12, 13)

  3. फिलेमोन 1-25 पढ़िए।

    1. (क) पौलुस ने किस बिनाह पर फिलेमोन से सही काम करने की गुज़ारिश की और आज प्राचीन इससे क्या सीख सकते हैं? (फिले. 9; 2 कुरि. 8:8; गल. 5:13)

    2. (ख) फिलेमोन 13, 14 में पौलुस की बातों से कैसे पता चलता है कि उसे कलीसिया के दूसरे लोगों के विवेक का खयाल था? (1 कुरि. 8:7, 13; 10:31-33)

  4. दूसरा तीमुथियुस 4:7-9 पढ़िए।

    प्रेरित पौलुस की तरह हम भी कैसे यकीन रख सकते हैं कि अगर हम अंत तक वफादार रहें, तो यहोवा हमें ज़रूर इनाम देगा? (मत्ती 24:13; इब्रा. 6:10)

कहानी 114

सारी बुराइयों का अंत

  1. बाइबल, स्वर्ग में घोड़े होने की बात क्यों करती है?

  2. परमेश्‍वर धरती के बुरे लोगों से जो युद्ध करेगा, उसका क्या नाम है? यह किस लिए लड़ा जाएगा?

  3. तसवीर देखकर बताइए कि युद्ध में सबसे आगे कौन होगा? वह मुकुट क्यों पहने हुए है और उसके हाथ में तलवार होने से क्या पता चलता है?

  4. कहानी नंबर 10, 15 और 33 को देखते हुए हमें क्यों हैरानी नहीं होनी चाहिए कि परमेश्‍वर बुरे लोगों का नाश करेगा?

  5. कहानी 36 और 76 कैसे दिखाती हैं कि परमेश्‍वर उन लोगों को नाश करेगा जो उसकी उपासना करने का दावा तो करते हैं, मगर बुरे काम करते हैं?

कुछ और सवाल:

  1. प्रकाशितवाक्य 19:11-16 पढ़िए।

    1. (क) बाइबल के वचनों से कैसे साफ ज़ाहिर होता है कि सफेद घोड़े का सवार, यीशु मसीह ही है? (प्रका. 1:5; 3:14; 19:11; यशा. 11:4)

    2. (ख) यीशु लहू से छिड़का हुआ वस्त्र पहने है, यह कैसे इस बात को पक्का करता है कि जीत पूरी तरह से उसी की होगी? (प्रका. 14:18-20; 19:13)

    3. (ग) यीशु के पीछे आ रही सेना में कौन शामिल हैं? (प्रका. 12:7; 19:14; मत्ती 25:31, 32)

कहानी 115

धरती पर फिरदौस

  1. जब धरती फिरदौस बन जाएगी, तो यहाँ क्या-क्या होगा?

  2. जो लोग फिरदौस में रहेंगे, उनके बारे में बाइबल क्या वादा करती है?

  3. यीशु, यहोवा के इन वादों को कब पूरा करेगा?

  4. परमेश्‍वर के राज्य का राजा बनने पर यीशु जो कुछ करेगा, यह दिखाने के लिए उसने धरती पर रहते वक्‍त क्या-क्या किया?

  5. जब यीशु और उसके साथी राजा, स्वर्ग से धरती पर राज करेंगे तो वे किसका खयाल रखेंगे?

कुछ और सवाल:

  1. प्रकाशितवाक्य 5:9, 10 पढ़िए।

    हम कैसे यकीन रख सकते हैं कि हज़ार साल की हुकूमत के दौरान जो लोग, राजाओं और याजकों की हैसियत से सेवा करेंगे, वे दयालु और हमदर्द होंगे? (इफि. 4:20-24; 1 पत. 1:7; 3:8; 5:6-10)

  2. प्रकाशितवाक्य 14:1-3 पढ़िए।

    इसका क्या मतलब है कि 1,44,000 जनों के माथे पर पिता और मेम्ने का नाम लिखा हुआ है? (1 कुरि. 3:23; 2 तीमु. 2:19; प्रका. 3:12)

कहानी 116

हमेशा जीने के लिए हमें क्या करना होगा

  1. हमेशा जीने के लिए हमें किनके बारे में जानने की ज़रूरत है?

  2. जैसे तसवीर में दिखाया गया है, हम इस छोटी लड़की और उसके दोस्तों की तरह यहोवा परमेश्‍वर और यीशु के बारे में कैसे जान सकते हैं?

  3. तसवीर में दिखायी दूसरी किताब का नाम बताइए। हमें क्यों उसे रोज़ पढ़ने की आदत डालनी चाहिए?

  4. हमेशा की ज़िंदगी पाने के लिए यहोवा और यीशु के बारे में सीखने के अलावा, हमें और क्या करना चाहिए?

  5. कहानी नंबर 69 से हम क्या सबक सीखते हैं?

  6. कहानी नंबर 55 में छोटे शमूएल की अच्छी मिसाल क्या दिखाती है?

  7. हम यीशु मसीह की मिसाल पर कैसे चल सकते हैं? अगर हम ऐसा करेंगे तो आगे हमें कैसी ज़िंदगी मिलेगी?

कुछ और सवाल:

  1. यूहन्‍ना 17:3 पढ़िए।

    बाइबल के वचनों से कैसे पता चलता है कि यहोवा परमेश्‍वर और यीशु मसीह का ज्ञान लेने का मतलब सिर्फ दिमाग में जानकारी भरना नहीं है? (मत्ती 7:21; याकू. 2:18-20; 1 यूह. 2:17)

  2. भजन 145:1-21 पढ़िए।

    1. (क) यहोवा की महिमा करने के लिए हमारे पास ढेरों वजह हैं, उनमें से कुछ वजह बताइए। (भज. 145:8-11; प्रका. 4:11)

    2. (ख) यहोवा कैसे “सभों के लिये भला” है और इस बात से हम कैसे यहोवा के और भी करीब आते हैं? (भज. 145:9; मत्ती 5:43-45)

    3. (ग) अगर यहोवा हमें जान से भी ज़्यादा प्यारा है, तो हमारा मन हमें क्या करने के लिए उकसाएगा? (भज. 119:171, 172, 175; 145:11, 12, 21)