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प्रस्तावना

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प्यारे पाठक:

क्या आप परमेश्वर के साथ करीबी रिश्ता महसूस करते हैं? बहुत-से लोगों को यह बात नामुमकिन लगती है। कुछ को लगता है कि परमेश्वर हमसे बहुत, बहुत दूर है; कुछ ऐसे भी हैं जो सोचते हैं कि मुझ जैसा पापी भला परमेश्वर के करीब कैसे आ सकता है? लेकिन, बाइबल हमसे यह प्यार-भरी गुज़ारिश करती है: “परमेश्वर के करीब आओ, और वह तुम्हारे करीब आएगा।” (याकूब 4:8, NW) परमेश्वर अपने सेवकों को यह यकीन भी दिलाता है: “मैं तेरा परमेश्वर यहोवा, तेरा दहिना हाथ पकड़कर कहूंगा, मत डर, मैं तेरी सहायता करूंगा।”—यशायाह 41:13.

परमेश्वर के साथ ऐसा नज़दीकी रिश्ता कायम करने के लिए हम अपनी तरफ से कैसे कोशिश कर सकते हैं? हम किसी के साथ दोस्ती तभी करते हैं जब हम उस इंसान को अच्छी तरह जान जाते हैं, उसके अच्छे गुणों की कदर करते हैं और इसलिए उसे पसंद करते हैं। उसी तरह परमेश्वर के करीब आने के लिए बेहद ज़रूरी है कि हम उसके उन गुणों और मार्गों का अध्ययन करें जिनके बारे में बाइबल में बताया गया है। इस बारे में गहरायी से सोचना कि यहोवा अपना एक-एक गुण कैसे ज़ाहिर करता है, और यह देखना कि यीशु मसीह ने कैसे हू-ब-हू अपने पिता की नक्ल की थी, और हम कैसे ये गुण ज़ाहिर कर सकते हैं, हमें परमेश्वर के और करीब लाएगा। हम यह समझ सकेंगे कि यहोवा ही इस विश्व का महाराजाधिराज कहलाने का हकदार है और उसकी हुकूमत से बेहतर कोई और हुकूमत हो नहीं सकती। यही नहीं, हम समझ पाएँगे कि वह ऐसा पिता है जिसकी ज़रूरत हम सबको है। वह शक्तिशाली, न्यायी, बुद्धिमान और प्रेम करनेवाला है, और वह अपने वफादार बच्चों का साथ कभी नहीं छोड़ता।

हमारी यही दुआ है कि यह किताब आपको यहोवा परमेश्वर के और भी करीब लाए और उसके साथ आपका एक अटूट रिश्ता कायम हो, ताकि आप सदा तक उसकी महिमा करने के लिए जीते रहें।

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