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अध्याय 19

‘एक पवित्र भेद में परमेश्वर की बुद्धि’

‘एक पवित्र भेद में परमेश्वर की बुद्धि’

1, 2. किस ‘पवित्र भेद’ में हमें दिलचस्पी लेनी चाहिए, और क्यों?

भेद! बहुत दिलचस्प, हैरतअंगेज़ और रहस्य से भरे होते हैं, इसलिए जो इनके बारे में जानते हैं वे इन्हें गुप्त रखना बहुत मुश्किल पाते हैं। लेकिन बाइबल कहती है: “परमेश्वर की महिमा, गुप्त रखने में है।” (नीतिवचन 25:2) जी हाँ, यहोवा इस दुनिया का महाराजाधिराज और सिरजनहार है, इसलिए पूरे हक के साथ वह कुछ भेदों को सिर्फ अपने तक रखता है और तब तक इंसानों पर ज़ाहिर नहीं करता जब तक कि उसका ठहराया हुआ सही वक्‍त न आ जाए।

2 लेकिन, एक ऐसा भेद है जिसे यहोवा ने अपने वचन में ज़ाहिर किया है। यह एक हैरतअंगेज़ और दिलचस्प भेद है। इसे ‘परमेश्वर की इच्छा का पवित्र भेद’ कहा गया है। (इफिसियों 1:9, NW) इसके बारे में सीखने से न सिर्फ हमारी जिज्ञासा शांत होती है, बल्कि इसका ज्ञान हमें उद्धार दिला सकता है और यह हमें यहोवा की अथाह बुद्धि की एक झलक भी देता है।

धीरे-धीरे ज़ाहिर किया गया

3, 4. उत्पत्ति 3:15 में दर्ज़ भविष्यवाणी ने कैसे आस बँधायी, और उसमें कौन-सा रहस्य या “पवित्र भेद” छिपा हुआ था?

3 जब आदम और हव्वा ने पाप किया, तो शायद ऐसा लगा होगा कि इस ज़मीन को फिरदौस बनाने और सिद्ध इंसानों से इसे आबाद करने का यहोवा का उद्देश्य विफल हो गया। मगर यहोवा ने फौरन इस समस्या का हल निकाला। उसने कहा: “मैं तेरे [यानी सर्प] और इस स्त्री के बीच में, और तेरे वंश और इसके वंश के बीच में बैर उत्पन्न करूंगा, वह तेरे सिर को कुचल डालेगा, और तू उसकी एड़ी को डसेगा।”—उत्पत्ति 3:15.

4 ये बहुत ही उलझानेवाले और रहस्यमयी शब्द थे। यह स्त्री कौन थी? सर्प कौन था? सर्प के सिर को कुचलनेवाला यह “वंश” कौन था? आदम और हव्वा सिर्फ इस बारे में अटकलें ही लगा सकते थे। फिर भी, परमेश्वर के इन शब्दों ने, विश्वासघाती आदम और हव्वा के उन बच्चों की आस बँधायी जो परमेश्वर के वफादार रहते। आखिर में, धार्मिकता की जीत होती। यहोवा का मकसद हर हाल में पूरा होता। लेकिन कैसे? हाँ, यही तो एक रहस्य था! बाइबल इसे ‘एक पवित्र भेद में परमेश्वर की बुद्धि, छिपी हुई बुद्धि’ कहती है।—1 कुरिन्थियों 2:7, NW.

5. उदाहरण देकर समझाइए कि यहोवा क्यों अपने भेदों को धीरे-धीरे ज़ाहिर करता है।

5 यहोवा ‘भेदों का प्रगटकर्त्ता’ है, वह आगे चलकर और ज़्यादा जानकारी देता कि यह भेद कैसे अपने अंजाम तक पहुँचेगा। (दानिय्येल 2:28) मगर वह धीरे-धीरे और सिलसिलेवार ढंग से ऐसा करता। इसे समझने के लिए आइए एक उदाहरण लें: सोचिए एक छोटा लड़का जब अपने प्यारे पिता से पूछता है, “डैडी, मैं कहाँ से आया?” तो वह उसे कैसे जवाब देता है। एक समझदार पिता अपने बेटे को सिर्फ उतनी ही जानकारी देगा जितनी वह अपनी उम्र के हिसाब से समझ सके। जैसे-जैसे वह लड़का बड़ा होता है, वैसे-वैसे पिता उसे और भी बातें बताता है। उसी तरह यहोवा तय करता है कि अपने लोगों को, अपनी मरज़ी और उद्देश्य के बारे में और ज़्यादा जानकारी देने के लिए कौन-सी घड़ी, कौन-सा दौर एकदम सही रहेगा।—नीतिवचन 4:18; दानिय्येल 12:4.

6. (क) एक वाचा या करारनामा क्यों किया जाता है? (ख) यह बात क्यों अनोखी है कि यहोवा, इंसान से वाचा बाँधने के लिए खुद पहल करता है?

6 यहोवा ने इन भेदों पर से परदा कैसे उठाया? उसने एक-के-बाद-एक कई वाचाओं या करारनामों के ज़रिए बहुत-सी बातें ज़ाहिर कीं। शायद मकान खरीदने या पैसा उधार लेने या देने के लिए आपने भी किसी-न-किसी किस्म का करारनामा किया होगा। ऐसा करारनामा, इस बात की कानूनी गारंटी होता है कि आप और दूसरे पक्ष के लोग जिन शर्तों पर राज़ी हुए हैं, वे ज़रूर पूरी की जाएँगी। मगर यहोवा को इंसानों के साथ इस तरह की कानूनन वाचा या करारनामा करने की क्या ज़रूरत थी? उसका वचन ही अपने आप में उसके वादों की बहुत बड़ी गारंटी है। यह सच है, फिर भी यहोवा ने हम पर कृपा करते हुए अपने वचन के साथ-साथ कानूनी वाचाएँ बाँधकर अपने वादों को और भी पुख्ता किया। ये करारनामे पत्थर की लकीर जैसे अमिट थे। इनसे असिद्ध इंसानों को यहोवा के वादों पर भरोसा करने का और भी ठोस आधार मिलता है।—इब्रानियों 6:16-18.

इब्राहीम के साथ वाचा

7, 8. (क) यहोवा ने इब्राहीम के साथ क्या वाचा बाँधी, और इसने पवित्र भेद पर क्या रोशनी डाली? (ख) यहोवा ने धीरे-धीरे कैसे साफ किया कि वादा किया हुआ वंश किसका वंशज होगा?

7 इंसान को फिरदौस से निकाले हुए दो हज़ार से भी ज़्यादा साल बीत चुके थे। तब यहोवा ने अपने वफादार सेवक इब्राहीम को बताया: “[मैं] निश्चय तेरे वंश को आकाश के तारागण . . . के समान अनगिनित करूंगा, . . . और पृथ्वी की सारी जातियां अपने को तेरे वंश के कारण धन्य मानेंगी: क्योंकि तू ने मेरी बात मानी है।” (उत्पत्ति 22:17, 18) यह सिर्फ एक वादा नहीं था, बल्कि यहोवा ने इसे एक कानूनी वाचा का रूप दिया और अपनी अटूट शपथ से इसके पूरा होने की गारंटी दी। (उत्पत्ति 17:1, 2; इब्रानियों 6:13-15) यह कितनी अद्‌भुत बात है कि इस विश्व के महाराजाधिराज ने इंसान को आशीष देने के लिए सचमुच का एक करार किया।

‘मैं तेरे वंश को आकाश के तारागण के समान अनगिनित करूंगा’

8 इब्राहीम से की गयी वाचा ने ज़ाहिर किया कि वादा किया हुआ ‘वंश’ एक इंसान के रूप में आएगा, और वह इब्राहीम का एक वंशज होगा। मगर वह कौन होगा? कुछ समय के बाद, यहोवा ने ज़ाहिर किया कि इब्राहीम के बेटों में से इसहाक के ज़रिए वह वंश आएगा। फिर इसहाक के दो बेटों में से याकूब को चुना गया। (उत्पत्ति 21:12; 28:13, 14) बाद में, याकूब ने अपने बारह बेटों में से एक के लिए भविष्यवाणी के ये शब्द कहे: “जब तक शीलो [“वह जो इसका हकदार है,” NW, फुटनोट] न आए तब तक न तो यहूदा से राजदण्ड छूटेगा, न उसके वंश से व्यवस्था देनेवाला अलग होगा; और राज्य राज्य के लोग उसके अधीन हो जाएंगे।” (उत्पत्ति 49:10) अब यह बात ज़ाहिर हुई कि वंश एक राजा होगा, जो यहूदा का वंशज होगा!

इस्राएल के साथ वाचा

9, 10. (क) यहोवा ने इस्राएल जाति के साथ क्या वाचा बाँधी थी, और उस वाचा ने उनकी कैसे हिफाज़त की? (ख) व्यवस्था ने कैसे दिखाया कि इंसान को छुड़ौती की ज़रूरत है?

9 सामान्य युग पूर्व 1513 में, यहोवा ने एक ऐसा इंतज़ाम किया जिससे पवित्र भेद के बारे में और ज़्यादा जानकारी मिलनेवाली थी। उसने इब्राहीम के वंशजों, यानी इस्राएल जाति के साथ एक वाचा बाँधी। यह मूसा की व्यवस्था वाचा थी। हालाँकि यह आज लागू नहीं होती, तो भी वादा किए गए वंश को लाने के यहोवा के उद्देश्य में यह एक अहम भूमिका निभानेवाली थी। वह कैसे? तीन तरीकों से। पहला, यह कानून-व्यवस्था हिफाज़त करनेवाली शहरपनाह जैसी थी। (इफिसियों 2:14) इसके धर्मी कानून, यहूदियों और गैर-यहूदियों के बीच एक बाड़े के समान थे। इस तरह, कानून-व्यवस्था ने वादा किए गए वंश के गोत्र को बचाए रखा। काफी हद तक इस व्यवस्था वाचा की बदौलत ही, इस्राएली एक जाति के रूप में उस वक्‍त तक बचे रहे जब आखिरकार परमेश्वर के ठहराए वक्‍त पर मसीहा ने यहूदा के गोत्र में जन्म लिया।

10 दूसरा, इस कानून-व्यवस्था ने साफ-साफ दिखाया कि इंसान को छुड़ौती की सख्त ज़रूरत है। यह सिद्ध व्यवस्था थी, और इसने ज़ाहिर कर दिया कि पापी इंसान पूरी तरह इसका पालन नहीं कर सकते। इस तरह यह “अपराधों के कारण [“अपराधों को ज़ाहिर करने के लिए,” NW] . . . दी गई, कि उस वंश के आने तक रहे, जिस को प्रतिज्ञा दी गई थी।” (गलतियों 3:19) कानून-व्यवस्था में पशुओं की बलि चढ़ाने का इंतज़ाम था, जिनसे कुछ वक्‍त के लिए पापों का प्रायश्‍चित्त किया जा सकता था। मगर, जैसा पौलुस ने लिखा, यह “अनहोना है, कि बैलों और बकरों का लोहू पापों को दूर करे,” तो ये बलिदान मसीह के छुड़ौती बलिदान की एक छाया थे। (इब्रानियों 10:1-4) इसलिए वफादार यहूदियों के लिए यह वाचा, ‘मसीह के पास लाने के लिए उनकी संरक्षक’ बनी।—गलतियों 3:24, नयी हिन्दी बाइबिल।

11. व्यवस्था वाचा में इस्राएल के लिए किस शानदार भविष्य का वादा किया गया था, मगर एक जाति के तौर पर इस्राएलियों ने यह आशा क्यों खो दी?

11 तीसरा, इस वाचा ने इस्राएल जाति को एक शानदार भविष्य की आशा दी। यहोवा उन्हें बता चुका था कि अगर वे वाचा की शर्तों पर वफादारी से कायम रहे, तो वे “याजकों का राज्य और पवित्र जाति” ठहरेंगे। (निर्गमन 19:5, 6) यह सही है कि याजकों के स्वर्गीय राज्य के जो शुरूआती सदस्य थे, वे पैदाइशी इस्राएली थे। मगर पूरी जाति के तौर पर इस्राएलियों ने व्यवस्था वाचा को तोड़ दिया, मसीहाई वंश को ठुकरा दिया और शानदार भविष्य की आशा खो दी। तो फिर, याजकों के इस राज्य की संख्या किन लोगों से पूरी की जाती? और इस धन्य जाति का, वादा किए हुए वंश के साथ क्या नाता होता? पवित्र भेद की ये बातें, परमेश्वर के ठहराए हुए वक्‍त पर आनेवाले दिनों में प्रकट की जातीं।

दाऊद के साथ राज्य की वाचा

12. यहोवा ने दाऊद के साथ क्या वाचा बाँधी, और इससे परमेश्वर के पवित्र भेद के बारे में क्या जानकारी मिली?

12 सामान्य युग पूर्व 11वीं सदी में, यहोवा ने एक और वाचा बाँधकर पवित्र भेद पर और ज़्यादा रोशनी डाली। उसने अपने वफादार राजा दाऊद से वादा किया: “मैं तेरे निज वंश को तेरे पीछे खड़ा करके उसके राज्य को स्थिर करूंगा। . . . मैं उसकी राजगद्दी को सदैव स्थिर रखूंगा।” (2 शमूएल 7:12, 13; भजन 89:3) अब यह बताया गया कि वादा किया गया वंश दाऊद के घराने से आएगा। लेकिन क्या एक अदना इंसान “सर्वदा” या हमेशा-हमेशा तक राज्य कर सकता था? (भजन 89:20, 29, 34-36) और क्या एक इंसानी राजा, मनुष्यों को पाप और मौत के शिकंजे से छुड़ा सकता था?

13, 14. (क) भजन 110 के मुताबिक, यहोवा ने अपने अभिषिक्त राजा से क्या वादा किया? (ख) यहोवा के भविष्यवक्ताओं ने आनेवाले वंश के बारे में और क्या-क्या ज़ाहिर किया?

13 परमेश्वर की प्रेरणा से दाऊद ने लिखा: “मेरे प्रभु से यहोवा की वाणी यह है, कि तू मेरे दहिने हाथ बैठ, जब तक मैं तेरे शत्रुओं को तेरे चरणों की चौकी न कर दूं। यहोवा ने शपथ खाई और न पछताएगा, कि तू मेल्कीसेदेक की रीति पर सर्वदा का याजक है।” (भजन 110:1, 4) दाऊद के ये शब्द सीधे-सीधे, वादा किए वंश या मसीहा पर लागू होते थे। (प्रेरितों 2:35, 36) वह यरूशलेम से राज्य नहीं करता बल्कि स्वर्ग से यहोवा के ‘दहिने हाथ बैठकर’ राज्य करता। इस तरह उसका अधिकार न सिर्फ इस्राएल देश पर बल्कि पूरी धरती पर होता। (भजन 2:6-8) दाऊद के शब्दों ने एक और बात ज़ाहिर की। ध्यान दीजिए कि यहोवा ने बाकायदा शपथ खायी कि मसीहा “मेल्कीसेदेक की रीति पर . . . याजक” होगा। जैसे इब्राहीम के दिनों में मेल्कीसेदेक, राजा और याजक दोनों था, उसी तरह आनेवाले वंश को खुद परमेश्वर, राजा और याजक के पद पर सेवा करने के लिए ठहराता!—उत्पत्ति 14:17-20.

14 सालों के दौरान, यहोवा ने भविष्यवक्ताओं के ज़रिए पवित्र भेद के बारे में और बहुत कुछ ज़ाहिर किया। मिसाल के लिए, यशायाह ने ज़ाहिर किया कि वंश अपना जीवन बलिदान के तौर पर देगा। (यशायाह 53:3-12) मीका ने मसीहा के जन्म लेने के स्थान के बारे में भविष्यवाणी की। (मीका 5:2) और दानिय्येल ने तो मसीहा के प्रकट होने और मरने का सही-सही समय भी बताया।—दानिय्येल 9:24-27.

पवित्र भेद खोला गया!

15, 16. (क) यहोवा का बेटा कैसे एक “स्त्री से जन्मा”? (ख) यीशु ने अपने माता-पिता से विरासत में क्या पाया, और वह वादा किए वंश के नाते कब आया?

15 ये भविष्यवाणियाँ कैसे पूरी होंती, यह तब तक एक रहस्य बना रहा जब तक कि वंश सचमुच प्रकट न हुआ। गलतियों 4:4 कहता है: “जब समय पूरा हुआ, तो परमेश्वर ने अपने पुत्र को भेजा, जो स्त्री से जन्मा।” सा.यु.पू. 2 में, एक स्वर्गदूत ने यहूदी कुँवारी मरियम से कहा: “देख, तू गर्भवती होगी, और तेरे एक पुत्र उत्पन्न होगा; तू उसका नाम यीशु रखना। वह महान होगा; और परमप्रधान का पुत्र कहलाएगा; और प्रभु परमेश्वर उसके पिता दाऊद का सिंहासन उस को देगा। . . . पवित्र आत्मा तुझ पर उतरेगा, और परमप्रधान की सामर्थ तुझ पर छाया करेगी इसलिए वह पवित्र जो उत्पन्न होनेवाला है, परमेश्वर का पुत्र कहलाएगा।”—लूका 1:31, 32, 35.

16 बाद में, यहोवा ने स्वर्ग में रहनेवाले अपने बेटे का जीवन, धरती पर मरियम के गर्भ में डाला और इस तरह वह एक स्त्री से जन्मा। मरियम असिद्ध थी। मगर, यीशु को उसकी असिद्धता विरासत में नहीं मिली, क्योंकि वह “परमेश्वर का पुत्र” था। इसके अलावा, यीशु के इंसानी माँ-बाप दाऊद के वंशज थे। इसलिए उन्होंने वे सारे पैदाइशी और कानूनी अधिकार उसे विरासत में दिए, जो दाऊद के वंशज को मिलने चाहिए थे। (प्रेरितों 13:22, 23) जब सा.यु. 29 में यीशु का बपतिस्मा हुआ, तब यहोवा ने उसे पवित्र आत्मा से अभिषिक्त किया और कहा: “यह मेरा प्रिय पुत्र है।” (मत्ती 3:16, 17) आखिरकार, वह वंश आ गया! (गलतियों 3:16) अब समय था कि पवित्र भेद के बारे में और भी कुछ ज़ाहिर किया जाए।—2 तीमुथियुस 1:10.

17. उत्पत्ति 3:15 के मतलब पर कैसे रोशनी डाली गयी?

17 अपनी सेवा के दौरान, यीशु ने उत्पत्ति 3:15 के सर्प की पहचान बतायी कि वह शैतान है और सर्प की संतान, शैतान के चेले हैं। (मत्ती 23:33; यूहन्ना 8:44) बाद में, यह भी ज़ाहिर किया गया कि कैसे इनको हमेशा के लिए मिटा दिया जाएगा। (प्रकाशितवाक्य 20:1-3, 10, 15) और स्त्री की पहचान करायी गयी कि वह “ऊपर की यरूशलेम” है, यानी स्वर्ग में आत्मिक प्राणियों से बना यहोवा का संगठन जो उसकी पत्नी के समान है। *गलतियों 4:26; प्रकाशितवाक्य 12:1-6.

नई वाचा

18. “नई वाचा” बाँधने का मकसद क्या है?

18 यीशु की मौत से पहले की रात को सबसे अनोखी बात ज़ाहिर की गयी। और वह थी, यीशु का अपने वफादार चेलों को यह बताना कि वह उनके साथ एक “नई वाचा” बाँध रहा है। (लूका 22:20) मूसा की व्यवस्था वाचा की तरह, इस नई वाचा से भी “याजकों का राज्य” तैयार होना था। (निर्गमन 19:6; 1 पतरस 2:9) मगर, यह वाचा किसी इंसानी जाति का नहीं बल्कि एक आत्मिक जाति यानी “परमेश्वर के इस्राएल” का निर्माण करनेवाली थी। सिर्फ मसीह के वफादार अभिषिक्त चेले इसके सदस्य होते। (गलतियों 6:16) नई वाचा के ये सहभागी, यीशु के साथ मिलकर इंसानों को आशीष दिलाते!

19. (क) नई वाचा “याजकों का राज्य” तैयार करने में क्यों कामयाब हुई? (ख) अभिषिक्त मसीहियों को “नई सृष्टि” क्यों कहा गया है, और स्वर्ग में मसीह के साथ कितने लोग सेवा करेंगे?

19 मगर इंसानों को आशीष देने के लिए “याजकों का राज्य” तैयार करने में नई वाचा, क्यों कामयाब हुई? क्योंकि यह वाचा मसीह के चेलों को बार-बार यह एहसास दिलाने के बजाय कि वे पापी हैं, उन्हें यीशु के बलिदान के ज़रिए पापों से माफी दिलाती है। (यिर्मयाह 31:31-34) यहोवा उन्हें धर्मी ठहराने के बाद, अपने स्वर्गीय परिवार का हिस्सा बनाने के लिए गोद लेता है और पवित्र आत्मा से अभिषिक्त करता है। (रोमियों 8:15-17; 2 कुरिन्थियों 1:21) इस तरह वे “जीवित आशा के लिये नया जन्म” लेते हैं, जो उनके लिए “स्वर्ग में रखी है।” (1 पतरस 1:3-5) महिमा का ऐसा ऊँचा पद पाना इंसानों के लिए एकदम नयी बात है, इसलिए आत्मा से जन्मे अभिषिक्त मसीहियों को “नई सृष्टि” कहा गया है। (2 कुरिन्थियों 5:17) बाइबल प्रकट करती है कि आनेवाले समय में 1,44,000 जन, पाप से छुड़ाए गए इंसानों पर राज करेंगे।—प्रकाशितवाक्य 5:9, 10; 14:1-4.

20. (क) सामान्य युग 36 में पवित्र भेद का कौन-सा पहलू खुलकर सामने आया? (ख) इब्राहीम से वादा की गयी आशीषें किसे मिलेंगी?

20 यीशु के साथ, ये अभिषिक्त जन ‘इब्राहीम का वंश’ बनते हैं। * (गलतियों 3:29) इस वंश के पहले सदस्य पैदाइशी यहूदी थे। मगर, सा.यु. 36 में, पवित्र भेद का एक और पहलू खुलकर सामने आया: अन्यजाति के लोग या गैर-यहूदी भी स्वर्ग की आशा के भागीदार होनेवाले थे। (रोमियों 9:6-8; 11:25, 26; इफिसियों 3:5, 6) क्या सिर्फ अभिषिक्त मसीही उन आशीषों को पाते जिनका वादा इब्राहीम से किया गया था? जी नहीं, क्योंकि यीशु के बलिदान से सारे संसार को फायदा होता है। (1 यूहन्ना 2:2) कुछ समय बाद, यहोवा ने ज़ाहिर किया कि अनगिनत लोगों की एक “बड़ी भीड़,” शैतान के संसार के अंत से बच निकलेगी। (प्रकाशितवाक्य 7:9, 14) यही नहीं, लाखों-करोड़ों की संख्या में लोगों का पुनरुत्थान होगा और उनके सामने फिरदौस में हमेशा तक जीने की आशा होगी!—यूहन्ना 5:28, 29; प्रकाशितवाक्य 20:11-15; 21:3, 4.

परमेश्वर की बुद्धि और पवित्र भेद

21, 22. यहोवा का पवित्र भेद किन तरीकों से उसकी बुद्धि का सबूत देता है?

21 पवित्र भेद, “परमेश्वर की विलक्षण बुद्धि” का एक लाजवाब सबूत है। (इफिसियों 3:8-10, नयी हिन्दी बाइबिल) इस भेद को रचने और फिर धीरे-धीरे इसे प्रकट करने से यहोवा ने क्या ही गज़ब की बुद्धि का सबूत दिया! इससे ज़ाहिर हो सका कि इंसानों के दिल में क्या है, साथ ही परमेश्वर ने बुद्धिमानी से उनकी हदों को भी ध्यान में रखा।—भजन 103:14.

22 यीशु को राजा चुनकर भी यहोवा ने अपनी बेजोड़ बुद्धि का सबूत दिया। यहोवा का बेटा इस विश्व के किसी भी दूसरे प्राणी से कहीं ज़्यादा भरोसे के लायक है। जब यीशु हाड़-माँस का इंसान था, तब उसने तरह-तरह की तकलीफों का सामना किया। इसलिए वह इंसान की समस्याओं को बहुत अच्छी तरह समझता है। (इब्रानियों 5:7-9) और जो यीशु के साथ राज्य करेंगे, उनके बारे में क्या कहा जा सकता है? सदियों के दौरान, अलग-अलग जातियों, भाषाओं और माहौल से स्त्रियों और पुरुषों दोनों को अभिषिक्त किया गया है। ऐसी कोई समस्या नहीं जिसका इनमें से किसी एक ने भी सामना न किया हो, और उस पर काबू न पाया हो। (इफिसियों 4:22-24) इन दयालु राजाओं-याजकों के राज के अधीन जीना वाकई बहुत आनंद की बात होगी!

23. यहोवा के पवित्र भेद के बारे में मसीहियों को क्या आशीष मिली है?

23 प्रेरित पौलुस ने लिखा था: ‘[पवित्र] भेद जो समयों और पीढ़ियों से गुप्त रहा, अब उसके पवित्र लोगों पर प्रगट हुआ है।’ (कुलुस्सियों 1:26) जी हाँ, यहोवा के अभिषिक्त पवित्र जनों को पवित्र भेद की काफी समझ हासिल हुई है, और उन्होंने यह ज्ञान लाखों लोगों तक पहुँचाया है। हम सबके लिए यह क्या ही बढ़िया आशीष है! यहोवा ने हमें “अपनी इच्छा का [पवित्र] भेद . . . बताया” है। (इफिसियों 1:9) आइए इस शानदार भेद के बारे में दूसरों को बताएँ, ताकि वे भी यहोवा परमेश्वर की अथाह बुद्धि की एक झलक पा सकें!

^ पैरा. 17 यीशु में परमेश्वर की “भक्‍ति का [पवित्र] भेद” भी ज़ाहिर हुआ। (1 तीमुथियुस 3:16) एक लंबे अरसे से यह एक रहस्य, एक भेद बना हुआ था कि क्या कोई यहोवा की तरफ अचूक खराई बनाए रख सकता है। यीशु ने इसका जवाब दिया। शैतान की तरफ से आनेवाली हर परीक्षा में उसने खराई बनाए रखी।—मत्ती 4:1-11; 27:26-50.

^ पैरा. 20 यीशु ने इसी समूह के साथ ‘राज्य के लिए एक वाचा’ भी बाँधी। (लूका 22:29, 30, NW) दरअसल, यीशु ने इस “छोटे झुण्ड” के साथ एक करार किया कि वे इब्राहीम के वंश के दूसरे भाग की हैसियत से स्वर्ग में उसके साथ राज करेंगे।—लूका 12:32.