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शासी निकाय का खत

शासी निकाय का खत

प्यारे राज प्रचारक:

मान लीजिए कि आप यीशु के प्रेषितों में से एक हैं और जैतून पहाड़ पर खड़े हैं। यीशु आप सबके सामने प्रकट होता है। वह कुछ ही देर में स्वर्ग लौटनेवाला है, मगर जाने से पहले वह कहता है, “जब तुम पर पवित्र शक्‍ति आएगी, तो तुम ताकत पाओगे और ­यरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में, यहाँ तक कि दुनिया के सबसे दूर के इलाकों में मेरे बारे में गवाही दोगे।” (प्रेषि. 1:8) इतनी बड़ी ज़िम्मेदारी पाकर आपको कैसा लगेगा?

आपको शायद लगे कि यीशु जो काम करने के लिए कह रहा है वह हमारे बस का नहीं है। आप सोचें, ‘भला हम मुट्ठी-भर चेले “दुनिया के सबसे दूर के इलाकों” तक गवाही कैसे दे पाएँगे?’ फिर आपको यीशु की एक और बात याद आती है जो उसने अपनी मौत से एक रात पहले कही थी। यीशु ने कहा था, “एक दास अपने मालिक से बड़ा नहीं होता। अगर उन्होंने मुझे सताया है तो तुम्हें भी सताएँगे। अगर उन्होंने मेरी बात मानी है तो तुम्हारी भी मानेंगे। मगर वे मेरे नाम की वजह से तुम्हारे खिलाफ यह सब करेंगे क्योंकि वे मेरे भेजनेवाले को नहीं जानते।” (यूह. 15:20, 21) इस बारे में सोचकर आप शायद चिंता करने लगें, ‘जब इस काम का इतना विरोध किया जाएगा, तो मैं अच्छी तरह गवाही कैसे दे पाऊँगा?’

आज यहोवा के साक्षियों को भी “दुनिया के सबसे दूर के इलाकों” तक जाने और “सब राष्ट्रों के लोगों को” गवाही देने का काम सौंपा गया है। (मत्ती 28:19, 20) इतनी भारी ज़िम्मेदारी हम कैसे निभा पाएँगे खासकर जब लोग हमारा विरोध करते हैं?

प्रेषितों की किताब में पहली सदी के प्रेषितों और दूसरे मसीहियों की रोमांचक कहानी बतायी गयी है। इसमें लिखा है कि यहोवा ने किस तरह उनकी मदद की ताकि वे अच्छी तरह गवाही दे पाएँ। आपके हाथ में जो किताब है उसे पढ़ते वक्‍त आपको लगेगा कि आप पहली सदी में जी रहे हैं और घटनाओं को अपनी आँखों से होते देख रहे हैं। आप वही खुशी और उमंग महसूस करेंगे जो पहली सदी के मसीहियों ने तब महसूस की थी जब उन्होंने प्रचार काम को तेज़ी से बढ़ते देखा था। आप यह देखकर हैरान रह जाएँगे कि उस ज़माने के मसीहियों और आज के मसीहियों के बीच कितनी समानताएँ हैं! हम उनकी तरह प्रचार का काम करते हैं और हम जिस तरह संगठित होकर यह काम करते हैं वह भी बिलकुल पहली सदी के मसीहियों की तरह है। इन बातों से आपका यकीन और बढ़ेगा कि यहोवा आज भी अपने संगठन का मार्गदर्शन कर रहा है।

हम आशा करते हैं कि प्रेषितों की किताब का अध्ययन करने से आपका भरोसा बढ़े कि यहोवा आपकी मदद करता रहेगा और उसकी पवित्र शक्‍ति आपको सँभाले रहेगी। इस किताब में दी बातों को मानने से आपके अंदर और भी जोश भर आएगा कि आप परमेश्‍वर के राज के बारे में “अच्छी तरह गवाही” देते रहें और उद्धार पाने में दूसरों की मदद करते रहें।​—प्रेषि. 28:23; 1 तीमु. 4:16.

आपके भाई,

यहोवा के साक्षियों का शासी निकाय