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पाठ 7

हमारी सभाओं में क्या होता है?

हमारी सभाओं में क्या होता है?

न्यू ज़ीलैंड

जापान

उगांडा

लिथुआनिया

शुरू के मसीही जब सभाओं के लिए इकट्ठा होते थे, तो वे परमेश्वर की स्तुति में गीत गाते, प्रार्थना करते और शास्त्र पढ़कर उस पर चर्चा करते थे। वहाँ किसी तरह के रस्मों-रिवाज़ नहीं माने जाते थे। (1 कुरिंथियों 14:26) आज हमारी सभाएँ भी कुछ इसी तरह चलायी जाती हैं।

सिखायी जानेवाली बातें बाइबल से होती हैं और व्यावहारिक होती हैं। हर मंडली शनिवार या रविवार को इकट्ठा होती है और 30 मिनट के लिए बाइबल पर आधारित भाषण सुनती है। भाषण में समझाया जाता है कि हम जिस समय में जी रहे हैं, उस बारे में बाइबल क्या बताती है और यह भी कि इसमें दी बातें हमारे लिए क्या मायने रखती हैं। हम सबको बढ़ावा दिया जाता है कि जब बाइबल की कोई आयत पढ़ी जाती है, तो हम भी उसे अपनी बाइबल में देखें। भाषण के बाद, एक घंटे के लिए “प्रहरीदुर्ग” अध्ययन होता है, जिसमें प्रहरीदुर्ग के अध्ययन संस्करण के एक लेख पर चर्चा की जाती है और हाज़िर लोग उसमें हिस्सा ले सकते हैं। इस चर्चा से हम सीखते हैं कि बाइबल की सलाहों को अपनी ज़िंदगी में कैसे लागू करें। दुनिया-भर में हमारी 1,10,000 से ज़्यादा मंडलियाँ हैं और हर मंडली में प्रहरीदुर्ग के उसी लेख पर चर्चा की जाती है, जो उस हफ्ते के लिए दिया होता है।

हमारे सिखाने की कला को निखारा जाता है। शनिवार और रविवार के अलावा, हम एक और शाम इकट्ठा होते हैं। इस दिन तीन भागों वाला कार्यक्रम होता है जिसका नाम है, हमारी मसीही ज़िंदगी और सेवा सभा। इस कार्यक्रम में जो भी चर्चा की जाती है, वह हर महीने प्रकाशित होनेवाली ‘मसीही ज़िंदगी और सेवा सभा पुस्तिका’ पर आधारित होती है। इस सभा के पहले भाग ‘पाएँ बाइबल का खज़ाना’ से हम बाइबल के कुछ अध्याय अच्छी तरह समझ पाते हैं, जिन्हें मंडली के लोग पहले से पढ़कर आते हैं। दूसरे भाग ‘बढ़ाएँ प्रचार में हुनर’ में प्रदर्शनों के ज़रिए सिखाया जाता है कि कैसे लोगों से बाइबल के विषयों पर चर्चा की जा सकती है। एक भाई जिसे सलाहकार की ज़िम्मेदारी दी गयी है, वह हर भाग पर ध्यान देता है ताकि विद्यार्थी को बता सके कि उसे अपनी पढ़ाई और बोलने की कला में कहाँ निखार लाना चाहिए। (1 तीमुथियुस 4:13) आखिरी भाग ‘जीएँ मसीहियों की तरह’ में सिखाया जाता है कि हम बाइबल के सिद्धांतों को अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में कैसे लागू कर सकते हैं। इसमें सवाल-जवाब के ज़रिए चर्चा की जाती है, जिससे बाइबल की हमारी समझ बढ़ती है।

जब आप हमारी सभाओं में आएँगे, तो आप खुद देख पाएँगे कि यहाँ कितने बढ़िया तरीके से बाइबल से शिक्षा दी जाती है।—यशायाह 54:13.

  • यहोवा के साक्षियों की सभाओं में आप क्या सीखेंगे?

  • आप हमारी कौन-सी सभा में आना चाहेंगे?