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शासी निकाय का खत

शासी निकाय का खत

हमारे प्यारे राज प्रचारक:

मान लीजिए कि आप भाई सी. टी. रसल के ज़माने में ब्रुकलिन बेथेल परिवार के एक सदस्य हैं। आप 2 अक्टूबर, 1914 की शुक्रवार को सुबह नाश्‍ते के लिए सभी भाई-बहनों के साथ खाने के कमरे में मौजूद हैं। आप सब अपनी-अपनी जगह पर बैठे भाई रसल का इंतज़ार कर रहे हैं। अचानक कमरे का दरवाज़ा खुलता है और भाई रसल अंदर आते हैं। वे हर दिन की तरह एक पल के लिए रुकते हैं और फिर पूरे बेथेल परिवार को खुशी-खुशी गुड मॉरनिंग कहते हैं। मगर फिर वे अपनी जगह जाकर नहीं बैठते बल्कि ज़ोर से तालियाँ बजाकर एक रोमांचक घोषणा करते हैं, “अन्य-जातियों का समय समाप्त हो चुका है। उनके राजाओं के दिन पूरे हो गए हैं!” आप खुशी से फूले नहीं समाते क्योंकि बरसों से आप इसी घड़ी का इंतज़ार कर रहे थे! यह खबर सुनकर आप सब काफी देर तक ज़ोर-ज़ोर से तालियाँ बजाते हैं।

भाई रसल को वह रोमांचक घोषणा किए एक अरसा बीत गया है। इतने सालों के दौरान परमेश्‍वर के राज ने क्या-क्या हासिल किया है? बहुत कुछ! इसी राज के ज़रिए यहोवा अपने लोगों को वक्‍त के गुज़रते शुद्ध करता रहा है और उन्हें प्रशिक्षण देता रहा है। सन्‌ 1914 में उनकी गिनती सिर्फ कुछ हज़ारों में थी, मगर आज उनकी गिनती करीब 80 लाख हो गयी है। आपको इस प्रशिक्षण से क्या-क्या फायदा हुआ है?

आज अकसर हम अपने भाइयों को यह कहते सुनते हैं, “यहोवा का स्वर्गीय रथ तेज़ी से आगे बढ़ रहा है!” और यह बात सही है। मगर सच्चाई यह है कि 1914 से यह रथ, जो यहोवा के संगठन के स्वर्गीय हिस्से को दर्शाता है, बहुत ही तेज़ रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। जब आप इस किताब को ध्यान से पढ़ेंगे तो इस बात के सबूत देख पाएँगे। राज के प्रचारकों ने पूरी दुनिया में खुशखबरी फैलाने के लिए बहुत-से नए-नए तरीके अपनाए, जैसे अखबारों का इस्तेमाल, गले में पोस्टर लटकाकर चलना, चलचित्र दिखाना, गवाही पत्रों का इस्तेमाल, ग्रामोफोन पर रिकॉर्ड सुनाना और रेडियो और इंटरनेट का इस्तेमाल।

यहोवा ने हमारे काम पर आशीष दी है, इसलिए आज हम 670 से ज़्यादा भाषाओं में कई सुंदर किताबें-पत्रिकाएँ प्रकाशित कर पा रहे हैं और बिना दाम लगाए लोगों को दे रहे हैं। कई स्वयंसेवक बड़े-बड़े त्याग करके अमीर देशों और कम साधनवाले देशों में राज-घर, सम्मेलन भवन और शाखा दफ्तरों की इमारतें बनाते हैं। और जब कहीं विपत्ति आती है तो भाई-बहन वहाँ मदद करने के लिए दौड़े-दौड़े चले जाते हैं और इस तरह “मुसीबत की घड़ी में” सच्चे भाई-बहन साबित होते हैं।—नीति. 17:17.

कभी-कभी पादरी और दूसरे विरोधी झूठ का सहारा लेकर हमारे लिए “कानून की आड़ में मुसीबत” खड़ी करते हैं। मगर अकसर देखा गया है कि उनकी कोशिशें नाकाम हो जाती हैं और उलटा “खुशखबरी फैलाने में मदद” मिलती है। इससे हमारा विश्‍वास और मज़बूत होता है।—भज. 94:20; फिलि. 1:12.

आप प्यारे भाई-बहनों के साथ मिलकर काम करना हमारे लिए बड़ा सम्मान है क्योंकि हम सब अपने राजा मसीह के ‘कर्मचारी’ हैं। हम आप सबसे बहुत प्यार करते हैं। हमारी दुआ है कि इस किताब को पढ़ने से आप उस अनमोल विरासत की और भी कदर कर पाएँगे जो यहोवा ने आपको दी है।—मत्ती 24:45.

हमारी शुभकामनाएँ आपके साथ हैं।

आपके भाई,

यहोवा के साक्षियों का शासी निकाय