अध्याय 1
परमेश्वर की तरफ से दो संदेश
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जिब्राईल भविष्यवाणी करता है कि यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला पैदा होगा
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जिब्राईल मरियम को बताता है कि वह यीशु को जन्म देगी
देखा जाए तो पूरी बाइबल में परमेश्वर का संदेश दिया हुआ है। यहोवा ने यह किताब इसलिए लिखवायी ताकि हम इसे पढ़कर अच्छी शिक्षा पाएँ। बीते समय में कई मौकों पर परमेश्वर ने अपने लोगों को संदेश दिए थे। आइए इनमें से दो खास संदेश पर गौर करें। परमेश्वर ने करीब 2,000 साल पहले जिब्राईल नाम के स्वर्गदूत को ये दोनों संदेश देने के लिए धरती पर भेजा था। बाइबल में लिखा है कि जिब्राईल “परमेश्वर के सामने हाज़िर रहता” है। (लूका 1:19) आइए देखें कि जिब्राईल ने ये संदेश किन लोगों को दिए थे और कहाँ दिए थे।
जिब्राईल ने ये संदेश करीब ईसा पूर्व 3 में दिए थे यानी यीशु के पैदा होने के एक साल पहले। जकरयाह नाम का एक याजक और उसकी पत्नी इलीशिबा यहूदिया के पहाड़ी इलाके में रहते हैं। उनका घर शायद यरूशलेम से कुछ ही दूरी पर है। वे दोनों बूढ़े हो चुके हैं और उनके कोई बच्चा नहीं है। जब मंदिर में जकरयाह की सेवा करने की बारी आती है, तो वह यरूशलेम जाता है। जब वह मंदिर में होता है, तो अचानक जिब्राईल धूप की वेदी के पास आ खड़ा होता है।
जकरयाह डर जाता है। मगर स्वर्गदूत उससे कहता है, ‘जकरयाह मत डर, क्योंकि तेरी मिन्नतें सुन ली गयी हैं। तेरी पत्नी इलीशिबा माँ बनेगी और तेरे लिए एक बेटे को जन्म देगी। तू उसका नाम यूहन्ना रखना। वह यहोवा की नज़र में महान होगा और ऐसे लोगों को तैयार करेगा जो यहोवा के योग्य हों।’—लूका 1:13-17.
जकरयाह को यकीन नहीं होता, क्योंकि वह और उसकी पत्नी बूढ़े हो चुके हैं। जिब्राईल उससे कहता है, “तू गूँगा हो जाएगा और जिस दिन तक ये बातें पूरी न हो जाएँ, उस दिन तक तू बोल नहीं सकेगा क्योंकि तूने मेरी बातों का यकीन नहीं किया।”—लूका 1:20.
लोग बाहर जकरयाह का इंतज़ार कर रहे हैं और सोच रहे हैं कि उसे मंदिर में इतनी देर क्यों लग रही है। कुछ देर बाद वह बाहर आता है। मगर वह कुछ बोल नहीं पा रहा है, सिर्फ इशारों में बात कर रहा है। लोग समझ जाते हैं कि ज़रूर उसने मंदिर में कोई दर्शन देखा होगा।
जकरयाह को मंदिर में जितने दिन सेवा करनी थी, उतने दिन सेवा करने के बाद वह घर लौट जाता है। कुछ समय बाद वही होता है जो किसी ने नहीं सोचा था। इलीशिबा गर्भवती हो जाती है! अगले पाँच महीने तक इलीशिबा घर पर ही रहती है जब तक कि वह बच्चे को जन्म नहीं देती।
कुछ समय बाद जिब्राईल फिर से धरती पर आता है। इस बार वह यरूशलेम के उत्तर में गलील के इलाके में जाता है। वह नासरत नगर में मरियम नाम की एक कुँवारी को एक संदेश देता है, “तूने परमेश्वर की बड़ी आशीष पायी है। देख! तू गर्भवती होगी और एक बेटे को जन्म देगी। तू उसका नाम यीशु रखना। वह महान होगा और परम-प्रधान का बेटा कहलाएगा और . . . वह राजा बनकर याकूब के घराने पर हमेशा तक राज करेगा और उसके राज का कभी अंत नहीं होगा।”—लूका 1:30-33.
ज़रा सोचिए, ये दोनों संदेश देने में जिब्राईल को कितनी खुशी हुई होगी! जब हम इस किताब में यूहन्ना और यीशु के बारे में पढ़ेंगे, तो हम जानेंगे कि ये दोनों संदेश इतने खास क्यों हैं।