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अध्याय 58

रोटियों का चमत्कार, खमीर के बारे में चेतावनी

रोटियों का चमत्कार, खमीर के बारे में चेतावनी

मत्ती 15:32–16:12 मरकुस 8:1-21

  • यीशु 4,000 आदमियों को खिलाता है

  • वह फरीसियों के खमीर से बचने के लिए कहता है

दिकापुलिस में यीशु के पास लोगों की काफी भीड़ जमा हो जाती है। वे यीशु की बातें सुनना चाहते हैं और बीमारियों से ठीक होना चाहते हैं। वे बड़े-बड़े टोकरों में खाना भी ले आए हैं।

जब काफी देर हो जाती है, तो यीशु चेलों से कहता है, “मुझे इस भीड़ पर तरस आ रहा है क्योंकि इन्हें मेरे साथ रहते हुए तीन दिन बीत चुके हैं और इनके पास खाने को कुछ भी नहीं है। अगर मैं इन्हें भूखा ही घर भेज दूँ, तो वे रास्ते में पस्त हो जाएँगे। इनमें से कुछ तो बहुत दूर से आए हैं।” चेले उससे कहते हैं, “यहाँ इस सुनसान जगह पर कोई कहाँ से इतनी रोटियाँ लाएगा कि ये जी-भरकर खा सकें?”​—मरकुस 8:2-4.

यीशु उनसे पूछता है, “तुम्हारे पास कितनी रोटियाँ हैं?” वे कहते हैं, “सात। और कुछ छोटी मछलियाँ भी हैं।” (मत्ती 15:34) फिर यीशु लोगों को ज़मीन पर बैठने के लिए कहता है और हाथ में रोटियाँ और मछलियाँ लेकर परमेश्‍वर से प्रार्थना करता है। वह उन्हें तोड़ता है और चेलों को देता है। और चेले लोगों में बाँटते हैं। वहाँ करीब 4,000 आदमी हैं और उनके अलावा औरतें और बच्चे भी हैं। सब जी-भरकर खाते हैं और इसके बाद भी इतना खाना बच जाता है कि उसे सात बड़े टोकरों में रख दिया जाता है।

यीशु अब भीड़ को विदा कर देता है। फिर वह चेलों के साथ नाव पर चढ़कर मगदन के इलाके में आ जाता है जो गलील झील के पश्‍चिमी तट पर है। यहाँ फरीसी और सदूकी यीशु के पास आते हैं। वे उसकी परीक्षा लेने के लिए उससे कहते हैं कि वह उन्हें स्वर्ग से एक चिन्ह दिखाए।

यीशु जानता है कि उनके इरादे ठीक नहीं है, इसलिए वह उनसे कहता है, “जब शाम होती है तो तुम कहते हो, ‘मौसम साफ रहेगा क्योंकि आसमान का रंग चटक लाल है।’ फिर सुबह के वक्‍त कहते हो, ‘आज मौसम सर्द और बरसाती होगा क्योंकि आसमान का रंग लाल तो है, मगर बादल छाए हैं।’ तुम आसमान को देखकर उसका मतलब समझाना तो जानते हो, मगर समय की निशानियाँ देखकर उनका मतलब समझाना नहीं जानते।” (मत्ती 16:2, 3) फिर वह कहता है कि उन्हें योना के चिन्ह को छोड़ कोई और चिन्ह नहीं दिया जाएगा।

यीशु और उसके चेले नाव पर चढ़कर बैतसैदा की तरफ निकल पड़ते हैं। रास्ते में चेलों को याद आता है कि वे रोटियाँ लाना भूल गए। उनके पास सिर्फ एक ही रोटी है। कुछ देर पहले फरीसियों से जो बात हुई थी, उसी को ध्यान में रखकर यीशु कहता है, “अपनी आँखें खुली रखो और फरीसियों के खमीर और हेरोदेस के खमीर से चौकन्‍ने रहो।” खमीर के बारे में सुनते ही चेले सोचते हैं कि यीशु उनसे कह रहा है कि वे रोटियाँ लाना क्यों भूल गए। यीशु उनसे कहता है, “तुम इस बात पर क्यों बहस कर रहे हो कि तुम्हारे पास रोटियाँ नहीं हैं?”​—मरकुस 8:15-17.

यीशु ने अभी-अभी चमत्कार करके हज़ारों लोगों को रोटियाँ खिलायी थीं। चेलों को मालूम होना चाहिए कि यीशु रोटियों की चिंता नहीं कर रहा है। वह उनसे पूछता है, ‘जब मैंने 5,000 आदमियों के लिए पाँच रोटियाँ तोड़ीं, तब तुमने कितनी टोकरियों में टुकड़े इकट्ठे किए?’ वे कहते हैं, “बारह।” ‘जब मैंने 4,000 आदमियों के लिए सात रोटियाँ तोड़ीं, तब तुमने बचे हुए टुकड़ों के कितने बड़े टोकरे उठाए?’ वे कहते हैं, “सात।”​—मरकुस 8:18-20.

फिर वह उनसे कहता है, “तुम यह क्यों नहीं समझ पाए कि मैंने तुमसे रोटियों के बारे में नहीं कहा बल्कि यह कहा कि तुम फरीसियों और सदूकियों के खमीर से चौकन्‍ने रहो?”​—मत्ती 16:11.

अब चेले समझ जाते हैं कि यीशु क्या कहना चाह रहा है। खमीर को किसी चीज़ में मिलावट होने की निशानी माना जाता है। चेलों को फरीसियों और सदूकियों की शिक्षाओं से बचकर रहना है, क्योंकि उनकी शिक्षाएँ लोगों को भ्रष्ट कर देती हैं।​—मत्ती 16:12.