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अध्याय 121

“हिम्मत रखो! मैंने इस दुनिया पर जीत हासिल कर ली है”

“हिम्मत रखो! मैंने इस दुनिया पर जीत हासिल कर ली है”

यूहन्‍ना 16:1-33

  • कुछ देर बाद प्रेषित यीशु को नहीं देख पाएँगे

  • प्रेषितों का दुख खुशी में बदल जाएगा

यीशु और उसके प्रेषित ऊपर के कमरे से निकलनेवाले हैं। यीशु ने उन्हें काफी सलाह दी है। वह उनसे कहता है, “मैंने तुमसे ये बातें इसलिए कही हैं कि तुम डगमगा न जाओ। लोग तुम्हें सभा-घर से बेदखल कर देंगे। यही नहीं, ऐसा समय आ रहा है जब हर कोई जो तुम्हें मार डालेगा, यह सोचेगा कि उसने परमेश्‍वर की पवित्र सेवा की है।”—यूहन्‍ना 16:1, 2.

यह बात सुनकर प्रेषित दुखी हो गए होंगे। उसने पहले भी उनसे कहा था कि दुनिया उनसे नफरत करेगी। लेकिन यह नहीं बताया था कि लोग उन्हें मार डालेंगे। वह कहता है, “मैंने ये बातें तुम्हें पहले नहीं बतायी थीं क्योंकि मैं तुम्हारे साथ था।” (यूहन्‍ना 16:4) अब वह उन्हें छोड़कर जा रहा है, इसलिए उन्हें बता रहा है कि उनके साथ क्या होगा ताकि वे मुश्‍किलों का सामना कर सकें और ठोकर न खाएँ।

यीशु कहता है, “अब मैं अपने भेजनेवाले के पास जा रहा हूँ, फिर भी तुममें से कोई मुझसे नहीं पूछ रहा कि तू कहाँ जा रहा है?” इससे पहले शाम को चेलों ने उससे पूछा था कि वह कहाँ जा रहा है। (यूहन्‍ना 13:36; 14:5; 16:5) मगर अब जब यीशु ने कहा कि उन पर ज़ुल्म किए जाएँगे, तो वे अपने बारे में सोचकर दुखी हो जाते हैं। इसलिए यीशु को जो महिमा मिलनेवाली है और उसकी बदौलत परमेश्‍वर के लोगों को जो आशीषें मिलेंगी, वे उस बारे में नहीं पूछते। यीशु कहता है, “मैंने जो ये बातें तुमसे कही हैं इसलिए तुम्हारा दिल बहुत दुखी है।”—यूहन्‍ना 16:6.

फिर यीशु कहता है, “मैं तुम्हारे ही भले के लिए जा रहा हूँ। इसलिए कि अगर मैं नहीं जाऊँगा, तो वह मददगार हरगिज़ तुम्हारे पास नहीं आएगा। लेकिन अगर मैं जाऊँगा, तो मैं उसे तुम्हारे पास भेजूँगा।” (यूहन्‍ना 16:7) अगर यीशु की मौत होगी और वह स्वर्ग जाएगा, तो ही चेलों को पवित्र शक्‍ति मिलेगी। पवित्र शक्‍ति यहोवा के लोगों की मदद कर सकती है फिर चाहे वे दुनिया के किसी भी कोने में रहते हों।

पवित्र शक्‍ति ‘दुनिया के सामने पाप, नेकी और न्याय के ठोस सबूत पेश करेगी।’ (यूहन्‍ना 16:8) पवित्र शक्‍ति दिखा देगी कि दुनिया के लोगों ने पाप किया है, क्योंकि उन्होंने परमेश्‍वर के बेटे पर विश्‍वास नहीं किया है। पवित्र शक्‍ति साबित कर देगी कि यीशु स्वर्ग चला गया है और वह नेक है और इस ‘दुनिया का राजा’ शैतान क्यों सज़ा के लायक है।—यूहन्‍ना 16:11.

यीशु कहता है, “मुझे तुमसे और भी बहुत-सी बातें कहनी हैं, मगर इस वक्‍त तुम इन्हें नहीं समझ सकते।” जब यीशु उन पर पवित्र शक्‍ति उँडेलेगा, तो उन्हें सच्चाई की “पूरी समझ” मिलेगी और वे सच्चाई के मुताबिक जी पाएँगे।—यूहन्‍ना 16:12, 13.

फिर यीशु कहता है, “अब से थोड़ी देर बाद तुम मुझे नहीं देखोगे और फिर थोड़ी देर बाद तुम मुझे देखोगे।” चेले उलझन में पड़ जाते हैं और एक-दूसरे से पूछते हैं कि यीशु क्या कह रहा है। यीशु समझ जाता है कि चेले इस बात का मतलब पूछना चाहते हैं। वह कहता है, “मैं तुमसे सच-सच कहता हूँ, तुम रोओगे और मातम मनाओगे मगर दुनिया खुशियाँ मनाएगी। तुम्हें दुख होगा मगर तुम्हारा दुख खुशी में बदल जाएगा।” (यूहन्‍ना 16:16, 20) कुछ समय बाद जब यीशु को मार डाला जाएगा, तो धर्म-गुरु खुशियाँ मनाएँगे, लेकिन चेले दुखी होंगे। मगर जब यीशु ज़िंदा हो जाएगा, तो उनका दुख खुशी में बदल जाएगा। फिर जब उन्हें पवित्र शक्‍ति मिलेगी, तो वे तब भी खुश होंगे।

प्रेषितों का दुख कैसे खुशी में बदल जाएगा, यह समझाने के लिए यीशु एक मिसाल बताता है: “एक औरत जब बच्चे को जन्म देनेवाली होती है, तो उसे दर्द होता है क्योंकि उसकी घड़ी आ गयी है। मगर जब वह बच्चे को जन्म दे देती है, तो वह अपना दर्द भूल जाती है और अपने बच्चे को देखकर खुश हो जाती है।” यीशु चेलों का हौसला बढ़ाने के लिए कहता है, “उसी तरह, तुम भी अभी दुख मना रहे हो। मगर जब मैं तुमसे दोबारा मिलूँगा, तब तुम्हारा दिल खुशी से भर जाएगा और कोई भी तुम्हारी खुशी नहीं छीन सकेगा।”—यूहन्‍ना 16:21, 22.

अब तक प्रेषितों ने कभी यीशु के नाम से यहोवा से बिनती नहीं की है। मगर अब वह उनसे कहता है, “उस दिन तुम मेरे नाम से पिता से प्रार्थना करोगे।” उन्हें यीशु के नाम से क्यों बिनती करनी है? क्या पिता से सीधे प्रार्थना करने से वह नहीं सुन रहा है? ऐसी बात नहीं है। यीशु कहता है, “पिता खुद तुमसे लगाव रखता है क्योंकि तुम मुझसे लगाव रखते हो और तुमने यकीन किया है कि मैं परमेश्‍वर की तरफ से आया हूँ।”—यूहन्‍ना 16:26, 27.

यीशु की बातों से प्रेषितों को बहुत हिम्मत मिलती है। वे कहते हैं, “हमें यकीन है कि तू परमेश्‍वर की तरफ से आया है।” लेकिन कुछ समय बाद जब उन पर मुश्‍किलें आएँगी, तब भी क्या उनका विश्‍वास मज़बूत रहेगा? यीशु बताता है कि कुछ ही देर में क्या होनेवाला है: “देखो! वह घड़ी आ रही है, दरअसल आ चुकी है, जब तुम सब तितर-बितर हो जाओगे और अपने-अपने घर चले जाओगे और मुझे अकेला छोड़ दोगे।” फिर वह उनकी हिम्मत बँधाता है: “मैंने तुमसे ये बातें इसलिए कही हैं ताकि मेरे ज़रिए तुम शांति पा सको। दुनिया में तुम्हें तकलीफें झेलनी पड़ेंगी, मगर हिम्मत रखो! मैंने इस दुनिया पर जीत हासिल कर ली है।” (यूहन्‍ना 16:30-33) यीशु भले ही उन्हें छोड़कर जा रहा है, लेकिन वह उनकी मदद करता रहेगा। उसे पूरा यकीन है कि वे भी उसकी तरह दुनिया पर जीत हासिल करेंगे। कैसे? शैतान और उसके लोग उन्हें चाहे कितना भी सताएँ, वे यहोवा की मरज़ी पूरी करते रहेंगे।