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अध्याय 136

गलील झील के किनारे

गलील झील के किनारे

यूहन्‍ना 21:1-25

  • गलील झील के किनारे यीशु चेलों को दिखायी देता है

  • पतरस और दूसरे आदमी भेड़ों को खिलाएँगे

यीशु ने अपनी मौत से पहले आखिरी शाम प्रेषितों से कहा था, “जब मुझे ज़िंदा कर दिया जाएगा, तो मैं तुमसे पहले गलील जाऊँगा।” (मत्ती 26:32; 28:7, 10) अब बहुत-से चेले सफर करके गलील जाते हैं। मगर वहाँ उन्हें करना क्या है?

कुछ वक्‍त बाद पतरस छः प्रेषितों से कहता है, “मैं मछली पकड़ने जा रहा हूँ।” तब वे छः के छः कहते हैं, “हम भी तेरे साथ चलते हैं।” (यूहन्‍ना 21:3) मगर पूरी रात मेहनत करने पर भी उन्हें एक भी मछली नहीं मिलती। जब सुबह होने लगती है, तो यीशु समुंदर किनारे दिखायी देता है। मगर वे उसे पहचानते नहीं। यीशु उनसे कहता है, “बच्चो, क्या तुम्हारे पास खाने के लिए कुछ है?” वे कहते हैं, “नहीं!” वह उनसे कहता है, “नाव के दायीं तरफ जाल डालो और तुम्हें कुछ मछलियाँ मिलेंगी।” (यूहन्‍ना 21:5, 6) तब जाल में इतनी सारी मछलियाँ आ फँसती हैं कि वे जाल को खींच नहीं पाते।

तब यूहन्‍ना यीशु को पहचान लेता है। वह पतरस से कहता है, “यह तो प्रभु है!” (यूहन्‍ना 21:7) पतरस फौरन चोगा बाँध लेता है, क्योंकि मछलियाँ पकड़ते वक्‍त उसने चोगा नहीं पहना था। फिर वह समुंदर में कूद पड़ता है और करीब सौ मीटर तक तैरता हुआ किनारे जाता है। बाकी चेले धीरे-धीरे नाव से आते हैं, क्योंकि नाव मछलियों से भरी हुई है।

किनारे पहुँचने पर वे देखते हैं कि “जलते कोयलों पर मछलियाँ रखी हुई हैं और रोटी भी है।” यीशु उनसे कहता है, “तुमने अभी-अभी जो मछलियाँ पकड़ी हैं उनमें से कुछ ले आओ।” तब पतरस जाल को खींच लाता है। उसमें 153 बड़ी मछलियाँ होती हैं। यीशु उनसे कहता है, “आओ, नाश्‍ता कर लो।” उनमें से कोई यह पूछने की हिम्मत नहीं करता कि “तू कौन है?” वे समझ जाते हैं कि यह यीशु है। (यूहन्‍ना 21:9-12) यह तीसरी बार है जब यीशु इतने चेलों को एक-साथ दिखायी दिया।

यीशु हर चेले को खाने के लिए रोटी और मछली देता है। फिर शायद वह मछलियों के ढेर को देखकर पतरस से पूछता है, “क्या तू इनसे ज़्यादा मुझसे प्यार करता है?” पतरस को कौन-सा काम ज़्यादा पसंद है? मछुवाई का कारोबार या वह काम जो यीशु चाहता है कि वह करे? पतरस कहता है, “हाँ प्रभु, तू जानता है कि मुझे तुझसे कितना प्यार है।” यीशु उससे कहता है, “मेरे मेम्नों को खिला।”—यूहन्‍ना 21:15.

यीशु उससे दोबारा पूछता है, “क्या तू मुझसे प्यार करता है?” पतरस को शायद समझ में नहीं आता कि यीशु फिर से क्यों पूछ रहा है। वह कहता है, “हाँ प्रभु, तू जानता है कि मुझे तुझसे कितना प्यार है।” यीशु उससे दोबारा वही कहता है, “चरवाहे की तरह मेरी छोटी भेड़ों की देखभाल कर।”—यूहन्‍ना 21:16.

तीसरी बार यीशु उससे पूछता है, “क्या तू मुझसे प्यार करता है?” अब पतरस को लगता है कि यीशु शक कर रहा है कि क्या वह यीशु की बात मानेगा। इसलिए पतरस ज़ोर देकर कहता है, “प्रभु, तू सबकुछ जानता है। तू यह भी जानता है कि मैं तुझसे कितना प्यार करता हूँ।” यीशु एक बार फिर उससे कहता है, “मेरी छोटी भेड़ों को खिला।” (यूहन्‍ना 21:17) यीशु यही कह रहा है कि जिन्हें परमेश्‍वर की भेड़ों की देखभाल करने की ज़िम्मेदारी दी गयी है, उन्हें भेड़ों की सेवा करनी चाहिए।

यीशु ने वह काम किया जो परमेश्‍वर ने उसे दिया था, इसलिए उसे बाँध दिया गया और मार डाला गया। यीशु पतरस को बताता है कि उसके साथ भी कुछ ऐसा ही होगा: “जब तू जवान था तो खुद कपड़े पहनता था और जहाँ चाहे वहाँ जाता था। मगर जब तू बूढ़ा होगा, तो तू अपने हाथ आगे बढ़ाएगा और कोई दूसरा आदमी तुझे कपड़े पहनाएगा और जहाँ तू नहीं चाहेगा वहाँ तुझे ले जाएगा।” फिर यीशु उससे कहता है कि ऐसा होने पर भी वह यीशु के पीछे चलता रहे।—यूहन्‍ना 21:18, 19.

पतरस प्रेषित यूहन्‍ना को देखकर यीशु से पूछता है, “प्रभु, इस आदमी का क्या होगा?” वह जानना चाहता है कि यूहन्‍ना का क्या होगा जिससे यीशु सबसे ज़्यादा प्यार करता है। यीशु उससे कहता है, “अगर मेरी मरज़ी है कि यह मेरे आने तक रहे, तो तुझे इससे क्या?” (यूहन्‍ना 21:21-23) पतरस को यह चिंता नहीं करनी है कि दूसरे क्या करेंगे। उसे बस यीशु के पीछे चलते जाना है। पर यीशु इतना ज़रूर बताता है कि यूहन्‍ना बाकी प्रेषितों से ज़्यादा साल जीएगा। और उसे एक दर्शन में दिखाया जाएगा कि यीशु कैसे राज करने का अधिकार पाकर वापस आता है।

यीशु ने और भी बहुत सारे काम किए। मगर उन सबके बारे में खर्रों में नहीं लिखा गया, क्योंकि इतनी सारी बातें खर्रों में नहीं समा सकतीं।