अध्याय 139
यीशु अपनी ज़िम्मेदारी पूरी करेगा
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भेड़ों और बकरियों का भविष्य
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फिरदौस में लोग खुशी से जीएँगे
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यीशु राह, सच्चाई और जीवन साबित होता है
यीशु के बपतिस्मे के फौरन बाद शैतान उसके पास आया था। और इससे पहले कि यीशु प्रचार काम शुरू करे शैतान ने उससे परमेश्वर की आज्ञा तुड़वाने की कोशिश की मगर वह ऐसा नहीं कर पाया। बाद में एक बार यीशु ने कहा कि उस पर शैतान का “कोई ज़ोर नहीं चलता।”—यूहन्ना 14:30.
प्रेषित यूहन्ना ने एक दर्शन में देखा कि इंसान के सबसे बड़े दुश्मन शैतान का आगे चलकर क्या होता। उसे स्वर्ग से धरती पर फेंक दिया जाता और वह ‘बड़े क्रोध में धरती पर आता क्योंकि उसका बहुत कम वक्त बाकी रह जाता।’ (प्रकाशितवाक्य 12:9, 12) आज इस बात के कई सबूत हैं कि शैतान का बहुत कम वक्त रह गया है। बहुत जल्द उसे अथाह-कुंड में डाल दिया जाएगा और वहाँ वह हज़ार साल तक कैद रहेगा। तब शैतान कुछ नहीं कर पाएगा, मगर यीशु परमेश्वर के राज में हुकूमत करेगा।—प्रकाशितवाक्य 20:1, 2.
उन हज़ार सालों में धरती पर क्या होगा? धरती कैसी होगी और यहाँ कौन रहेंगे? इसका जवाब यीशु ने भेड़ों और बकरियों की मिसाल में बताया। भेड़ समान लोग यानी नेक जन यीशु के भाइयों की मदद करते हैं और उनका भला करते हैं, इसलिए उन्हें “हमेशा की ज़िंदगी” मिलेगी। और बकरी समान लोगों का हमेशा के लिए नाश हो जाएगा, क्योंकि वे मसीह के भाइयों की मदद नहीं करते।—मत्ती 25:46.
इससे पता चलता है कि यीशु ने काठ पर लटकाए गए अपराधी से जो कहा था उसका क्या मतलब है। यीशु ने उससे यह वादा नहीं किया कि वह परमेश्वर के राज में हुकूमत करेगा। यीशु ने उस आदमी से कहा था, “मैं आज तुझसे सच कहता हूँ, तू मेरे साथ फिरदौस में होगा।” (लूका 23:43) जब धरती एक खूबसूरत बाग बन जाएगी, तो उस आदमी को वहाँ ज़िंदा किया जाएगा और उसे वहाँ जीने का मौका मिलेगा। और आज जो लोग भेड़ समान हैं उन्हें भी वहाँ “हमेशा की ज़िंदगी” मिलेगी।
प्रेषित यूहन्ना ने भी बताया कि आगे चलकर धरती कैसी होगी: “परमेश्वर का डेरा इंसानों के बीच है। वह प्रकाशितवाक्य 21:3, 4.
उनके साथ रहेगा और वे उसके लोग होंगे। और परमेश्वर खुद उनके साथ होगा। और वह उनकी आँखों से हर आँसू पोंछ देगा और न मौत रहेगी, न मातम, न रोना-बिलखना, न ही दर्द रहेगा। पिछली बातें खत्म हो चुकी हैं।”—फिरदौस में ऐसे कई लोगों को ज़िंदा किया जाएगा जिनकी मौत हो गयी है। यीशु ने कहा था, “वह वक्त आ रहा है जब वे सभी, जो स्मारक कब्रों में हैं उसकी आवाज़ सुनेंगे और बाहर निकल आएँगे। जिन्होंने अच्छे काम किए हैं, उनका ज़िंदा किया जाना जीवन पाने के लिए होगा और जो दुष्ट कामों में लगे रहे, उनका ज़िंदा किया जाना सज़ा पाने के लिए होगा।”—यूहन्ना 5:28, 29.
जो वफादार प्रेषित और दूसरे लोग स्वर्ग में जीवन पाएँगे, “वे परमेश्वर और मसीह के याजक होंगे और राजा बनकर उसके साथ 1,000 साल तक राज करेंगे।” (प्रकाशितवाक्य 20:6) इन्होंने खुद धरती पर ज़िंदगी बितायी है, इसलिए वे फिरदौस में जीनेवालों की कमज़ोरियाँ समझ सकेंगे और उनसे हमदर्दी रखेंगे।—प्रकाशितवाक्य 5:10.
यीशु लोगों को अपने फिरौती बलिदान से फायदा पहुँचाएगा और उन्हें पाप से छुड़ाएगा। जो लोग परमेश्वर की बात मानेंगे उन्हें यीशु और उसके साथ राज करनेवाले परिपूर्ण बना देंगे। तब लोग बिलकुल वैसी ज़िंदगी जीएँगे जैसी परमेश्वर ने शुरू में आदम और हव्वा के लिए चाही थी। और आदम के पाप करने की वजह से जो मौत आयी है वह भी नहीं होगी।
इस तरह हज़ार साल के खत्म होते-होते यीशु वह ज़िम्मेदारी पूरी कर देगा जो यहोवा ने उसे दी है। जो इंसान परिपूर्ण हो चुके होंगे उन्हें वह यहोवा के हाथ में सौंप देगा और राज करने का अधिकार भी उसे लौटा देगा। प्रेषित पौलुस ने लिखा कि यीशु कैसे नम्रता से ऐसा करेगा: “जब सबकुछ बेटे के अधीन कर दिया जाएगा, तब बेटा भी अपने आपको परमेश्वर के अधीन कर देगा जिसने सबकुछ उसके अधीन किया था ताकि परमेश्वर ही सबके लिए सबकुछ हो।”—1 कुरिंथियों 15:28.
तो जैसा हमने देखा परमेश्वर ने अपना मकसद पूरा करने के लिए यीशु को बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी दी है। और यीशु इस ज़िम्मेदारी को बहुत अच्छे-से निभाता है। और आगे भी हमेशा-हमेशा के लिए जब परमेश्वर का मकसद पूरा होता रहेगा, तो यीशु एक अहम ज़िम्मेदारी निभाता रहेगा, क्योंकि उसने कहा था, “मैं ही वह राह, सच्चाई और जीवन हूँ।”—यूहन्ना 14:6.