इस जानकारी को छोड़ दें

विषय-सूची को छोड़ दें

भाग 4

आखिरी छः महीनों में यहूदिया में सेवा

‘खेत के मालिक से बिनती करो कि वह मज़दूर भेजे।’​—लूका 10:2

आखिरी छः महीनों में यहूदिया में सेवा

इस भाग में

अध्याय 66

यीशु छप्परों के त्योहार के लिए यरूशलेम में है

यीशु की बातें सुननेवाले कुछ लोग क्यों सोचते हैं कि उसमें दुष्ट स्वर्गदूत समाया है?

अध्याय 67

‘आज तक किसी ने उसकी तरह बात नहीं की’

महासभा के लगभग सभी लोग यीशु का विरोध करते हैं, मगर उसका एक सदस्य यीशु के पक्ष में बात करता है।

अध्याय 68

परमेश्‍वर का बेटा “दुनिया की रौशनी” है

यीशु ने कहा था, “सच्चाई तुम्हें आज़ाद करेगी।” किससे आज़ाद करेगी?

अध्याय 69

उनका पिता अब्राहम है या शैतान?

यीशु बताता है कि अब्राहम के बच्चों को कैसे पहचाना जा सकता है और यीशु का पिता कौन है।

अध्याय 70

जन्म का अंधा आदमी देखने लगा

चेले यीशु से एक आदमी के बारे में पूछते हैं कि यह क्यों अंधा है? क्या इसने पाप किया था? या इसके माता-पिता ने पाप किया था? जब यीशु उसे चंगा कर देता है, तो कुछ लोग इस चमत्कार पर यकीन करते हैं तो कुछ नहीं।

अध्याय 71

उस आदमी से पूछताछ जो पहले अंधा था

जो आदमी पहले अंधा था उसकी बात फरीसी काट नहीं पाते, इसलिए भड़क जाते हैं। उसके माता-पिता को डर है कि फरीसी उसे सभा-घर से बेदखल कर देंगे। फरीसी ऐसा ही करते हैं।

अध्याय 72

यीशु 70 चेलों को प्रचार करने भेजता है

यहूदिया में यीशु 70 चेलों की दो-दो की जोड़ी बनाता है और उन्हें राज के बारे में प्रचार करने भेजता है। उन्हें लोगों से मिलने कहाँ जाना है? सभा-घरों में या लोगों के घर?

अध्याय 73

एक सामरी सच्चा पड़ोसी साबित हुआ

यीशु एक भले सामरी की कहानी बताकर कैसे एक ज़बरदस्त सीख देता है?

अध्याय 74

मेहमान-नवाज़ी और प्रार्थना के बारे में सलाह

यीशु मरियम और मारथा के घर जाता है। वह उन्हें मेहमान-नवाज़ी के बारे में क्या सिखाता है? बाद में वह चेलों को प्रार्थना के बारे में क्या सिखाता है?

अध्याय 75

सच्ची खुशी किस बात से मिलती है?

यीशु अपने विरोधियों को ‘परमेश्‍वर की शक्‍ति’ के बारे में बताता है और यह भी कि ‘परमेश्‍वर का राज कैसे उनके हाथ से निकल चुका है।’ वह यह भी बताता है कि सच्ची खुशी किस बात से मिलती है।

अध्याय 76

एक फरीसी के यहाँ दावत

यीशु फरीसियों और शास्त्रियों का परदाफाश करता है कि वे धर्मी होने का ढोंग करते हैं। वे लोगों से कैसा बोझ उठाने के लिए ज़बरदस्ती करते हैं?

अध्याय 77

यीशु दौलत न बटोरने की सलाह देता है

यीशु ने एक अमीर आदमी की मिसाल बतायी जो बड़े-बड़े गोदाम बनवाता है। उसने दौलत के पीछे न भागने के बारे में क्या सलाह दी जो उसने पहले भी दी थी?

अध्याय 78

विश्‍वासयोग्य प्रबंधक, तैयार रहो!

यीशु चाहता है कि उसके चेलों का परमेश्‍वर के साथ रिश्‍ता मज़बूत रहे। इस मामले में प्रबंधक कैसे उनकी मदद करेगा? तैयार रहने की सलाह मानना क्यों ज़रूरी है?

अध्याय 79

विश्‍वास न करनेवालों का नाश क्यों होगा?

यीशु कहता है कि वह जिन लोगों को समझाने की कोशिश कर रहा है, वे अगर पश्‍चाताप नहीं करेंगे, तो उनका नाश हो जाएगा। यीशु उनसे इस बारे में सोचने के लिए कहता है कि क्या परमेश्‍वर उनसे खुश है। क्या वे इस बात पर ध्यान देंगे?

अध्याय 80

अच्छा चरवाहा और भेड़शालाएँ

यीशु एक भेड़ों और चरवाहे की जो मिसाल बताता है उससे पता चलता है कि वह अपने चेलों के बारे में कैसा महसूस करता है। क्या लोग उसकी शिक्षाओं को मानेंगे और उसके पीछे चलेंगे?

अध्याय 81

यीशु, पिता एक हैं, लेकिन यीशु परमेश्‍वर नहीं है

यीशु के कुछ विरोधी उस पर इलज़ाम लगाते हैं कि वह खुद को परमेश्‍वर के बराबर बता रहा है। वह उन्हें कैसे समझदारी से जवाब यीशु, पिता एक हैं, लेकिन यीशु परमेश्‍वर नहीं है देता है और उनके इलज़ामों को गलत साबित करता है?