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अध्याय 70

जन्म का अंधा आदमी देखने लगा

जन्म का अंधा आदमी देखने लगा

यूहन्‍ना 9:1-18

  • एक भिखारी जो जन्म से अंधा है चंगा होता है

यीशु अब भी यरूशलेम में है और आज सब्त का दिन है। वह चेलों के साथ कहीं जा रहा होता है, तो रास्ते में एक भिखारी को देखता है जो जन्म से अंधा है। चेले यीशु से पूछते हैं “गुरु, किसने पाप किया था कि यह अंधा पैदा हुआ? इसने या इसके माता-पिता ने?”​—यूहन्‍ना 9:2.

चेले जानते हैं कि यह पिछले जन्म के पापों की सज़ा नहीं हो सकती जैसा कुछ लोग मानते हैं। मगर वे जानना चाहते हैं कि क्या इस आदमी ने अपनी माँ के गर्भ में पाप किया था। यीशु उनसे कहता है, “न तो इस आदमी ने पाप किया, न इसके माता-पिता ने। मगर यह इसलिए हुआ कि इसके मामले में परमेश्‍वर के काम ज़ाहिर हों।” (यूहन्‍ना 9:3) आदम के पाप की वजह से सभी इंसान जन्म से असिद्ध हैं और उनमें खामियाँ होती हैं। यह आदमी भी आदम के पाप की वजह से अंधा पैदा हुआ है, न कि खुद के या अपने माता-पिता के पाप की वजह से। अब यीशु इस आदमी को चंगा करके परमेश्‍वर के काम ज़ाहिर करना चाहता है, जैसे उसने पहले भी किया था।

यीशु कहता है कि उसे ये काम जल्द-से-जल्द करने हैं: “जिसने मुझे भेजा है उसके काम हमें दिन रहते ही कर लेने चाहिए। वह रात आ रही है जब कोई आदमी काम नहीं कर सकेगा। जब तक मैं दुनिया में हूँ, मैं दुनिया की रौशनी हूँ।” (यूहन्‍ना 9:4, 5) जल्द ही यीशु की मौत हो जाएगी। तब वह कब्र के अंधेरे में गुम हो जाएगा और वहाँ कोई काम नहीं कर सकेगा। मगर तब तक दुनिया को उससे रौशनी मिलती रहेगी।

पर क्या वाकई में यीशु इस आदमी को चंगा करेगा? अगर करेगा, तो कैसे? यीशु ज़मीन पर थूकता है और थूक में मिट्टी मिलाकर लेप बनाता है। फिर उसे अंधे आदमी की आँखों पर लगाकर उससे कहता है, “जा और जाकर सिलोम के कुंड में धो ले।” (यूहन्‍ना 9:7) जब वह आदमी ऐसा करता है, तो वह देखने लगता है। ज़िंदगी में पहली बार वह देख पा रहा है! क्या आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि वह कैसे खुशी से उछल गया होगा?

बाद में जब उसके पड़ोसी और दूसरे लोग उसे देखते हैं, तो वे दंग रह जाते हैं। वे कहते हैं, “यह तो वही आदमी है न, जो पहले बैठकर भीख माँगता था?” कुछ कहते हैं, “हाँ-हाँ यह वही है।” दूसरे कहते हैं, “नहीं यह वह नहीं है, मगर उसी के जैसा दिखता है।” तब वह आदमी कहता है, “मैं वही हूँ।”​—यूहन्‍ना 9:8, 9.

फिर लोग उससे पूछते हैं, “तेरी आँखें कैसे ठीक हो गयीं?” वह कहता है, “यीशु नाम के आदमी ने मिट्टी का लेप बनाकर मेरी आँखों पर लगाया और मुझसे कहा, ‘जाकर सिलोम में धो ले।’ जब मैंने जाकर अपनी आँखें धोयीं तो मुझे दिखने लगा।” वे उससे पूछते हैं, “कहाँ है वह आदमी?” वह कहता है, “मैं नहीं जानता।”​—यूहन्‍ना 9:10-12.

लोग उस आदमी को फरीसियों के पास ले जाते हैं। फरीसी उससे पूछते हैं कि उसकी आँखें कैसे ठीक हुईं। वह बताता है, “उसने मेरी आँखों पर मिट्टी का लेप लगाया और जब मैंने आँखें धोयीं तो मुझे दिखायी देने लगा।” फरीसियों को खुश होना चाहिए कि वह देख पा रहा है। मगर वे खुश होने के बजाय यीशु में नुक्स निकालते हैं, “वह आदमी परमेश्‍वर की तरफ से नहीं है क्योंकि वह सब्त को नहीं मानता।” मगर कुछ लोग कहते हैं, “एक पापी भला इस तरह के चमत्कार कैसे कर सकता है?” (यूहन्‍ना 9:15, 16) उनमें फूट पड़ जाती है।

फिर वे उस आदमी से पूछते हैं, “उसने तेरी आँखें खोली हैं, तू उसके बारे में क्या कहता है?” वह पूरे यकीन के साथ कहता है कि यीशु एक भविष्यवक्‍ता है।​—यूहन्‍ना 9:17.

मगर फरीसी इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्हें लगता है कि यीशु और इस आदमी ने मिलकर लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए कोई चाल चली है। वे कहते हैं कि अब इस मसले को सुलझाने का एक ही तरीका है, इस आदमी के माता-पिता को बुलाकर उनसे पूछा जाए कि क्या यह सच में अंधा था।