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अध्याय सात

जिनकी मौत हो गयी है उन्हें ज़िंदा किया जाएगा!

जिनकी मौत हो गयी है उन्हें ज़िंदा किया जाएगा!

1-3. (क) हम सब किसकी कैद में हैं? (ख) यहोवा हमें उस कैद से कैसे छुड़ाएगा?

मान लीजिए आपको उम्र कैद की सज़ा मिली है और वह भी उस अपराध के लिए जो आपने किया ही नहीं। ऐसे में आप शायद खुद को बहुत बेबस महसूस करें। आपको शायद लगे कि अब आप कैद से कभी छूट नहीं पाएँगे। लेकिन तभी आपको पता चलता है कि एक व्यक्‍ति है जो आपको कैद से छुड़ा सकता है और उसने वादा किया है कि वह आपको ज़रूर छुड़ाएगा! यह जानकर आपको कैसा लगेगा?

2 हम सबको मौत ने कैद कर रखा है। हम चाहे जो कर लें, उसकी कैद से नहीं छूट सकते। लेकिन यहोवा के पास हमें छुड़ाने की ताकत है। उसने वादा किया है, “सबसे आखिरी दुश्‍मन जो मिटा दिया जाएगा, वह है मौत।”—1 कुरिंथियों 15:26.

3 ज़रा सोचिए, जब मौत नहीं रहेगी तो हम क्या ही राहत की साँस लेंगे! मगर यहोवा सिर्फ मौत को ही नहीं मिटाएगा बल्कि जो मर गए हैं उन्हें भी ज़िंदा करेगा। क्या आप जानते हैं कि इसका क्या मतलब है? हमारे अपने जो अब नहीं रहे हम उनसे दोबारा मिल पाएँगे! यहोवा वादा करता है कि जिन लोगों की मौत हो गयी है उन्हें ज़िंदा किया जाएगा।—यशायाह 26:19.

जब हमारे अपनों की मौत हो जाती है

4. (क) जब परिवार का कोई सदस्य या हमारा कोई दोस्त मर जाता है तो हमें कहाँ से दिलासा मिल सकता है? (ख) यीशु के कुछ दोस्त कौन थे?

4 जब हमारे परिवार का कोई सदस्य या हमारा कोई प्यारा दोस्त मर जाता है तो यह दर्द सहने से बाहर होता है। हम सोचते हैं, ‘काश! मैं उसे वापस ला सकता।’ लेकिन हम कुछ भी नहीं कर सकते। ऐसे में बाइबल से हमें सच्चा दिलासा मिल सकता है। (2 कुरिंथियों 1:3, 4 पढ़िए।) आइए एक उदाहरण पर गौर करें जो दिखाता है कि यहोवा और यीशु, दोनों हमारे उन अज़ीज़ों को ज़िंदा करना चाहते हैं जिनकी मौत हो गयी है। जब यीशु धरती पर था तो वह अकसर लाज़र और उसकी बहनों, मारथा और मरियम के घर जाया करता था। वे तीनों यीशु के अच्छे दोस्त थे। बाइबल बताती है कि यीशु उनसे “बहुत प्यार करता था।” फिर एक दिन लाज़र की मौत हो गयी।—यूहन्‍ना 11:3-5.

5, 6. (क) जब यीशु ने लाज़र की बहनों और दोस्तों को रोते हुए देखा तो उसने क्या किया? (ख) किसी के मरने पर जो दर्द होता है यीशु उसे समझता है, यह जानकर हमें क्यों दिलासा मिलता है?

5 यीशु, मारथा और मरियम को दिलासा देने गया। जब मारथा ने सुना कि यीशु आ रहा है तो वह उससे मिलने शहर के बाहर गयी। यीशु को देखकर वह खुश हुई, मगर उसने कहा, “प्रभु, अगर तू यहाँ होता तो मेरा भाई न मरता।” मारथा को लगा कि यीशु ने आने में बहुत देर कर दी है। फिर यीशु ने मरियम और दूसरों को रोते हुए देखा। यह देखकर यीशु का दिल भर आया और वह भी रोने लगा। (यूहन्‍ना 11:21, 33, 35) यीशु वह दर्द महसूस कर पाया जो किसी अपने की मौत होने पर हमें होता है।

6 क्या यह जानकर हमें दिलासा नहीं मिलता कि यीशु हमारा दर्द समझता है? यीशु ठीक अपने पिता जैसा है, इसलिए हम यकीन रख सकते हैं कि उसका पिता यहोवा भी हमारा यह दर्द समझता है। (यूहन्‍ना 14:9) यहोवा के पास मौत को हमेशा के लिए मिटाने की ताकत है और वह बहुत जल्द ऐसा करेगा भी।

“लाज़र, बाहर आ जा!”

7, 8. (क) मारथा क्यों नहीं चाहती थी कि गुफा से पत्थर हटाया जाए? (ख) लेकिन यीशु ने क्या किया?

7 लाज़र की लाश एक गुफा में रखी गयी थी और गुफा का मुँह एक बड़े पत्थर से बंद था। जब यीशु उस गुफा के पास आया तो उसने लोगों से कहा, “पत्थर को हटाओ।” लेकिन मारथा नहीं चाहती थी कि वे ऐसा करें। क्यों? क्योंकि लाज़र को मरे चार दिन हो चुके थे। (यूहन्‍ना 11:39) मारथा नहीं जानती थी कि यीशु क्या करनेवाला था।

जब लाज़र को ज़िंदा किया गया तो सोचिए उसके परिवारवाले और दोस्त कितने खुश हुए होंगे!—यूहन्‍ना 11:38-44

8 जब पत्थर हटाया गया तो यीशु ने कहा, “लाज़र, बाहर आ जा!” तब “वह जो मर चुका था बाहर निकल आया। उसके हाथ-पैर कफन की पट्टियों में लिपटे हुए थे।” (यूहन्‍ना 11:43, 44) लाज़र फिर से ज़िंदा हो गया! यह देखकर मारथा और मरियम की आँखें फटी-की-फटी रह गयीं। लाज़र को वापस पाकर उसका परिवार और दोस्त बहुत खुश हुए। अब वे उसे छू सकते थे, गले लगा सकते थे और उससे बातें कर सकते थे। यह एक बड़ा चमत्कार था! यीशु ने लाज़र को ज़िंदा कर दिया था।

“बच्ची, मैं तुझसे कहता हूँ, उठ!”

9, 10. (क) मरे हुओं को ज़िंदा करने की ताकत यीशु को किसने दी थी? (ख) मरे हुओं को ज़िंदा करने की जो घटनाएँ हैं उन्हें पढ़ना क्यों फायदेमंद है?

9 क्या यीशु ने अपनी ताकत से लाज़र को ज़िंदा किया था? नहीं! उसे ज़िंदा करने से पहले यीशु ने यहोवा से प्रार्थना की थी। और यहोवा ने उसे ताकत दी ताकि वह लाज़र को ज़िंदा कर सके। (यूहन्‍ना 11:41, 42 पढ़िए।) मगर यीशु ने सिर्फ लाज़र को ज़िंदा नहीं किया था। बाइबल बताती है कि उसने याइर नाम के एक आदमी की बेटी को भी ज़िंदा किया था, जो 12 साल की थी। वह बहुत बीमार थी। याइर किसी भी तरह उसे बचाना चाहता था क्योंकि वह उसकी इकलौती बेटी थी। उसने यीशु से मिन्‍नत की कि वह उसकी बेटी को ठीक कर दे। जब वह यीशु से बात कर ही रहा था कि तभी कुछ आदमियों ने आकर उससे कहा, “तेरी बेटी मर गयी! अब गुरु को और क्यों परेशान करें?” लेकिन यीशु ने याइर से कहा, “डर मत, बस विश्‍वास रख और वह बच जाएगी।” फिर वह याइर के साथ उसके घर गया। जब वे घर के पास पहुँचे तो यीशु ने देखा कि लोग रो रहे हैं। उसने उनसे कहा, “मत रोओ! लड़की मरी नहीं बल्कि सो रही है।” लड़की के माँ-बाप सोच में पड़ गए होंगे कि यीशु ने ऐसा क्यों कहा। यीशु ने सबको बाहर भेज दिया और लड़की के माँ-बाप को लेकर उस कमरे में गया जहाँ लड़की को लिटाया गया था। यीशु ने लड़की का हाथ पकड़कर उससे कहा, “बच्ची, मैं तुझसे कहता हूँ, उठ!” वह फौरन उठ गयी और चलने-फिरने लगी। यह देखकर उसके माँ-बाप बहुत खुश हुए! यीशु ने उनकी बेटी को ज़िंदा कर दिया। (मरकुस 5:22-24, 35-42; लूका 8:49-56) उस दिन के बाद से जब भी वे अपनी बेटी को देखते होंगे, वे याद करते होंगे कि यहोवा ने यीशु के ज़रिए उन पर कितना बड़ा एहसान किया है। *

10 जिन लोगों को यीशु ने ज़िंदा किया था वे बाद में दोबारा मर गए। फिर भी इन घटनाओं के बारे में पढ़ना हमारे लिए फायदेमंद है क्योंकि इनसे हमें एक सच्ची आशा मिलती है। वह यह कि यहोवा मरे हुओं को ज़िंदा करना चाहता है और वह ऐसा करेगा भी।

इन सच्ची घटनाओं से हम क्या सीखते हैं?

पतरस ने एक मसीही औरत यानी दोरकास को ज़िंदा किया था।—प्रेषितों 9:36-42

एलियाह ने एक विधवा के बेटे को ज़िंदा किया था।—1 राजा 17:17-24

11. सभोपदेशक 9:5 के मुताबिक, कब्र में लाज़र किस हाल में था?

11 बाइबल साफ-साफ बताती है, “मरे हुए कुछ नहीं जानते।” लाज़र के बारे में यह बात सच थी। (सभोपदेशक 9:5) वह मानो गहरी नींद सो रहा था, ठीक जैसे यीशु ने कहा था। (यूहन्‍ना 11:11) कब्र में लाज़र ‘कुछ नहीं जानता था।’

12. क्या सबूत है कि लाज़र को सचमुच मरे हुओं में से ज़िंदा किया गया था?

12 यीशु ने लाज़र को कई लोगों के सामने ज़िंदा किया था। यहाँ तक कि यीशु के दुश्‍मन भी जानते थे कि उसने यह चमत्कार किया है। और खुद लाज़र इस बात का जीता-जागता सबूत था। (यूहन्‍ना 11:47) यही नहीं, कई लोग आकर लाज़र से मिले और वे विश्‍वास करने लगे कि यीशु को परमेश्‍वर ने भेजा है। यह देखकर यीशु के दुश्‍मन गुस्से से भड़क उठे। वे यीशु और लाज़र को मार डालने की साज़िश करने लगे।—यूहन्‍ना 11:53; 12:9-11.

13. हम क्यों यकीन रख सकते हैं कि यहोवा मरे हुओं को ज़िंदा करेगा?

13 यीशु ने कहा था कि “जो स्मारक कब्रों में हैं” उन्हें ज़िंदा किया जाएगा। (यूहन्‍ना 5:28) इसका मतलब है कि यहोवा जिन्हें याद रखता है उन सबको वह ज़िंदा करेगा। लेकिन इसके लिए उसे उनकी छोटी-से-छोटी बात याद रखनी होगी। क्या वह ऐसा कर सकता है? ज़रा इस बात पर गौर कीजिए। आसमान में करोड़ों तारे हैं और बाइबल बताती है कि यहोवा उनमें से हरेक का नाम जानता है। (यशायाह 40:26 पढ़िए।) अगर वह एक-एक तारे का नाम याद रख सकता है, तो बेशक वह उन लोगों के बारे में छोटी-से-छोटी बात भी याद रख सकता है जिन्हें वह मरे हुओं में से ज़िंदा करेगा। इससे भी बड़ी बात यह है कि यहोवा ने सबकुछ बनाया है, इसलिए हम यकीन रख सकते हैं कि उसके पास मरे हुओं को ज़िंदा करने की ताकत है।

14, 15. अय्यूब ने जो कहा उससे हम यहोवा के बारे में क्या सीखते हैं?

14 परमेश्‍वर के वफादार सेवक अय्यूब को पक्का विश्‍वास था कि मरे हुओं को ज़िंदा किया जाएगा। उसने पूछा, “अगर एक इंसान मर जाए, तो क्या वह फिर ज़िंदा हो सकता है?” फिर खुद उसी ने यहोवा से कहा, “तू मुझे पुकारेगा और मैं जवाब दूँगा। अपने हाथ की रचना को देखने के लिए तू तरस रहा है।” जी हाँ, अय्यूब जानता था कि यहोवा उस वक्‍त का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा है जब वह मरे हुओं को ज़िंदा करेगा।—अय्यूब 14:13-15.

15 मरे हुए ज़िंदा किए जाएँगे, इस आशा के बारे में आप कैसा महसूस करते हैं? आप शायद सोचें, ‘मेरे परिवार के लोग और दोस्त जो अब नहीं रहे, क्या उन्हें भी ज़िंदा किया जाएगा?’ हम इस बात से दिलासा पा सकते हैं कि यहोवा सचमुच मरे हुओं को ज़िंदा करना चाहता है। लेकिन वह किन लोगों को ज़िंदा करेगा और वे कहाँ रहेंगे? आइए देखें कि इस बारे में बाइबल क्या कहती है।

वे “उसकी आवाज़ सुनेंगे और बाहर निकल आएँगे”

16. धरती पर जिन्हें ज़िंदा किया जाएगा उन्हें कैसी ज़िंदगी मिलेगी?

16 पुराने ज़माने में जिन लोगों को ज़िंदा किया गया था वे इसी धरती पर वापस अपने परिवारवालों और दोस्तों से मिले। भविष्य में भी यही होगा, लेकिन हालात और भी अच्छे होंगे। जिन्हें ज़िंदा किया जाएगा उनके पास धरती पर हमेशा जीने का मौका होगा, वे कभी नहीं मरेंगे। यही नहीं, उन्हें नयी दुनिया में ज़िंदा किया जाएगा, न कि इस दुनिया में जो युद्ध, अपराध और बीमारी से भरी पड़ी है।

17. किन लोगों को ज़िंदा किया जाएगा?

17 किन लोगों को ज़िंदा किया जाएगा? यीशु ने कहा, “वे सभी, जो स्मारक कब्रों में हैं उसकी आवाज़ सुनेंगे और बाहर निकल आएँगे।” (यूहन्‍ना 5:28, 29) प्रकाशितवाक्य 20:13 में लिखा है, “समुंदर ने उन मरे हुओं को जो उसमें थे, दे दिया और मौत और कब्र ने उन मरे हुओं को जो उनमें थे, दे दिया।” जी हाँ, करोड़ों लोगों को ज़िंदा किया जाएगा। पौलुस ने भी कहा, “अच्छे और बुरे, दोनों तरह के लोगों को मरे हुओं में से ज़िंदा किया जाएगा।” (प्रेषितों 24:15 पढ़िए।) इसका क्या मतलब है?

जब धरती एक सुंदर बगीचा बन जाएगी तब मरे हुए ज़िंदा किए जाएँगे और वे अपने परिवारवालों और दोस्तों से दोबारा मिल पाएँगे

18. ‘अच्छे लोगों’ में कौन शामिल हैं जिन्हें ज़िंदा किया जाएगा?

18 ‘अच्छे लोगों’ में वे लोग शामिल हैं जो यीशु के धरती पर आने से पहले जीए थे और जिन्होंने वफादारी से यहोवा की सेवा की थी। जैसे नूह, अब्राहम, सारा, मूसा, रूत और एस्तेर। इनमें से कुछ लोगों के बारे में आप इब्रानियों की किताब के अध्याय 11 में पढ़ सकते हैं। मगर हमारे समय में यहोवा के जो वफादार सेवक मर जाते हैं, उनके बारे में क्या? वे ‘अच्छे लोग’ हैं, इसलिए उन्हें भी ज़िंदा किया जाएगा।

19. (क) ‘बुरे लोगों’ में कौन शामिल हैं? (ख) यहोवा उन्हें क्या मौका देगा?

19 ‘बुरे लोगों’ में ऐसे करोड़ों लोग शामिल हैं जिन्हें यहोवा को जानने का मौका नहीं मिला। हालाँकि वे अब नहीं रहे मगर यहोवा उन्हें भूला नहीं है। वह उन्हें ज़िंदा करेगा और मौका देगा कि वे उसके बारे में सीखें और उसकी सेवा करें।

20. क्यों सबको ज़िंदा नहीं किया जाएगा?

20 क्या इसका मतलब यह है कि जितने लोग मर गए हैं उन सबको ज़िंदा किया जाएगा? नहीं। यीशु ने कहा था कि कुछ लोगों को ज़िंदा नहीं किया जाएगा। (लूका 12:5) यह कौन तय करेगा कि एक व्यक्‍ति को ज़िंदा किया जाएगा या नहीं? यहोवा ने यीशु को “जीवितों और मरे हुओं का न्यायी ठहराया है,” मगर इस मामले में आखिरी फैसला यहोवा सुनाएगा। (प्रेषितों 10:42) अगर मरने से पहले एक आदमी बुरे काम करता रहा और उसने कोई पछतावा नहीं दिखाया तो उसे ज़िंदा नहीं किया जाएगा।—“गेहन्‍ना” देखिए।

कुछ लोगों को स्वर्ग में जीवन दिया जाएगा

21, 22. (क) स्वर्ग जानेवालों को कैसा शरीर दिया जाएगा? (ख) सबसे पहला इंसान कौन था जिसे स्वर्ग में जीने के लिए ज़िंदा किया गया था?

21 बाइबल यह भी बताती है कि कुछ लोग मरने के बाद स्वर्ग जाएँगे। उन्हें इंसानी शरीर नहीं बल्कि एक अदृश्‍य शरीर दिया जाएगा।

22 इंसानों में से यीशु सबसे पहला था जिसे स्वर्ग में जीने के लिए ज़िंदा किया गया। (यूहन्‍ना 3:13) यीशु के मारे जाने के तीन दिन बाद यहोवा ने उसे ज़िंदा किया। (भजन 16:10; प्रेषितों 13:34, 35) लेकिन उसे इंसानी शरीर नहीं दिया गया। यीशु के एक चेले पतरस ने समझाया कि जब यीशु को “मार डाला गया तब उसका इंसानी शरीर था, मगर जब ज़िंदा किया गया तो उसे अदृश्‍य शरीर दिया गया।” (1 पतरस 3:18) यीशु को एक ताकतवर स्वर्गदूत के तौर पर ज़िंदा किया गया था। (1 कुरिंथियों 15:3-6) लेकिन बाइबल बताती है कि यीशु के अलावा दूसरों को भी स्वर्ग में जीवन दिया जाएगा।

23, 24. (क) किन लोगों को स्वर्ग में ज़िंदा किया जाएगा? (ख) “छोटे झुंड” की गिनती कितनी है?

23 अपनी मौत से पहले यीशु ने अपने वफादार चेलों से कहा, “मैं तुम्हारे लिए जगह तैयार करने जा रहा हूँ।” (यूहन्‍ना 14:2) इसका मतलब था कि उसके कुछ चेलों को स्वर्ग में उसके साथ रहने के लिए ज़िंदा किया जाएगा। लेकिन कितनों को? यीशु ने कहा कि एक “छोटे झुंड” को। इसका मतलब है कि स्वर्ग जानेवालों की गिनती कम होगी। (लूका 12:32) यीशु के चेले यूहन्‍ना ने बताया कि उनकी गिनती ठीक कितनी है। उसने एक दर्शन में देखा कि यीशु स्वर्ग में “सिय्योन पहाड़ पर खड़ा है और उसके साथ 1,44,000 जन खड़े हैं।”—प्रकाशितवाक्य 14:1.

24 इन 1,44,000 जनों को स्वर्ग में कब ज़िंदा किया जाएगा? बाइबल बताती है कि जब यीशु स्वर्ग में राज करना शुरू करेगा तब से उन्हें स्वर्ग में ज़िंदा किया जाएगा। (1 कुरिंथियों 15:23) आज हम उसी वक्‍त में जी रहे हैं और 1,44,000 जनों में से कइयों को स्वर्ग में ज़िंदा किया जा चुका है। और जो धरती पर बचे हुए हैं उनमें से जब किसी की मौत होती है तो उसे फौरन स्वर्ग में ज़िंदा किया जाता है। लेकिन ज़्यादातर मरे हुओं को इसी धरती पर, जो एक सुंदर बगीचा बन जाएगी, ज़िंदा किया जाएगा

25. अगले अध्याय में हम क्या सीखेंगे?

25 बहुत जल्द यहोवा इंसानों को मौत की कैद से छुड़ाएगा। मौत हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी! (यशायाह 25:8 पढ़िए।) लेकिन जो स्वर्ग जाएँगे वे वहाँ क्या करेंगे? बाइबल बताती है कि वे यीशु के साथ मिलकर परमेश्‍वर के राज में शासन करेंगे। इस राज के बारे में हम अगले अध्याय में सीखेंगे।

^ पैरा. 9 बाइबल में मरे हुओं को ज़िंदा करने की और भी सच्ची घटनाएँ दर्ज़ हैं। इनमें बताया गया है कि कैसे बूढ़े-जवान, आदमी-औरत, इसराएली और परदेसी को मरे हुओं में से ज़िंदा किया गया था। आप ये घटनाएँ इन आयतों में पढ़ सकते हैं: 1 राजा 17:17-24; 2 राजा 4:32-37; 13:20, 21; मत्ती 28:5-7; लूका 7:11-17; 8:40-56; प्रेषितों 9:36-42; 20:7-12.