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पाठ 2

परमेश्‍वर ने पहले आदमी और पहली औरत को बनाया

परमेश्‍वर ने पहले आदमी और पहली औरत को बनाया

यहोवा ने अदन नाम की जगह पर एक बाग लगाया। उस बाग में बहुत सारे फूल, पेड़-पौधे और जानवर थे। फिर परमेश्‍वर ने मिट्टी से पहले आदमी, आदम का शरीर बनाया और उसकी नाक में साँस फूँकी। जानते हो इसके बाद क्या हुआ? आदम ज़िंदा हो गया! यहोवा ने उसे एक काम दिया। उसने उससे कहा कि वह बाग की देखभाल करे और सभी जानवरों के नाम रखे।

यहोवा ने आदम को एक नियम दिया जिसे मानना बहुत ज़रूरी था। उसने आदम से कहा, ‘तू सब पेड़ों का फल खा सकता है, सिर्फ एक पेड़ को छोड़कर जो बहुत खास है। अगर तू उसका फल खाएगा तो मर जाएगा।’

बाद में यहोवा ने कहा, ‘मैं आदम के लिए एक मददगार बनाऊँगा।’ उसने आदम को गहरी नींद सुला दिया, उसकी एक पसली निकाली और उससे आदम के लिए एक पत्नी बनायी। उसका नाम हव्वा था। आदम और हव्वा से पहला परिवार बना। अपनी पत्नी को देखकर आदम को कैसा लगा? वह इतना खुश हुआ कि उसने कहा, ‘देखो, यहोवा ने मेरी पसली से क्या बनाया! मेरे जैसा एक इंसान बनाया!’

यहोवा ने आदम और हव्वा से कहा कि वे बच्चे पैदा करें और धरती को इंसानों से भर दें। वह चाहता था कि आदम और हव्वा साथ मिलकर पूरी धरती को फिरदौस बनाएँ और इस काम से खुशी पाएँ। फिरदौस का मतलब है खूबसूरत बाग, जैसे अदन का बाग था। मगर परमेश्‍वर ने जो चाहा था वह नहीं हुआ। क्यों? इस बारे में हम अगले अध्याय में सीखेंगे।

“जिसने उनकी सृष्टि की थी, उसने शुरूआत से ही उन्हें नर और नारी बनाया था।”—मत्ती 19:4