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पाठ 4

गुस्सा करने से बुरा हुआ

गुस्सा करने से बुरा हुआ

अदन के बाग से निकलने के बाद आदम और हव्वा के कई बच्चे हुए। उनका पहला बेटा कैन था और दूसरा हाबिल। कैन एक किसान बना और हाबिल एक चरवाहा।

एक दिन कैन और हाबिल ने यहोवा को भेंट दी। क्या आप जानते हैं, भेंट का मतलब क्या है? इसका मतलब है, एक खास तोहफा। यहोवा हाबिल की भेंट से खुश हुआ, मगर कैन की भेंट से खुश नहीं हुआ। इसलिए कैन को बहुत गुस्सा आया। यहोवा ने उससे कहा कि वह गुस्सा करना छोड़ दे, नहीं तो वह कोई बुरा काम कर देगा। मगर कैन ने उसकी एक न सुनी।

कैन ने हाबिल से कहा, “आओ, हम मैदान में चलें।” जब वे मैदान में थे तब कैन ने हाबिल को पकड़कर मार डाला। फिर यहोवा ने क्या किया? उसने कैन को सज़ा दी। उसने कैन को उसके परिवार से बहुत दूर भेज दिया और फिर कभी वापस आने नहीं दिया।

इससे हम क्या सीखते हैं? जब सबकुछ वैसा नहीं होता जैसा हम चाहते हैं तो हमें गुस्सा आ सकता है। शायद दूसरे लोग भी हमें बताएँ कि हमें गुस्सा नहीं करना चाहिए। तब हमें तुरंत गुस्सा करना छोड़ देना चाहिए, वरना हम कोई बुरा काम कर सकते हैं।

हाबिल यहोवा से प्यार करता था और सही काम करता था, इसलिए यहोवा उसे हमेशा याद रखेगा। जब वह इस धरती को फिरदौस बनाएगा तब वह हाबिल को ज़िंदा करेगा।

“जाकर पहले अपने भाई के साथ सुलह कर और फिर आकर अपनी भेंट चढ़ा।”—मत्ती 5:24