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पाठ 25

उपासना के लिए पवित्र डेरा

उपासना के लिए पवित्र डेरा

जब मूसा सीनै पहाड़ पर था तो यहोवा ने उससे कहा कि वह एक खास तंबू बनाए, जो पवित्र डेरा कहलाएगा और जिसके सामने आकर इसराएली उसकी उपासना कर सकेंगे। वे जहाँ-जहाँ जाएँगे उस डेरे को भी उठाकर ले जा सकेंगे।

यहोवा ने कहा, ‘लोगों से कहना कि पवित्र डेरा बनाने के लिए वे जो-जो चीज़ें दे सकते हैं वे सब दें।’ इसराएलियों ने सोना, चाँदी, ताँबा, कीमती रत्न और गहने दिए। उन्होंने ऊन, मलमल, जानवरों की खाल और दूसरी कई चीज़ें भी दीं। वे इतनी सारी चीज़ें लाकर देने लगे कि मूसा को कहना पड़ा, ‘अब और चीज़ें मत लाना। हमारे पास बहुत चीज़ें हो गयी हैं!’

कई हुनरमंद आदमियों और औरतों ने डेरा बनाने में मदद दी। यहोवा ने इस काम के लिए उन्हें बुद्धि दी। कुछ लोगों ने धागे बनाए तो कुछ ने धागे बुनकर कपड़े तैयार किए और कुछ ने उन पर कढ़ाई का काम किया। दूसरों ने रत्न जड़ने का काम किया, सोने की चीज़ें बनायीं और लकड़ी तराशकर चीज़ें बनायीं।

लोगों ने पवित्र डेरा ठीक उसी तरह बनाया जैसे यहोवा ने उनसे कहा था। उन्होंने एक सुंदर-सा परदा बनाया ताकि उसे डेरे के पवित्र भाग और परम-पवित्र भाग के बीच लगा सकें। परम-पवित्र भाग में करार का संदूक था, जो बबूल की लकड़ी और सोने से बना था। पवित्र भाग में सोने की एक दीवट, एक मेज़ और धूप जलाने की एक वेदी थी। बाहर आँगन में ताँबे का एक हौद और एक बड़ी वेदी थी। करार का संदूक इसराएलियों को याद दिलाने के लिए बनाया गया था कि उन्होंने यहोवा की आज्ञा मानने का वादा किया है। क्या आप जानते हैं, करार का मतलब क्या है? इसका मतलब है, एक खास तरह का वादा।

यहोवा ने हारून और उसके बेटों को याजक बनाया ताकि वे डेरे के पास काम करें। उन्हें उसकी देखभाल करनी थी और वहाँ यहोवा के लिए बलिदान चढ़ाने थे। हारून महायाजक था और सिर्फ वही परम-पवित्र भाग के अंदर जा सकता था। वह साल में एक बार उसके अंदर जाता था। वहाँ वह अपने पापों, अपने परिवार के पापों और पूरे इसराएल राष्ट्र के पापों की माफी माँगने के लिए बलिदान अर्पित करता था।

इसराएलियों ने मिस्र छोड़ने के एक साल बाद, पवित्र डेरा बनाने का काम पूरा कर लिया। अब उनके पास यहोवा की उपासना करने के लिए एक जगह थी।

यहोवा ने उस डेरे को अपनी महिमा से भर दिया और ऐसा किया कि डेरे के ऊपर एक बादल दिखायी दिया। जब तक बादल डेरे के ऊपर छाया रहता, इसराएली तंबू लगाए रहते। मगर जब बादल उठ जाता तो वे जान जाते कि आगे बढ़ने का समय आ गया है। वे पवित्र डेरे के हिस्से अलग करते और उन्हें उठाकर बादल के पीछे-पीछे चलते थे।

“फिर मैंने राजगद्दी से एक ज़ोरदार आवाज़ सुनी जो कह रही थी, ‘देखो! परमेश्‍वर का डेरा इंसानों के बीच है। वह उनके साथ रहेगा और वे उसके लोग होंगे। और परमेश्‍वर खुद उनके साथ होगा।’”—प्रकाशितवाक्य 21:3