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बाइबल से सीखें अनमोल सबक

बाइबल से सीखें अनमोल सबक

पाठ की संख्या

अगर हम दिल से प्रार्थना करें तो यहोवा सुनता है 35, 38, 50, 64, 82

आप परमेश्‍वर के साथ-साथ दौलत की गुलामी नहीं कर सकते 10, 17, 44, 59, 75, 76

कभी-भी बुरे काम मत कीजिए 14, 27, 49, 53, 58, 88, 89

गुस्सा करने से बुरा होता है 4, 12, 41, 45, 49, 65, 89

जलन करने से दोस्ती टूट जाती है 4, 14, 41

जो भाई से प्यार नहीं करता वह परमेश्‍वर से प्यार नहीं कर सकता 4, 13, 15, 41

झूठी उपासना के पीछे शैतान का हाथ है 19, 20, 22, 38, 46, 49, 52, 58

दुष्टों का नाश कर दिया जाएगा 5, 10, 32, 46, 102

परमेश्‍वर का राज हर किसी को खुशियाँ देगा 1, 48, 62, 79, 81, 83, 85, 86

परमेश्‍वर की बात न माननेवाले उसके दुश्‍मन बन जाते हैं 7, 17, 26, 27, 28, 88

परमेश्‍वर की सुनिए और आज्ञा मानिए, तभी आप बच पाएँगे 3, 5, 10, 37, 39, 54, 59, 65, 72

परमेश्‍वर ने हमें बाइबल दी है ताकि हम बुद्धिमान बनें 56, 66, 72, 75, 81

बच्चो और जवानो—पूरे दिल से यहोवा की बात मानिए 37, 51, 59, 61, 72, 100

मरे हुए लोग ज़िंदा किए जाएँगे 48, 86, 91, 93

मुश्‍किलें सहते वक्‍त हार मत मानिए 16, 47, 51, 57, 64, 75, 90, 95, 99, 101

यहोवा अपने लोगों को राह दिखाता है 18, 25, 26, 27, 29, 34, 39, 44, 73, 80

यहोवा आपको माफ करता है, आप भी दूसरों को माफ कीजिए 13, 15, 31, 43, 92

यहोवा उन लोगों को बचाता है जो उससे प्यार करते हैं 6, 22, 40, 50, 52, 55, 64, 71, 84

यहोवा कभी झूठ नहीं बोलता 3, 10, 16, 63, 68, 70, 102, 103

यहोवा की तरह अपने वादे निभाइए 8, 9, 11, 23, 24, 31, 34, 35, 36, 66, 93

यहोवा की नज़र में सब लोग अनमोल हैं 8, 9, 11, 21, 23, 68, 70, 74, 87, 90

यहोवा के दोस्त बनिए 11, 30, 33, 51, 56, 59, 69, 81, 82

यहोवा नम्र लोगों को बचाता है 43, 45, 65, 67, 69

यहोवा ने आपको जो दिया है उसकी कदर कीजिए 12, 13, 24, 35, 36, 56, 75, 95, 100

यहोवा ने हमारा घर यानी धरती बनायी 1, 2, 102, 103

यहोवा सब देशों के लोगों से प्यार करता है 30, 33, 48, 54, 77, 94, 97, 98, 99

यहोवा सर्वशक्‍तिमान है 1, 7, 18, 19, 20, 21, 22, 26, 55, 60

यहोवा से प्यार करनेवाले दोस्त सबसे अच्छे दोस्त होते हैं 16, 33, 42, 80, 87, 100, 103

यीशु, परमेश्‍वर के राज का राजा है—उसकी आज्ञा मानिए 74, 78, 79, 83, 84, 85, 91, 92, 99

स्वर्ग और धरती पर परमेश्‍वर की मरज़ी पूरी होगी 25, 55, 60, 62, 63, 71, 96, 102

स्वार्थी होने से अपना और दूसरों का भी नुकसान होता है 3, 4, 12, 27, 28, 39, 49, 88

हम यहोवा के लिए जो करते हैं उसे वह हमेशा याद रखेगा 16, 29, 32, 48, 65, 69, 77, 100

हमें राज की खुशखबरी सुनानी चाहिए 73, 76, 94, 95, 96, 97, 98

हमेशा यहोवा का शुक्रिया अदा कीजिए 2, 6, 67, 103

हिम्मत से काम लीजिए—यहोवा हमेशा आपकी मदद करेगा 40, 47, 51, 53, 57, 61, 64, 65, 76, 88, 101