भाग 13 में क्या है
यीशु, पापी इंसानों की खातिर अपनी जान देने के लिए धरती पर आया था। हालाँकि उसकी मौत हो गयी थी, फिर भी उसने दुनिया पर जीत हासिल की थी। यहोवा अपने बेटे का वफादार रहा और उसे दोबारा ज़िंदा कर दिया। यीशु ने मरते दम तक नम्रता से दूसरों की सेवा की और उनकी गलतियाँ माफ कीं। दोबारा ज़िंदा होने के बाद वह अपने चेलों को दिखायी दिया। उसने उन्हें एक ज़रूरी काम दिया और सिखाया कि उन्हें यह काम कैसे करना है। अगर आपके बच्चे हैं तो उन्हें यह समझने में मदद दीजिए कि आज हमें भी वही काम करने का बढ़िया मौका मिला है।
इस भाग में
पाठ 87
यीशु का आखिरी भोज
यीशु अपने प्रेषितों के साथ आखिरी बार खाना खाते वक्त उन्हें कुछ ज़रूरी हिदायतें देता है।
पाठ 88
यीशु गिरफ्तार किया गया
यहूदा इस्करियोती तलवारों और लाठियों से लैस लोगों की एक बड़ी भीड़ को ले आता है ताकि वे यीशु को गिरफ्तार कर लें।
पाठ 89
पतरस ने यीशु को जानने से इनकार कर दिया
कैफा के घर के आँगन में क्या होता है? घर के अंदर यीशु के साथ क्या होता है?
पाठ 91
यीशु को ज़िंदा किया गया
यीशु को मार डालने के बादवाले दिनों में कौन-सी हैरतअंगेज़ घटनाएँ हुईं?