गीत 12
यहोवा, महान परमेश्वर
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1. हे याह यहोवा, तू गौरवशाली,
करते हम तारीफ तेरी,
न्यायी और भला तू ही।
तेरी बुद्-धि और ताकत कमाल की;
ईश्वर है अनंत तू ही।
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2. प्यार का समंदर है तू पिता याह!
मिट्टी के हम हैं बने,
फिर भी तू दुआ सुने।
तू ही सँभाले, हमको सिखाए;
तू हरदम परवाह करे।
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3. हे जग के मालिक, सबसे महान तू!
धरती, आ-स-माँ, हम भी,
करते जयजयकार तेरी!
तारीफ के लायक तू ही यहोवा,
कर कबूल स्तुति दिल की।
(व्यव. 32:4; नीति. 16:12; मत्ती 6:10; प्रका. 4:11 भी देखें।)