गीत 24
यहोवा की इबादत करें!
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1. देखो, सब से बुलंद
है पहाड़ यहोवा का!
याह की इबादत है ये,
सच्-चा-ई की है राह।
लाखों आते हैं जो
हर दिशा, हर कोने से,
कहते, ‘हम भी सीखेंगे
चलना याह की राह पे।’
ये सभी नम्र लोग,
मानें याह की हुकूमत दिल से।
जब चलें संग याह के,
वो बरसाए उन पे आशीषें।
याह से वादा करें,
हम निभाएँगे वफा,
चाहे दम भी निकले,
हाथ याह का छोड़ेंगे ना।
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2. यीशु का है फरमान,
हम खुशी का दें पैगाम।
राज वो करने लगा है,
कर दें हम ये ऐलान।
चुन लें यीशु को आज,
है गुज़ारिश लोगों से;
याह से करके सुलह,
उसकी पनाह में आएँ।
जब देखें “बड़ी भीड़,”
दिल में दौड़े लहर खुशी की;
हमने की थी मदद,
वो भी सीख पाए बातें याह की।
हम ये सब से कहें,
‘याह की राह पे साथ चलें;
मिलके करें इबादत
जो हमेशा रहे।’
(भज. 43:3; 99:9; यशा. 60:22; प्रेषि. 16:5 भी देखें।)