गीत 33
अपना बोझ यहोवा पर डाल दे!
(भजन 55)
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1. मेरी बिनती सुन, यहोवा!
करता हूँ तुझसे दुआ।
हूँ घिरा बेचैनियों से,
दिल से डर निकाल मेरा।
(कोरस)
ना फिकर तू कर, ऐ बंदे,
सारा बोझ अपना डाल तू याह पे।
कर यकीं सँभालेगा वो
और रहेगा साथ तेरे।
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2. राह पे जो बिछाते हैं जाल,
बैरी वो मेरी जाँ के।
छू हो जाऊँ मैं गगन में,
गर हों पर पंछी जैसे।
(कोरस)
ना फिकर तू कर, ऐ बंदे,
सारा बोझ अपना डाल तू याह पे।
कर यकीं सँभालेगा वो
और रहेगा साथ तेरे।
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3. शांति हम पाते हमेशा
याह दिलासा जब देता।
भार उठाने ज़िम्मों का वो
प्यार से बल हमें देता।
(कोरस)
ना फिकर तू कर, ऐ बंदे,
सारा बोझ अपना डाल तू याह पे।
कर यकीं सँभालेगा वो
और रहेगा साथ तेरे।