गीत 35
‘ज़्यादा अहमियत रखनेवाली बातें पहचानो’
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1. ज़रूरी आज कि हम ये पहचानें
क्या है सच्चा क्या झूठा;
अहम क्या है जीवन में हमारे
और क्या हमें है करना।
(कोरस)
आओ करें नेकी से प्यार,
पाप से नफरत,
तो याह खुश होके देगा आशीषें;
हाँ, जब सीखें
और समझें सारी अहम बातें।
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2. ज़रूरी क्या है इससे ज़ि-या-दा
कि राज संदेश सब को दें?
सच्-चा-ई के लिए जो तरसते,
मदद हम उनकी करें।
(कोरस)
आओ करें नेकी से प्यार,
पाप से नफरत,
तो याह खुश होके देगा आशीषें;
हाँ, जब सीखें
और समझें सारी अहम बातें।
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3. अहम कामों को करते जब पहले
हम पाते सच्चा संतोष।
वो शांति जो समझ से परे है
करती रक्षा मन की रोज़।
(कोरस)
आओ करें नेकी से प्यार,
पाप से नफरत,
तो याह खुश होके देगा आशीषें;
हाँ, जब सीखें
और समझें सारी अहम बातें।
(भज. 97:10; यूह. 21:15-17; फिलि. 4:7 भी देखें।)