इस जानकारी को छोड़ दें

विषय-सूची को छोड़ दें

गीत 54

“राह यही है!”

“राह यही है!”

(यशायाह 30:20, 21)

  1. 1. ये राह है शांति की,

    ना तू अनजान इससे;

    सिखाया यीशु ने

    इस पे चलना कैसे।

    ढूँढ़ा याह के वचन में

    तो पाया इसे,

    अमन की राह

    जो चलती आयी सद्‌-यों से।

    (कोरस)

    जीवन की ओर ले जाती राह यही!

    ठोकर ना खा, मुड़के ना देख कभी!

    याह है पुकारे, सुन ले अभी!

    इस राह पे चल, जीवन देगी यही!

  2. 2. ये राह है प्यार-भरी,

    ना कोई और ऐसी;

    देखेगा प्यार याह का,

    इस पे चले जो भी।

    है प्यार उसका सच्चा,

    उभारे हम को भी;

    चलें इस राह पे तो

    सँवर जाएँ सभी!

    (कोरस)

    जीवन की ओर ले जाती राह यही!

    ठोकर ना खा, मुड़के ना देख कभी!

    याह है पुकारे, सुन ले अभी!

    इस राह पे चल, जीवन देगी यही!

  3. 3. जीवन मिलेगा,

    याह ने हम को दी ज़ुबाँ;

    उसका वादा पक्का,

    अब पीछे देखें ना।

    मिलती खुशी यहीं,

    बेहतर ना कोई राह;

    करते यहोवा

    दिल से तेरा शुक्रिया!

    (कोरस)

    जीवन की ओर ले जाती राह यही!

    ठोकर ना खा, मुड़के ना देख कभी!

    याह है पुकारे, सुन ले अभी!

    इस राह पे चल, जीवन देगी यही!

(भज. 32:8; 139:24; नीति. 6:23 भी देखें।)