गीत 59
आओ, याह की तारीफ करें!
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1. याह की स्तुति
मिलके करें!
देता वो जीवन और साँसें हमें।
बेइंतिहा
प्यार वो करे;
ताकत बेजोड़ उसके काम में दिखे।
रात हो या दिन, उसकी तारीफ करें।
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2. याह की स्तुति
मिलके करें!
सुनता दुआएँ, सँभाले हमें।
परवाह उसे
कमज़ोरों की;
हर नम्र दिल का सहारा वही।
हम उसकी तारीफ करें हर कहीं।
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3. याह की स्तुति
मिलके करें!
न्याय वो करेगा, यकीं है हमें।
जो भी गलत
ठीक वो करे;
देगा सुकून अपने राज में हमें।
हाँ, उसकी तारीफ हम जोश से करें।
(भज. 94:18, 19; 145:21; 147:1; 150:2; प्रेषि. 17:25 भी देखें।)