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गीत 59

आओ, याह की तारीफ करें!

आओ, याह की तारीफ करें!

(भजन 146:2)

  1. 1. याह की स्तुति

    मिलके करें!

    देता वो जीवन और साँसें हमें।

    बेइंतिहा

    प्यार वो करे;

    ताकत बेजोड़ उसके काम में दिखे।

    रात हो या दिन, उसकी तारीफ करें।

  2. 2. याह की स्तुति

    मिलके करें!

    सुनता दुआएँ, सँभाले हमें।

    परवाह उसे

    कमज़ोरों की;

    हर नम्र दिल का सहारा वही।

    हम उसकी तारीफ करें हर कहीं।

  3. 3. याह की स्तुति

    मिलके करें!

    न्याय वो करेगा, यकीं है हमें।

    जो भी गलत

    ठीक वो करे;

    देगा सुकून अपने राज में हमें।

    हाँ, उसकी तारीफ हम जोश से करें।