गीत ६३
आम्ही यहोवाचे साक्षीदार!
१. मा-ती-ला दे-ऊन आ-कार,
म्ह-ण-ती लोक देव त्या-ला.
जा-ण-ले ना त्यां-नी,
दे-वा-ला ख-ऱ्या!
या-ह स-र्वां-हून म-हान,
तो तर स-र्व-श-क्ति-मान!
सां-गे भ-वि-ष्य ना को-णी-ही,
के-वळ य-हो-वा ते पा-ही!
(कोरस)
सा-क्षी आ-म्ही या-हा-चे,
सां-गू अ-भि-मा-ना-ने!
श-ब्द य-हो-वा-ने जो दि-ला,
हो-ई अ-व-श्य पु-रा!
२. ना-व य-हो-वा-चे थोर,
गा-ज-वि-तो स-र्व-दूर,
सां-गु-नि-या स-र्वां,
रा-ज्या-ची वा-र्ता.
न-म्र ज-न ऐ-कु-नी,
स-त्य हे-च जा-ण-ती.
ते-ही आ-म्हा-सं-गे ये-उ-नी,
गा-ती य-हो-वा-ची स्तु-ती!
(कोरस)
सा-क्षी आ-म्ही या-हा-चे,
सां-गू अ-भि-मा-ना-ने!
श-ब्द य-हो-वा-ने जो दि-ला,
हो-ई अ-व-श्य पु-रा!
३. या-हा-चा गौ-रव क-रे,
सा-क्ष-का-र्य आ-प-ले,
दे-ऊ-न इ-शा-रा,
दु-र्ज-नां-ना ते.
व-ळ-ता दे-वा-क-डे,
पा-पां-ची क्ष-मा मि-ळे,
आ-नं-द दे-ई न-म्र ज-नां,
नि जी-व-ना-ची-ही आ-शा!
(कोरस)
सा-क्षी आ-म्ही या-हा-चे,
सां-गू अ-भि-मा-ना-ने!
श-ब्द य-हो-वा-ने जो दि-ला,
हो-ई अ-व-श्य पु-रा!
(यश. ३७:१९; ५५:११; यहे. ३:१९ ही वचनंसुद्धा पाहा.)