गीत 71
हम सिपाही हैं यहोवा के!
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1. हम हैं सिपाही याह के,
एक संग हैं बढ़ते।
है अगुवा यीशु तो
शैताँ से क्यों डरें?
हरगिज़ चुप रहेंगे ना,
हमने है ठाना;
हर शहर, हर गाँव में,
कर देंगे ऐलाँ:
(कोरस)
“स्वर्ग में यहोवा का राज,
लो शुरू हुआ!”
खुश होके बताते
सब को हर जगह।
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2. हम सब हैं सेवक याह के,
सौंपा उसने काम;
खोजें हम नेक लोगों को,
हर कहीं, सुबोह-शाम।
मिलके साथ हमारे वो
सीखें सच्-चा-ई;
हों थके या हारे,
पाएँगे ताज़गी।
(कोरस)
“स्वर्ग में यहोवा का राज,
लो शुरू हुआ!”
खुश होके बताते
सब को हर जगह।
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3. हम हैं सिपाही याह के,
हरदम हैं तैयार।
शैताँ की चालों से हम
रहते हैं होशियार।
नेकी और सच्-चा-ई का
हम कवच पहनें;
हर हुकुम यीशु का
है सिर-आँखों पे।
(कोरस)
“स्वर्ग में यहोवा का राज,
लो शुरू हुआ!”
खुश होके बताते
सब को हर जगह।
(फिलि. 1:7; फिले. 2 भी देखें।)