गीत 74
आओ गाएँ राज का गीत!
(भजन 98:1)
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1. आओ गाएँ, ये जयगान याह के राज का,
ऊँचा करता जो नाम यहोवा का।
वफा की राह पे चलने को उभारता,
देकर उम्मीद, खुशी से है भरता:
(कोरस)
‘याह के आगे हम सब झुकें,
बेटे को ताज दिया उसने!’
आओ ये गीत सीखें और मिलके गाएँ,
‘यहोवा ही इबादत का हकदार!’
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2. गाके ये गीत ऐलाँ हम करते राज का।
हुई धरती रियासत यीशु की।
अब हैं मौजूद मसीही राज के वारिस,
मनाते जो राज आने की खुशी:
(कोरस)
‘याह के आगे हम सब झुकें,
बेटे को ताज दिया उसने!’
आओ ये गीत सीखें और मिलके गाएँ,
‘यहोवा ही इबादत का हकदार!’
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3. जो भी हैं दीन, गा लेते राज का गीत ये,
इसका पैगाम सरल है और सच्चा!
आज लाखों लोग ये गाना दिल से गाते
और दूजों को भी देते ये न्यौता:
(कोरस)
‘याह के आगे हम सब झुकें,
बेटे को ताज दिया उसने!’
आओ ये गीत सीखें और मिलके गाएँ,
‘यहोवा ही इबादत का हकदार!’
(भज. 95:6; 1 पत. 2:9, 10; प्रका. 12:10 भी देखें।)